RBI Foundation Day 2024 – सभी बैंकों का बैंक भारतीय रिजर्व बैंक आज अपनी स्थापना के 90वीं वर्षगांठ मना रहा हैं। सभी बैंकों पर अपना नियंत्रण रखने वाला देश का केंद्रीय बैंक भारतीय रिजर्व बैंक आज अपनी स्थापना का 90 साल पूरा कर चुका है। इसकी स्थापना आरबीआई एक्ट 1934 के तहत हुई थी। जैसा कि आप सभी को पता है कि भारतीय रिजर्व बैंक देश का केंद्रीय बैंक है। इसे हम सेंट्रल बैंक भी कह सकते हैं। देश के अन्य सभी बैंकों की अपेक्षा केंद्रीय बैंक का काम उसके अधिकार क्षेत्र काफी बड़े होते हैं। बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर ने भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना में अपना महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। बाबा साहब द्वारा प्रदान किए गए सिद्धांतों और दिशा निर्देशों के आधार पर ही आरबीआई का उदय हुआ। पूरे भारत में रिजर्व बैंक के कुल 29 क्षेत्रीय कार्यालय हैं। अधिकांश कार्यालय राज्यों की राजधानी में ही स्थित है।
रिजर्व बैंक की स्थापना
भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया एक्ट 1934 के प्रावधानों के अनुसार ही 1 अप्रैल 1935 में 5 करोड रुपए की पूंजी के साथ की गई थी। भारतीय रिजर्व बैंक देश का केंद्रीय बैंक या सेंट्रल बैंक है। इसकी स्थापना दुनिया के अधिकांश देशों के केंद्रीय बैंक जैसे ही हमारे देश में भी 20वीं सदी की शुरुआत में ही हुआ था। भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना हिल्टन यंग कमीशन की सिफारिश के आधार पर की गई थी। शुरुआत में केंद्रीय कार्यालय कोलकाता में रखा गया जो बाद में 1937 में मुंबई में आ गया। रिजर्व बैंक के सेंट्रल ऑफिस में गवर्नर बैठते हैं और यहीं पर केंद्रीय बैंक द्वारा नीतियां बनाई जाती हैं। ब्रिटिश काल में इसे एक निजी बैंक के रूप में जाना जाता था, फिर 1949 में इसे भारत सरकार का उपक्रम बना दिया गया। अर्थात 1 जनवरी 1949 को भारतीय रिजर्व बैंक का राष्ट्रीयकरण किया गया था।
रिजर्व बैंक बनने पर पहले गवर्नर
Sir Osborne Arekell Smith भारतीय रिजर्व बैंक के प्रथम गवर्नर बने। मिस्टर स्मिथ को न्यू साउथ वेस्ट में 20 साल और कॉमनवेल्थ बैंक ऑफ ऑस्ट्रेलिया में 10 साल की सेवा का अनुभव प्राप्त था। इन्होंने भारत में बैंकिंग क्षेत्र को एक नई पहचान दिलाई। हालांकि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान किसी भी भारतीय रुपए के नोट पर अपने हस्ताक्षर नहीं किया।
RBI के प्रथम भारतीय गवर्नर कौन थे?
Sir Osborne Arekell Smith भारतीय रिजर्व बैंक के प्रथम गवर्नर तो थे किंतु यह भारतीय नहीं थी अब आप जानना चाहेंगे कि पहले भारतीय गवर्नर कौन थे? तो ऐसे में इसका जवाब है कि सर सीडी देशमुख (Sir Chintaman Dwarkanath Deshmukh) भारतीय रिजर्व बैंक के पहले भारतीय गवर्नर बने। वह एक सिविल सर्वेंट थे। बाद में उन्होंने केंद्रीय मंत्रिमंडल 1950 से 1956 के दौरान वित्त मंत्रालय के रूप में भी अपना सेवा दिया।
वर्तमान में आरबीआई के गवर्नर कौन है?
वर्तमान में आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास है। यह तमिलनाडु के 1980 बैच की सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी हैं। वर्तमान में यह 25वें गवर्नर के रूप में कार्यरत है। 12 सितंबर 2018 से वर्तमान में यह अपने कार्यकाल पर हैं।
आरबीआई की आवश्यकता क्यों हुई?
प्रथम विश्व युद्ध के बाद आर्थिक परेशानियों से निपटने के लिए ही आरबीआई की स्थापना की गई। मौद्रिक नीति ढांचे का आधुनिकरण करके आर्थिक चुनौतियों से निपटने हेतु तथा देश की मौद्रिक स्थिरता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से आरबीआई को बनाया गया और देश को इसकी आवश्यकता महसूस हुई।
भारतीय रिजर्व बैंक क्या है?
भारतीय रिज़र्व बैंक देश का केंद्रीय बैंक है। इसका प्रमुख कार्य देश की वित्तीय प्रणाली प्रबंधन और संचालन करना ताकि देश की आर्थिक स्थिरता और विकास को सुनिश्चित और सुसंचालित कर सके।
भारतीय रिजर्व बैंक के मुख्य कार्य
- आरबीआई भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए नोटों की छपाई और पैसों की आपूर्ति का प्रबंध करने के लिए जिम्मेदार होता है।
- भारतीय रिजर्व बैंक विदेशी रिजर्व, बैंकों का बैंक, भारत सरकार के बैंकर और ऋण नियंत्रण के रूप में कार्य करता है।
- भारतीय रिजर्व बैंक के पास ₹1 के नोट को छोड़कर सभी प्रकार के नोट को छापने और जारी करने का एकाधिकार है। ध्यान रहे ₹1 के नोट को केवल वित्त मंत्रालय द्वारा ही जारी किया जाता है।
- भारतीय रिजर्व बैंक को बैंकों का बैंक कहा जाता है क्योंकि वह अन्य वाणिज्यिक बैंकों के लिए इस प्रकार का कार्य करता है। जिस प्रकार का कार्य अन्य बैंक अपने ग्राहकों के साथ करते हैं अर्थात भारतीय रिजर्व बैंक देश के सभी वाणिज्यिक बैंकों को पैसा ऋण स्वरूप देता है।
- भारतीय रिजर्व बैंक को भारत सरकार का बैंक भी कहते हैं क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण कार्य भारत सरकार और राज्यों के बैंक एजेंट और सलाहकार के रूप में काम करना होता है। यह केंद्र सरकार और राज्य सरकार के सभी बैंकिंग कार्य करता है साथी सरकार के आर्थिक और मौद्रिक नीति से संबंधित मामलों पर सरकार को जरूरत के अनुसार सलाह भी देता है। साथ ही यह सरकार के सार्वजनिक ऋण का प्रबंध भी करता है।
- भारतीय रिजर्व बैंक क्रेडिट का नियंत्रण भी करता है। इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए यह देश में प्रभावी रूप से ऋण को नियंत्रित करने और विनियमन करने के लिए मात्रात्मक और गुणात्मक तरीकों का पूरा उपयोग करता है।
- विदेशी विनिमय दर को स्थिर रखने के उद्देश्य से भारतीय रिजर्व बैंक विदेशी मुद्राओं को खरीदना और बेचता है ताकि देश के विदेशी मुद्रा भंडार की सुरक्षा हो सके।
- इन सबके अलावा भी भारतीय रिजर्व बैंक कई अन्य कार्यों को करता है जिससे देश में विकास हो सके जैसे कृषि के लिए ऋण उपलब्ध कराना l
- अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष में भारत सरकार के प्रतिनिधि के रूप में भी भारतीय रिजर्व बैंक कार्यकर्ता है।
- इन सबके अलावा भारतीय रिजर्व बैंक का एक नया विभाग जिसे वित्तीय बाजार विभाग के नाम से जाना जाता है। इसका गठन भी देश के विकास हेतु कुछ अन्य कार्य हेतु भी किया गया है जिसमें विदेशी मुद्रा बाजार की निगरानी करना भी शामिल है।
- भारतीय रिजर्व बैंक केंद्रीय बैंक देश की मौद्रिक नीति को बनता है और उन नीति को बनाए रखने के लिए उन सभी उपायों को करता है जिससे कि देश की अर्थव्यवस्था में आवश्यकता के अनुसार मुद्रा की पूर्ति सुनिश्चित की जा सके।
RBI गठन के पूर्व
जब भारतीय रिजर्व बैंक का गठन नहीं हुआ था तब सरकार के मुद्दा नियंत्रण का काम इंपीरियल बैंक आफ इंडिया करता था। इंपीरियल बैंक आफ इंडिया के काम का दायित्व सरकारी खातों और सार्वजनिक ऋण का प्रबंध करना था। आगे चलकर इंपीरियल बैंक ऑफ़ इंडिया साल 1955 में स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया (SBI) बनकर उभरा। इंपीरियल बैंक ऑफ़ इंडिया का दायित्व 1 अप्रैल 1935 में रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने अपने हाथों में लिया।
केंद्रीय बैंक के रूप में भारत के अलावा भी वर्मा और पाकिस्तान के लिए कार्य किया
भारतीय रिजर्व बैंक भारत का केंद्रीय बैंक होने के साथ-साथ कुछ समय तक अन्य देशों के केंद्रीय बैंक के रूप में भी अपने कार्य का संचालन किया। बर्मा अर्थात म्यांमार साल 1937 में ही भारतीय संघ से विभाजित हो गया था किंतु वर्मा के लिए 1947 तक सेंट्रल बैंक के रूप में अपना कार्य किया। बाद में 1947 में पाकिस्तान का भारत से विभाजन के बाद भी सेंट्रल बैंक के रूप में अपना कार्य 1948 तक जारी रखा।
भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना के वक्त यह शेरहोल्डर्स बैंक के रूप में स्थापित हुआ था। किंतु 1949 में इसका नेशनलाइजेशन कर दिया गया। इससे इसका संपूर्ण मालिकाना स्वामित्व भारत सरकार के पास स्वयं हस्तांतरित हो गया। रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया देश में बैंकिंग सिस्टम का रेगुलेटर है। आज भारत का रिजर्व बैंक अपने ऐतिहासिक पडाव पर है। यह ऐसी संस्था के रूप में जाना जाएगा जो आजादी के पहले और आजादी के बाद का गवाह है।
भारत की सर्वोच्च मौद्रिक संस्था भारतीय रिजर्व बैंक आज अपने 91 वर्ष में प्रवेश कर रहा है। जिस पर हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान ₹90 का एक सिक्का भी जारी किया है। सरकारी एक्जाम हेल्प की तरफ से देश की सर्वोच्च मौद्रिक संस्था भारतीय रिजर्व बैंक को आने वाले शताब्दी वर्ष तक विकसित भारत की संकल्प पर्व को पूरा करने और देश के प्रगति पथ पर अपने लक्ष्य और संकल्पों के लिए हार्दिक बधाई देते हैं।
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