अमेरिका ईरान आमने-सामने: AMERICA IRAN FACE TO FACE

अमेरिका ने इराक में  ईरान की  सेना के सबसे हाई प्रोफाइल सैन्य अधिकारी मेजर जनरल कासिम सुलेमानी को मार गिराया जिसके बाद ईरान और अमेरिका के बीच तनाव (Tension) बढ़ गया है। अपने सैन्य अधिकारी की हत्या Murder से ईरान गुस्से से उबल रहा है उसने पटवार करते हुए बगदाद में अमेरिका दूतावास (Embassy) पर रॉकेट दागे हैं।

अब फिर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने धमकी दी है कि अगर ईरान ने अमेरिकी सेना या फिर जनता पर किसी तरह का हमला किया तो अमेरिका के  रडार पर 52 ठिकाने Hideout है।

जिसे वह तहस नहस कर देगा। इन दोनों के बीच के बढ़ते तनाव से दुनिया सहम गई है। तमाम देश सक्रिय (Active) हो गए हैं।

जो किसी से किसी रूप से इन दोनों देशों से जुड़ा है। कासिम सुलेमानी (Qasim Sulemani) के मारे जाने के बाद अमेरिका के विदेश मंत्री माइकल पियो ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) से बात की है।

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तनाव:  ईरान और अमेरिका | TENSION : IRAN AND AMERICA

अमेरिका ईरान आमने-सामने : AMERICA IRAN FACE TO FACE
अमेरिका ईरान आमने-सामने : AMERICA IRAN FACE TO FACE

ईरान और अमेरिका के बीच तनाव ने पूरी दुनिया की नींद उड़ाई हुई है। क्योंकि युद्ध कभी किसी का भला नहीं करता।ईरान-अमेरिका के बीच तनाव इन दिनों चरम सीमा पर है। उसका असर भारत पर भी पड़ना शुरू हो गया है।

अगर ईरान और अमेरिका के बीच तनाव नहीं घटता तो भारत के लिए व्यापार में मुश्किलें आ सकती हैं।

बदले की आग में धधक रहे ईरान को इराक के असद और एरबिल स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डे पर दर्जन भर मिसाइलें दागने  के बाद शांति मिल गई हो, लेकिन अब अमेरिकी प्रतिक्रिया (Reaction) की संभावना (Chance)  काफी बढ़ गई है।

दुनिया के तमाम देशों ने ईरान और इराक के असमान से होकर जाने वाले अपने नागरिक जहाजों का रास्ता बदल दिया है। ईरान  के हमले के बाद सतर्कता (Alertness) बरती जा रही है।

अमेरिका की सोच THINKING OF AMERICA 

अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ईरान पर दबाव बनाएंगे ईरान पर दबाव के जरिए एक बेहतर डील करने की कोशिश करेंगे। इसके साथ-साथ अमेरिका की कोशिश इराक से अपने सैन्य अड्डे हटाने की रहेगी। उसे इराक अब असुरक्षित (Unsafe) लग रहा है।

उसे नए सैन्य बेस (Military base) के बारे में भी काफी सोचना पड़ेगा। ईरान के सैन्य कमांडर जनरल सुलेमानी के मारे जाने शिया समुदाय एकजुट हो गया है।
इसलिए अमेरिका जहां भी अपने सैनिकों को ले जाएगा वहां उसे शियाओं  से पैदा होने वाला खतरा (Risk) रहेगा। इसके साथ-साथ राष्ट्रपति ट्रंप का पहला प्रयास अमेरिका में अपने वोट बेस (Vote base) को मजबूत देना है।

वह अभी राष्ट्रपति चुनाव में सफलता पाने के प्रयासों में लगेंगे दूसरी बार राष्ट्रपति बनने के बाद ईरान पर अपना घेरा बढ़ाएंगे।

ऑपरेशन मार्टिर  सुलेमानी : OPERATION MARTYR SULEMANI 

अमेरिकी हमलावरों के आपराधिक एवं आतंकी अभियान के जवाब और सुलेमानी की कराना हत्या एवं दर्दनाक शहादत का बदला लेने के लिए था। इस दौरान ईरान ने अमेरिका को क्रूर आतंकी और शैतान जैसे शब्दों से नवाजा यही नहीं उसने अमेरिका की मदद करने वाले देशों को भी चेतावनी दी ईरान ने अमेरिका को चेताया।

  • हम बड़े शैतान क्रूर और अहंकारी अमेरिकी शासन को चुनौती देते हैं, कि किसी भी नए दुर्भावनापूर्ण (Maticious) कृत्य (Act) या  हमलावर गतिविधि का अंजाम और भी अधिक दर्दनाक (Painful) तथा विनाशकारी (Destructive) होगा।
  • अमेरिकी आतंकी सेना के हमलावर हवाई प्रतिष्ठान Air Station पर जमीन से जमीन पर मार करने वाली दर्जनों मिसाइलें दागी गई अल असद का नाश कर दिया गया।
  • हम अमेरिकी लोगों को सलाह देते हैं कि वे और अधिक नुकसान व क्षेत्र में मौजूद अपने सैनिकों का जीवन बचाने के लिए अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाए।

ईरान और अमेरिका के बीच पिछले लंबे समय से बने रिश्तो के बाद अब दोनों के बीच युद्ध की स्थिति बनती दिख रही है। ईरान ने अपने कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी की मौत के बाद अमेरिकी सैन्य ठिकानों (Bases) पर मिसाइल हमला किया है और ऐसी अमेरिकी सैनिकों को मारने का दावा किया है। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि ईरानी कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी आतंकवादी था।

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विमान हादसा : PLANE CRASH

अमेरिका और ईरान के बीच जारी तनाव के बीच ईरान की राजधानी (Capital) तेहरान (Tehran) स्थित इमाम खोमेनी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास एक यात्री विमान क्रैश हो गया है। विमान यूक्रेन का था और इसमें सवार सभी 176 यात्री मारे गए।

ईरान की मिसाइलों ने ही गलती से इस विमान को अपना निशाना बनाया था। पहले ईरान सरकार ने इसको स्वीकार नहीं किया था। लेकिन आज दिनांक  11.01 .2020 को ईरान सरकार ने बयां जारी करके कहा की ‘मानवीय भूल के कारन यूक्रेन (Ukraine) का विमान मार गिराया। मारे गए लोगों में 82 ईरानी और कनाडा के नागरिक थे। जांच दल और बचाव कर्मी दुर्घटना स्थल पर पहुंचे हालांकि उन्हें कोई भी जिंदा नहीं मिला।
ताजा हमले के बाद अमेरिका ने तत्काल प्रभाव से ईरान और इराक के ऊपर से किसी भी अमेरिका फ्लाइट के गुजरने पर पाबंदी (Restriction) लगा दी है।

अमेरिका को आशंका है कि ईरान समर्थित विद्रोही संगठन अमेरिकी हवाई जहाजों को निशाना बना सकते हैं। कुछ दिनों पहले भी अमेरिकी खुफिया एजेंसियों (Agencies) ने चेतावनी जारी करते हुए कहा था कि विद्रोहियों के पास विमान को मार गिराने वाली मिसाइलें हैं।

इस एयरबेस पर अमेरिका के साथ गठबंधन (Alliance) सेनाएं तैनात हैं। इस हमले में अमेरिकी गठबंधन सेना को कितना नुकसान हुआ है इसकी सटीक जानकारी नहीं मिल सकी है।

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