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बिहार STET भर्ती मामला: पात्रता परीक्षा पास सभी मिलेगा शिक्षक बनने का मौका | हाईस्कूल शिक्षकों के 40 हजार पद और 72 हजार अभ्यर्थी। नए आदेश के बाद मेरिट लिस्ट वालों की नौकरी अब पक्की नहीं

News Summary: बिहार राज्य की शिक्षक पात्रता परीक्षा के अंतर्गत सभी पास अभ्यर्थियों को शिक्षक बनने का मौका समान रूप से मिलने जा रहा है लेकिन सबसे बड़ी बात यह हो गई कि इससे पहले जिन अभ्यर्थियों का नाम मेरिट लिस्ट में आया है, अब उनकी नौकरी पक्की नहीं रही।

क्यों  नौकरी पक्की नहीं रही जावने के लिए पूरा पढ़ें

बिहार STET भर्ती मामला
बिहार STET भर्ती मामला

मतलब अब नए  candidate भी इस भर्ती प्रक्रिया में शामिल कर लिये गये हैं। इस कारण से मेरिट में सीटों के सापेक्ष उतने ही कैंडिडेट थे, जितने सीटें थी, इसलिए ऐसे कैंडिडेट मेरिट लिस्ट में थे। परंतु  नए अभ्यर्थियों के आने से  मामला उलट गया क्योंकि high school के इन पदों के लिए कुल 40000 सीटें थीं लेकिन अब नए कैंडिडेट के आ जाने से मेरिट लिस्ट वालों को इन सीटों के लिए इनके साथ कंपटीशन करना होगा। गौरतलब है कि 40000 सीटों के लिए नए कैंडिडेट के आ जाने से कुल संख्या सीटों के सापेक्ष candidate  की संख्या 72000 हो गई है। इस तरह से लगभग 1 सीट के लिए 2 कैंडिडेट दावेदार हैं। इसलिए अब मुकाबला कड़ा हो गया है। पूरी खबर को जानने के लिए अंत तक पढ़े। 

एसटीईटी पास मेरिट व क्वालिफाइड दोनों को मिलेगा परीक्षा में बैठने का मौका।

इस खबर को समझने से पहले आप ध्यान दें कि प्राथमिक और जूनियर के अलावा हाईस्कूल स्तर के शिक्षकों की भर्ती के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा हर राज्यों द्वारा आयोजित की जाती है। इसी तरह से 2011 से लेकर अब तक बिहार सरकार द्वारा एसटीइटी का आयोजन किया गया लेकिन 2011 के प्रमाण पत्र की वैधता केंद्र सरकार द्वारा  राइट टू एजुकेशन 2009  में संशोधन करते हुए सभी राज्यों की शिक्षक पात्रता की 5 साल की वैलिडिटी को बढ़ाकर आजीवन कर दिया है इस कारण से अब 2011 बिहार स्टेट के बचे हुए शिक्षक भी इस नई भर्ती में फॉर्म भरने के योग हो गए हैं आइए पूरी खबर को जाने, इसके लिए  खबर को अंत तक पढ़े।

अब स्थिति यह है कि बिहार शिक्षक भर्ती मामले  में सातवें चरण में लगभग 40 हजार हाईस्कूल शिक्षकों की  नियुक्ति प्रक्रिया  में एसटीईटी पास 72 हजार अभ्यर्थी शामिल होंगे।

इसका मतलब हुआ कि  पद से लगभग दोगुने अभ्यर्थी बहाली में शामिल होंगे।  ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि राज्य सरकार ने बीते शनिवार को एसटीईटी 2019 की मेरिट लिस्ट में शामिल Candidate  के अलावा  क्वालिफाइड  अभ्यर्थियों को भी बहाली में शामिल करने का आदेश दे दिया।

आपको बता दें कि 15 अलग-अलग विषयों के 30675 मेधावी सूची पर  आने वाले  अभ्यर्थियों  (Merit List Candidates)  और  इसके अलावा लगभग 35 हजार क्वालिफाइड अभ्यर्थी हैं।  जबकि  एसटीईटी 2011 परीक्षा में पास 16196 अभ्यर्थियों को भी मौका मिलेगा। जो छठे चरण में शिक्षक बनने में सफल नहीं हो सकेंगे।

सरकार के ताजा आदेश से अब इनकी नौकरी पक्की नहीं

आपको बता दें कि 21 जून को बिहार बोर्ड ने एसटीईटी के 12 विषयों में 24599 परीक्षा परिणाम जारी करते समय कहा था कि इन सब की नौकरी पक्की है।  परंतु सरकार ने जो अभी ताजा फैसला दिया है उससे उनकी नौकरियां पक्की नहीं रही गई है। अब वस्तु स्थिति यह हो गई कि एसटीईटी 2019 के  पास सभी Candidate  को समान मौका मिलेगा।

इसके साथ ही अब कंपटीशन इस भर्ती में अधिक  हो  गया क्योंकि एसटीईटी 2011 में उत्तीर्ण अभ्यर्थी, जिनके प्रमाण पत्र की मान्यता जून 2021 में समाप्त हो रही थी, इसकी पात्रता उम्र भर (lifetime Validity Increase)  के लिए कर दी गई है। तो दोस्तों इस तरह से आने वाली भर्ती में यह लोग भी पात्र हो गए। इस तरह से देखा जाए तो अब नए आदेश से मेरिट लिस्ट वालों की नौकरी अब पक्की नहीं है।

शिक्षा सचिव की अध्यक्षता में बनी कमेटी अनुशंसा

दोस्तों बिहार बोर्ड ने रिजल्ट जारी करने के साथ मेरिट सूची के सफल अभ्यर्थियों के  के रिजल्ट के साथ क्वालिफाइड तो लिखा है बट नॉट इन मेरिट भी  लिख दिया है। Merit अभ्यर्थियों का विषयवार कुल संख्या 30675 बताई गई है। लेकिन मजेदार बात यह है कि इन कैंडिडेट की क्वालिफाइड बट नॉट इन मेरिट की संख्या ही नहीं बताई गई। इस कारण से यह मामला हाईलाइट हो गया। हंगामा होने के बाद यार के शिक्षा विभाग के शिक्षा सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दी और उसने कहा कि माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षक बनने के लिए पात्र माना गया और ऐसे क्वालिफाइड कैंडीडेट्स की संख्या 35000 बताई गई।

ऑनलाइन  आवेदन स्वीकार किए जाएंगे

 दोस्तों सातवें चरण की नियुक्ति के लिए   online form भरने और चयन प्रक्रिया को केंद्रीयकृत तरीके से अंजाम दिया जाएग।  online फार्म  सभी कैंडिडेट से ऑनलाइन भरवाया जाएगा।  आपको बता दें कि गैलरी के तरीके से ऑनलाइन फॉर्म भरने से अब 1 अभ्यर्थियों को कई नियोजन इकाई के लिए आवेदन करने की जरूरत नहीं होगी बल्कि  ऑनलाइन फॉर्म  घर जाते समय ही इस बात की प्राथमिकता ले ली जाएगी कैंडिडेट से कि वह किस जगह नियुक्ति लेना चाहते हैं।   

शिक्षक नियुक्ति नियमावली से ऐसे बनेगी merit list

बिहार शिक्षक  नियुक्ति नियमावली 2020 के प्रावधान के तहत  हाईस्कूल (कक्षा 9 व 10) के टीचर की नियुक्ति के लिए उनके ग्रेजुएशन और बीएड के नंबर  प्रतिशत  को जोड़ दिया जाएगा। फिर इन्हें 2 से भाग दे दिया जाएगा जो अंक आएगा वह अभ्यर्थी की मेधा सूची में  रखा जाएगा और इस तरह से  अधिकांश से कम अंक तक आरक्षण इत्यादि को ध्यान में रखते हुए उपलब्ध सीटों के अनुपात में मेरिट लिस्ट बनेगी।

स्पष्ट कर दें कि उच्च माध्यमिक में 50 परसेंट जीते प्रोन्नति द्वारा भरा जाएगा पुलिस स्टाफ और सीधी भर्ती के लिए 50 परसेंट सीटी ही उपलब्ध रहेगी। आइए आप जाने की उच्च   उच्च माध्यमिक में चयन के लिए किस तरह से मेरिट बनेगी –

उच्च माध्यमिक स्कूल यानी कक्षा 11 व 12 के लिए  स्नातकोत्तर (पीजी) और बीएड के अंक प्रतिशत को जोड़ कर, 2 से भाग देने पर जो परसेंटेज नंबर आएगा। उसे मेधा सूची में रखा जाएगा और इस तरह से उपलब्ध सीटों से अनुसार किसी अभ्यर्थी का चयन होगा।

5 अंकों का वेटेज: के अतिथि टीचर के लिए

 आपको बता दें कि उच्च माध्यमिक स्कूलों में अतिथि शिक्षकों के तौर पर जिन्होंने काम किया है उनको 5 अंकों का इस भर्ती में वेटेज मिलेगा। इसके अलावा भूतपूर्व सैनिक की विधवा को भी मेधा सूची में  10 नंबर का अतिरिक्त वेटेज दिया जाएगा।

एसटीईटी मेरिट लिस्ट से असंतुष्ट टीईटी शिक्षक संघ, High Court  का दरवाजा खटखटाएंगे

जैसा कि मालूम है कि एसटी की पास कैंडिडेट की मेघा सूची को लेकर धांधली के आरोप भी लग रहे हैं।  इसी बीच असंतुष्ट TET शिक्षक संघ इसकी जांच करवाने  की  हाई कोर्ट में केस करने जा रहे हैं। शिक्षक  टीईटी संघ  माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक नियमावली  2020 के आधार पर नियोजन की प्रक्रिया पूरी करने की मांग करेगा। संघ के प्रदेश संयोजक अमित विक्रम ने मीडिया को बताया कि  बिहार बोर्ड ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर मेरिट लिस्ट निकाली है जबकि मेरिट लिस्ट निकालने का अधिकार नियमानुसार केवल अधिकार नियोजन इकाइयों को है।  उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जो कैंडिडेट सफल से उन्हें भी लिस्ट से बाहर कर दिया गया है।

असंतुष्ट पक्ष न्यायालय की शरण में जाएगा तो इस कारण से यह भर्ती लंबी चलने की संभावना है। आपको बता दें कि  इससे पहले भी कई राज्यों की शिक्षा विभाग की भर्तियों में नियमों को लेकर गड़बड़ियों के कारण मामला न्यायालय में जाकर उलझ गया और भर्ती देर से हुई, जिस कारण से नौकरी की उम्मीद रखने वाले कैंडिडेट को परेशानियों का सामना करना पड़ा।

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