Amarnath Yatra 2024 Registration Process in Hindi: श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड द्वारा अमरनाथ यात्रा के तारीख का ऐलान हो चुका है यह यात्रा इस वर्ष 29 जून से शुरू होगी। बाबा बर्फानी की अमरनाथ यात्रा हिंदू धर्म में सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ है। जिसे हर हिंदू अपने जीवन काल में एक बार जरूर बाबा अमरनाथ का दर्शन करना चाहता है। बाबा बर्फानी अमरनाथ मंदिर के लिए वार्षिक तीर्थ यात्रा इस वर्ष 29 जून से आरंभ हो रही है जो की 19 अगस्त को समाप्त हो जाएगी। श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड द्वारा पवित्र गुफा मंदिर हेतु यात्रा 29 जून से शुरू होकर 19 अगस्त को समाप्त होगी। यह यात्रा केवल 52 दिनों की होगी।
अमरनाथ यात्रा: प्राकृतिक सौंदर्य और आत्मिक शांति का अनुभव
कश्मीर में समुद्र तल से 388 किमी मीटर ऊपर है। श्रीनगर से 141 किलोमीटर दूर और समुद्र तल से 12756 फीट की ऊंचाई पर स्थित इस पवित्र गुफा में एक बर्फ की आकृति की शिवलिंग की संरचना है, जो चंद्रमा के चरणों के साथ घटती और बढ़ती है। भक्तों में यह विश्वास है की बर्फ की संरचना भगवान शिव की पौराणिक शक्तियों का प्रतीक है। यह देश के सबसे कठिन तीर्थ यात्रा में से है, जो कश्मीर में स्थित है। बाबा बर्फानी के दर्शन हेतु प्रतिवर्ष देश भर से लाखों भक्तों की भीड़ यहां उमड़ती है। भक्त जुलाई अगस्त जो कि हिंदू कैलेंडर के अनुसार श्रावण माह में श्रावणी मेले के दौरान अमरनाथ का दर्शन और पूजा करने के लिए इस पवित्र गुफा में जाते हैं। यह यात्रा पूरे वर्ष में एकमात्र निश्चित समय के लिए होता है।
52 दिनों की यह यात्रा वार्षिक अमरनाथ यात्रा को प्रथम पूजन द्वारा चिन्हित किया जाता है। हिंदू तीर्थ यात्रियों को गुफा मंदिर के अंदर उनके दर्शनों की सुविधा हेतु मुस्लिम टट्टू वालों और वहां के अन्य शिव सेवकों द्वारा मदद लेनी होती है। यह यात्रा या तो गांदेरबल जिले में 14 km के छोटे बालटाल मार्ग से या दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम के 48km पारंपरिक लंबे मार्ग से गुफा मंदिर तक जाते हैं। बाबा बर्फानी की अमरनाथ यात्रा के दौरान सुरक्षा काफी सख्त रखी जाती है साथ ही अमरनाथ यात्रा के दौरान इलाके में खराब मौसम की स्थिति और प्राकृतिक आपदाओं की तैयारी हेतु भी बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात किए जाते हैं।
श्री अमरनाथ यात्रा करते समय कुछ आवश्यक चीज अपने पास अवश्य रखें
इस तीर्थ यात्रा के दौरान गर्म कपड़े, छतरी, टॉर्च, वाटरप्रूफ ट्रैकिंग शूज, रेनकोट आदि अवश्य रखें।
श्री अमरनाथ यात्रा हेतु आवश्यक दस्तावेज
यदि आप बाबा बर्फानी अमरनाथ यात्रा करने का सोच रहे हैं या जा रहे हैं तो इस दौरान अपने साथ आप अपना वोटर आईडी कार्ड या आधार कार्ड अवश्य रखें इसके अलावा आपको मेडिकल फिट होना आवश्यक है।
Medical test के बाद ही होगा पंजीयन
पंजीयन के पहले स्वास्थ्य विभाग ने मेडिकल टेस्ट शुरू किया है। इस यात्रा का पंजीयन वे ही लोग कर पाएंगे जो स्वस्थ हैं। अनिवार्य स्वास्थ्य प्रमाण पत्र बनाने के लिए अधिकृत डॉक्टर को मनोनीत किया गया है। इनके द्वारा ही आप फिटनेस सर्टिफिकेट बनवा सकते हैं। बाबा बर्फानी अमरनाथ यात्रा के लिए सरकार द्वारा उम्र भी तय की गई है। बाबा बर्फानी के दर्शन हेतु 13 वर्ष से लेकर 70 वर्ष की आयु वर्ग के लोग ही यात्रा कर सकते हैं।
पंजीयन 15 अप्रैल से शुरू हो रही है। इस तीर्थ यात्रा यात्रा में दो रूट होंगे। इसके लिए पंजीयन करते समय यात्रियों को इन दो रूट में से किसी एक रूट का विकल्प चुनना है।
अमरनाथ यात्रा हेतु रजिस्ट्रेशन आवश्यक
बाबा बर्फानी अमरनाथ के दर्शन करने की इच्छा रखने वाले भक्तों को लंबी इंतजार के बाद अपनी यात्रा की योजना बनाने का मौका मिला है। अमरनाथ यात्रा की तारीख सामने आने से अब इस यात्रा के लिए जरूरी है कि आप अपना रजिस्ट्रेशन करवा ले, क्योंकि अमरनाथ यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन होना अनिवार्य है। यह रजिस्ट्रेशन 15 अप्रैल से शुरू हो रहा है । बाबा अमरनाथ की पवित्र गुफा में भगवान भोलेनाथ ने माता पार्वती को अमृतत्व की कथा सुनाई थी। बाबा बर्फानी के दर्शन हेतु यदि आप भी अमरनाथ यात्रा के बारे में सोच रहे हैं तो अभी जाकर श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अभी से अपना रजिस्ट्रेशन करवा ले।
अमरनाथ यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन फीस क्या है?
2024 की अमरनाथ यात्रा के लिए प्रति व्यक्ति 150 रुपए की रजिस्ट्रेशन फीस है। इस यात्रा के लिए बैंक शाखाओं के माध्यम से वेबसाइट पर उपलब्ध रहने वाले बैंक शाखाओं के माध्यम से रजिस्ट्रेशन फीस का भुगतान किया जा सकता है।
अमरनाथ यात्रा के लिए कहां करा सकते हैं रजिस्ट्रेशन?
यदि आप इस साल अमरनाथ यात्रा के लिए पंजीकरण कराना चाहते हैं, तो आप श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट https://jksasb.nic.in पर जा कर पंजीकरण कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, आप अमरनाथ श्राइन बोर्ड की मोबाइल एप्लिकेशन का उपयोग करके भी अमरनाथ यात्रा के लिए पंजीकरण कर सकते हैं।
अमरनाथ यात्रा करने के लिए आयु सीमा क्या है?
अमरनाथ यात्रा के रजिस्ट्रेशन से पहले आपको श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर यात्रा से जुड़े नियमों को ध्यान से पढ़ लेना चाहिए। 13 वर्ष से कम उम्र वाले और 70 वर्ष से अधिक उम्र वाले व्यक्ति को अमरनाथ यात्रा में शामिल नहीं होने दिया जाता है। साथ ही, 6 सप्ताह से अधिक गर्भवती महिलाओं का भी यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं किया जाता है।
अमरनाथ यात्रा 2024 की रजिस्ट्रेशन और यात्रा शुरू होने की डेट क्या है?
अमरनाथ यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन आज, अर्थात् 15 अप्रैल 2024 से शुरू हो गया है। श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) ने यह जानकारी दी है कि अमरनाथ मंदिर की वार्षिक तीर्थयात्रा 29 जून से शुरू होगी और 19 अगस्त को समाप्त हो जाएगी।
अमरनाथ गुफा में शिवलिंग का रहस्य: चंद्रमा का विचित्र प्रभाव
गुफा की परिधि लगभग 150 फुट की है और इसमें ऊपर से बर्फ के पानी की बूंदे जगह-जगह टपकता है जो बूंदे बीचो-बीच गिरती है। उन टपकने वाली हिम बूंदे से लगभग 10 फीट लंबा शिवलिंग बनता है और सबसे आश्चर्यजनक बात यह होती है की शिवलिंग ठोस बर्फ का बनता है। जबकि इस गुफा में अन्य जगहों पर टपकने वाली बूंद से सच्ची बर्फ बनती है।
मूल अमरनाथ शिवलिंग से कुछ ही फुट की दूरी पर गणेश, भैरव और पार्वती के वैसे ही अलग-अलग हिमखंड बन जाते हैं। गुफा के बीचो-बीच बर्फ का एक बुलबुले बनता है। वह थोड़ा-थोड़ा करके 15 दिन तक रोजाना बढ़ता रहता है और दो गज से अधिक ऊंचा हो जाता है। फिर चंद्रमा की घटना के साथ-साथ वह भी घटना शुरू हो जाता है। अमावस्या पर चांद के लुप्त होते ही शिवलिंग भी लुप्त हो जाता है। इसका सीधा मतलब है कि चंद्र की कलाओं के साथी हिमलिंग बढ़ता है और इस चंद्र कलाओं के साथ घटकर लुप्त हो जाता है।
चंद्रमा का संबंध शिव से माना जाता है किंतु ऐसा क्या है?, कि चंद्रमा का असर सिर्फ इस ही हिमलिंग पर पड़ता है बाकी अन्य गुफाओं के अन्य बूंद पर इसका असर क्यों नहीं होता है?
अमरनाथ गुफा की तरह आसपास अमरावती नदी के पथ पर कई अन्य गुफाएं भी हैं वे सभी बर्फ से ढकी हुई है और वहां पर भी छत से बूंद बूंद में हम टपकता है लेकिन वहां कोई शिवलिंग अर्थात हिमलिंग क्यों नहीं बनता है?
पौराणिक इतिहास
कश्मीर घाटी में राजा दक्ष और ऋषि कश्यप अपने पुत्रों के साथ रहते थे। एक बार कश्मीर की घाटी जलमग्न हो गई और उसने एक बड़ी झील का रूप ले लिया। तभी ऋषि कश्यप ने इस जल को अनेक नदियों और छोटे-छोटे जल स्रोतों द्वारा बहा दिया। इस समय भृगु ऋषि पवित्र हिमालय यात्रा पर्वत यात्रा के दौरान वहां से गुजर रहे थे। तब जल स्तर कम होने पर हिमालय की पर्वत श्रृंखला में सबसे पहले भृगु ऋषि ने अमरनाथ की पवित्र गुफा और बर्फ के शिवलिंग को देखा। तभी से मान्यता है कि यह स्थान शिव आराधना और यात्रा का प्रमुख देवस्थान बना क्योंकि यहां भगवान शिव ने तपस्या की थी।
मेडिकल फिटनेस प्रमाण पत्र है जरुरी
SASB अमरनाथ श्राइन बोर्ड द्वारा अधिकृत डॉक्टरों द्वारा अपना मेडिकल फिटनेस प्रमाण पत्र जिससे आप शारीरिक रूप से अमरनाथ यात्रा करने के लिए फिट मनी जाएंगे।
यात्रा के दौरान आपको जिन आवश्यक दस्तावेजों की जरूरत है वह अपने साथ अवश्य रखें।
कुछ जरूरी और ध्यान रखने योग्य बातें
यदि आप भी अमरनाथ यात्रा की कामना करते हैं तो इसके लिए आपको सबसे पहले शारीरिक रूप से फिट होने की आवश्यकता है। यात्रा शुरू करने से पहले लगभग 2 से 3 सप्ताह तक हर रोज कम से कम 6 किलोमीटर पैदल अवश्य चले साथ ही कुछ आसान और महत्वपूर्ण गतिविधियों से अपने आप को तैयार करें। गहरी सांस लेने के व्यायाम से भी आपको मदद मिलेगी। फेफड़ों के रोग, हाई ब्लड प्रेशर और हृदय रोग से पीड़ित व्यक्ति अमरनाथ यात्रा जाने से पहले अपने डॉक्टर की राय अवश्य लें।
अमरनाथ की गुफा 13500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है जहां मौसम बहुत ही कठोर हो जाता है। हवा का दबाव कम है और आप तेज यू वी विकिरणों के संपर्क में लगातार रहते हैं जिसके कारण आपको जी मचलना सर दर्द उल्टी और सांस लेने में कठिनाइयां और कुछ अन्य समस्याएं महसूस हो सकती हैं।
यात्रा के दौरान ध्यान दें
- ऊंचाई पर आपको कार्बोहाइड्रेट को अपना सबसे अच्छा दोस्त बनाना होगा। आपको इतनी ऊंचाई पर बीमार महसूस होता है तो तुरंत कम ऊंचाई पर जाएं और अपना चेकअप अवश्य करवाये।
- किसी भी तरह का धूम्रपान न करें शराब न पिए साथी कैफीन का सेवन न करें।
- सोते समय 300 मीटर से ऊपर की ऊंचाई पर ना करें।
- यदि फिर भी आपको किसी भी तरह की बीमारी है तो अपने साथी ट्रैक्टर्स या वहां मौजूद अधिकारियों को बताएं साथ ही इस यात्रा को शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से आवश्यक पूछताछ अवश्य करें।
अमरनाथ यात्रा के तरीके: पैदल, हेलीकॉप्टर, ट्रैकिंग मार्क
इस तीर्थ यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन कैसे करें
अमरनाथ यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन दो तरीके से होता है ऑफलाइन और ऑनलाइन। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन ज्यादा आसान और सुरक्षित है। जो भी श्रद्धालु बाबा बर्फानी के अमरनाथ यात्रा पर जाना चाहते हैं, वह आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर पंजीकरण कर सकते हैं। अमरनाथ यात्रा हेतु स्वास्थ्य प्रमाण पत्र अनिवार्य है। इसके बिना आप अमरनाथ यात्रा का पंजीकरण भी नहीं करवा सकते। यात्रा पर जाने से पहले श्रद्धालुओं का अग्रिम पंजीकरण होना आवश्यक है।
हेलीकॉप्टर बुकिंग से संबंधित पूरी जानकारी आपको श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध मिलेगा। हेलीकॉप्टर बुकिंग भी आपको श्री अमरनाथ साइन बोर्ड के आधिकारिक वेबसाइट पर ही जाकर करना होगा।
Official Website : www.jksasb.nic.in
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