अटल बिहारी वाजपेयी जीवन परिचय – 16 अगस्त, 2018 को भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का 93 वर्ष की अवस्था में निधन हो गया था। बहुमुखी प्रतिभा के धनी, विशाल व्यक्तित्व वाले वाजपेयी जी को उनकी दूरगामी सोच, उनकी कविताओं, पोखरण परमाणु विस्फोट, कारगिल में भारत की विजय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का गौरव बढ़ाने के लिए याद किया जाता रहा है।
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जीवन परिचय
जन्म | 25 दिसंबर, 1924, ग्वालियर (मध्य प्रदेश) |
पिता | कृष्ण बिहारी वाजपेयी |
माता | कृष्णा देवी |
पुत्री | नमिता (गोद ली हुई) |
सम्मान/पुरस्कार | पद्म विभूषण 1992 लोकमान्य तिलक अवॉर्ड 1994 सर्वश्रेष्ठ सांसद 1994 पं. गोविन्द बल्लभ पंत अवॉर्ड 1994 भारत रत्न 2015 |
मृत्यु | 16 अगस्त, 2018 |
प्रारंभिक जीवन परिचय
25 दिसंबर, 1924 को ग्वालियर के एक निम्न मध्यमवर्गीय परिवार में जन्में वाजपेयी जी ने ग्वालियर के ही विक्टोरिया (अब लक्ष्मीबाई) कॉलेज और कानपुर के डीएवी कॉलेज से शिक्षा प्राप्त की थी।
- उन्होंने राजनीति विज्ञान विषय में स्नातकोत्तर किया तथा पत्रकारिता में अपना करियर शुरू किया।
- इस दौरान उन्होंने राष्ट्र धर्म, पांचजन्य और वीर अर्जुन का संपादन किया।
- ये युवावस्था से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे तथा आजीवन अविवाहित रहते हुए संपूर्ण जीवन देश को समर्पित कर दिया।
राजनीतिक यात्रा
अटल बिहारी वाजपेयी की राजनीतिक यात्रा एक स्वतंत्रता सेनानी के रूप में होती है। उन्होंने वर्ष 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया और जेल भी गए। वर्ष 1951 में भारतीय जनसंघ के संस्थापक सदस्य बने। कालांतर में वर्ष 1968 से 1973 तक इसके अध्यक्ष भी रहे।
- वर्ष 1957 में वे बलरामपुर से लोक सभा चुनाव जीतकर संसद में पहुंचे। अगले पांच दिनों के उनके संसदीय करियर की यह शुरुआत थी।
- 1977 में उन्हें मोरारजी देसाई की सरकार में विदेश मंत्री बनाया गया। इस दौरान उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 32वें अधिवेशन में हिंदी में भाषण दिया था। ऐसा करने वाले वे पहले भारतीय राजनेता थे।
- वर्ष 1980 में वे भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्य रहे तथा वर्ष 1980 से 1986 तक इसके अध्यक्ष भी रहे।
- वे 1962 से 1967 और वर्ष 1986 में राज्य सभा के सदस्य भी रहे।
- 16 मई, 1996 को वो पहली बार प्रधानमंत्री बने, किंतु लोक सभा में बहुमत न सिद्ध कर पाने की वजह से 31 मई, 1996 को त्यागपत्र देना पड़ा।
- वर्ष 1998 में सहयोगी पार्टियों के साथ गठबंधन कर वे पुनः प्रधानमंत्री बने, लेकिन AIADMK द्वारा समर्थन वापस लेने से उनकी सरकार गिर गई।
- वर्ष 1999 में उनके नेतृत्व में गठबंधन को बहुमत हासिल हुआ था एक बार फिर वे प्रधानमंत्री बने।
- इस प्रकार वर्ष 1996 में 13 दिन के लिए, वर्ष 1998-99 में 13 महीने के लिए तथा वर्ष 1999-2004 के दौरान पूरे पांच वर्ष के लिए भारत के प्रधानमंत्री रहे।
- प्रधानमंत्री के रूप में पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा करने वाले वे पहले गैर-कांग्रेसी थे।
- वर्ष 2004 के लोक सभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।
- वर्ष 2005 में उन्होंने सक्रिय राजनीति से संन्यास की घोषणा कर दी।
प्रमुख कार्य
अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्रित्व काल में सबसे महत्वपूर्ण कार्यों में राजस्थान स्थित पोखरण में मई, 1998 में किया गया परमाणु परीक्षण प्रमुख स्थान रखता है।
विश्व के अनेक देशों द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने के बाद उन्होंने अपनी कूटनीति क्षमता से विश्व जनमत को अपने पक्ष में किया तथा भारत को एक जिम्मेदार परमाणु संपन्न राष्ट्र के रूप में स्थापित किया।
कारगिल युद्ध तथा युद्ध में मिली विजय उनके कार्यकाल की प्रमुख घटना रही।
- प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना तथा राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना के माध्यम से उन्होंने पूरे देश में सड़कों का जाल बिछाया।
- वर्ष 2001 में सर्व शिक्षा अभियान की शुरुआत की गई, जिसका परिणाम आज सबके सामने है।
- वर्ष 1999 में उन्होंने पाकिस्तान के साथ संबंधों में सुधार की पहल की तथा सदा-ए-सरहद नाम से दिल्ली से लाहौर तक बस यात्रा की शुरुआत की।
एक कवि के रूप में
अटल बिहारी वाजपेयी राजनीतिज्ञ के साथ-साथ कवि भी थे। उनका प्रसिद्ध काव्य संग्रह ‘मेरी इक्यावन कविताएं है। उनकी कुछ प्रमुख रचनाओं में संसद में तीन दशक‘, ‘राजनीति की रपटीली राहें‘, ‘सेक्युलरवाद‘ आदि हैं।
संयुक्त राष्ट्र संघ में भारतीयों द्वारा हिंदी में भाषण
- वर्ष 1977 में सर्वप्रथम तत्कालीन विदेश मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी।
- वर्ष 1988 में तत्कालीन विदेश मंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव।
- वर्ष 2012 में भारतीय प्रतिनिधि मंडल के सदस्य के रूप में समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेंद्र यादव।
- वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।
- वर्ष 2016 एवं 2017 में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज।
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