अंतरिक्ष के क्षेत्र में चंद्रमा लगातार जिज्ञासा और कौतूहल से भरा हुआ है। Chandrayaan-2 की आंशिक सफलता के बाद भारतीय वैज्ञानिक एक बार फिर अपने मिशन चंद्रयान 3 के जरिए चांद को छूकर दुनिया बदलने के सपने संजोए हुए हैं। Chandrayaan-3 कामयाब होते ही भारत चौथी अंतरिक्ष महाशक्ति बनकर उभरेगा। चंद्रमा जो कि पृथ्वी के सबसे ज्यादा करीब है, वह हमारे ग्रह का उपग्रह कहलाता है। इस कामयाबी के बाद वह सारी संभावनाएं खुल जाएंगी जिससे मनुष्य जाति चांद पर जाकर बसने और वहां रहने के अपने सपने को साकार रूप दे सकेगी।
चंद्रयान 3 की जानकारी
1969 में पहली बार चांद की सतह पर उतरने वाली पहले एस्ट्रोनॉट नील आर्मस्ट्रांग है। उसके बाद साल 1972 के बाद से कोई दूसरा एस्ट्रोनॉट अभी तक चांद की सतह पर कदम नहीं रखा है। अब वही फिर से अमेरिका और दुनिया के बाकी देश चांद को एक्सप्लोर करने का कमीशन बना रहे हैं। अमेरिका रूस और यूरोपियन देशों के अलावा भारत अंतरिक्ष के क्षेत्र में चंद्रमा को लेकर इससे पहले भी चंद्रयान-1 chandrayaan-2 और अब chandrayaan-3 के जरिए आगे बढ़ चले हैं।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा चंद्रयान 3 मिशन 14 जुलाई 2023 को दोपहर 2:35 पर श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लांच किया गया। भारतीय अंतरिक्ष केंद्र के हजारों वैज्ञानिकों के लिए यह एक परीक्षा की घड़ी थी सबकी नजरें आसमान पर ही थी। और अब कंप्यूटर पर होगी।
Chandrayan 3 Budget
चंद्रयान 3 मिशन की पूरी बजट करीब 75 मिलियन डॉलर अर्थात भारतीय रुपए में 615 करोड रुपए है।Chandrayaan-3 का रोवर चांद की सतह पर उतरने के बाद अपना काम शुरू करेगा। यह रोवर इसरो में बैठे वैज्ञानिकों को चांद की सतह से जुड़ी सभी जानकारी भेजेगा। रोवर चांद की सतह की बनावट से लेकर वहां मौजूद पानी के बारे में भी बताएगा।
Chandrayan 3 Launch Date
14 जुलाई 2023 को 2:35 पर लांच किया गया। इसके लैंड के 23 या 24 अगस्त को चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग होगी। चंद्रयान को Launch Vehicle Mark III से लांच किया गया है। यह लगभग 42 दिन में chandrayaan-3 चांद की सतह पर पहुंचेगा। फिर चांद की कक्षा में प्रवेश करेगा और वहां उसकी परिक्रमा करते हुए लैंड करेगा।
चंद्रयान 3 मिशन के तीन महत्वपूर्ण हिस्से हैं Propulsion, Lender or Rover।
Chandrayaan-3 को लॉन्च करने वाला रॉकेट 43.5 मीटर लंबा है जो fat boy के नाम से मशहूर LVM3-M4 के जरिए अंतरिक्ष में जाएगा।
Genereal FAQs
Chandrayaan-3 कितनी दूरी तय करेगा?
chandrayaan-3 खुद से करीब 3.84 किलोमीटर की दूरी तय करेगा।
Chandrayaan-3 चांद की किस सतह पर उतरेगा?
Chandrayaan-3 को चांद के साउथ पोल पर उतारा जाएगा क्योंकि चांद का साउथ पोल नार्थ पोल से ज्यादा बढ़ा है और यहां पानी के होने की संभावना है यहीं पर शैडो एरिया भी दिखता है।
क्या यह मिशन chandrayaan-3 नासा के लिए भी महत्वपूर्ण है?
chandrayaan-3 नासा के Artemis 3 mission के लिए भी काफी महत्वपूर्ण होगा। चांद के दक्षिणी ध्रुव पर इंसानों को उतारने की योजना बना रहा आर्टेमिस 3, जिसे भारत के chandrayaan-3 की खोज से चांद के साउथ फुल के बारे में जो भी डाटा प्राप्त होगा, उससे नासा के मिशन को काफी महत्वपूर्ण बनाएगा।
क्या कोई चिंता का विषय है?
कई विशेषज्ञों द्वारा यह संभावना जताई जा रही है कि दशक के अंत तक कई सुपर पावर देशों के बीच एक space war भी शुरू हो सकती है।
Chandrayaan-3 मिशन का थीम क्या है?
Chandrayaan-3 मिशन की थीम science of the moon यानी चंद्रमा विज्ञान है।
अंतिम निष्कर्ष
Chandrayantri 3 चांद की अपनी लंबी यात्रा शुरू कर दी है इस मिशन का उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंडिंग करवाना है और घूमने की पूरी क्षमता का प्रदर्शन करना है chandrayaan-2 की तरह ही इस मिशन का लक्ष्य चंद्रमा की सतह का पता लगाना है खासकर उन क्षेत्रों का जहां और वह वर्षों से सूर्य का प्रकाश नहीं पहुंचा है साइंटिस्ट एंड एस्ट्रोनॉमी को अंधेरी क्षेत्रों में बर्फ और मूल्यवान खनिज संसाधनों की उपस्थिति होने का अनुमान है इस मिशन द्वारा अज्ञात क्षेत्र की अद्वितीय भूविज्ञान और संरचना का अध्ययन करना है इससे दूसरे ग्रहों के मिश्रण के लिए जरूरी नहीं तकनीकों का विकास करना और उसका प्रदर्शन प्रदर्शित करने में आसानी होगी यह अंतरिक्ष यान इंजीनियरिंग प्लानिंग सिस्टम और आकाशीय पिंडो पर गतिशीलता क्षमताओं में प्रगति देने में अपना योगदान देगा।
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