Congress manifesto 2024: नई सरकार 5 साल के लिए चुने जाने की घोषणा के बाद चुनावी महासंग्राम शुरू हो चुका है। अलग-अलग राजनीतिक पार्टी चुनाव में अपना झंडा बुलंद करने की कवायद में जुट गए हैं। कांग्रेस अपने मेनिफेस्टो यानी चुनावी घोषणा पत्र 2024 जारी कर दिया गया है। जिसमें बेरोजगारी और शिक्षा एक बड़ा मुद्दा उन्होंने उठाया है। भारतीय जनता पार्टी के लिए एक बड़ी चुनौती कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो के जारिये रख दी है।
कांग्रेस का चुनावी घोषणा पत्र 2024 शिक्षा और रोजगार के लिए कांग्रेस से प्रभावशाली योजना क्या है? इसके साथ इस खबर में जानेंगे कि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में क्या-क्या बातें जनता को लुभाने के लिए लाया है। आपको बता दे कि चुनाव से पहले हर पार्टी अपना घोषणा पत्र जारी करता है। कांग्रेस ने भी अपने घोषणा पत्र जारी कर दिया है।
कांग्रेस के घोषणा पत्र में रोजगार को लेकर बड़े वादे किए गए हैं। 30 लाख नौकरी और अप्रेंटिस के लिए ₹100000 महीना देने के वादे के साथ ही कांग्रेस ने शिक्षा और रोजगार पर अपना फोकस किया है। इसके साथ ही घोषणा पत्र के मुख्य बिंदुओं में पेपर लीक पर नकेल कसने की बात की गई है।
Congress Manifesto 2024 चुनावी घोषणा 2024
कांग्रेस से पार्टी की तरफ से जारी घोषणा पत्र 2024 में युवाओं के लिए न्याय के वादे और पहले नौकरी पक्की गारंटी, पेपर लीक पर नकल करने की तैयारी, खाली पदों पर भर्ती, स्टार्टअप छात्रवृति की बात की गारंटी दी गई है। अब देखना है कि मोदी की गारंटी से अधिक मजबूत कांग्रेस पार्टी के मैंने फर्स्ट और 2024 की चुनावी घोषणा पत्र की गारंटी है कि नहीं। यह तो चुनाव परिणाम आने के बाद ही पता चलेगा लेकिन हम आपको बताने जा रहे हैं, कांग्रेस मेनिफेस्टो 2024 के घोषणा पत्र के बारे में।
इसके साथ ही हम जानकारी आपको अपने विश्लेषण के जरिए इस बात की भी देंगे कि क्या इस मेनिफेस्टो से जनता कांग्रेस की तरफ अपना झुकाव रख सकती है। हालांकि इस एवज में हम आपको यह भी बताने की कोशिश करेंगे कि मोदी की गारंटी और मोदी के काम का तोड़ क्या कांग्रेस के पास है?
कांग्रेस चुनाव घोषणा पत्र की अहम बातें
लोकसभा चुनाव 2024 के लिए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व चेयरपर्सन सोनिया गांधी और राहुल गांधी कांग्रेस पार्टी दफ्तर में अपना घोषणा पत्र जारी किया। कांग्रेस का यह आधिकारिक चुनावी घोषणा पत्र का नाम ‘न्यायपत्र 2024‘ है।
खास बात यह है कि इसमें 25 प्रकार की गारंटियां किसान, मजदूर, युवा महिलाओं और बेरोजगारों को दी गई है। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि वर्तमान सरकार बेरोजगारी और पेपर लीक जैसी समस्या पर खरी उतरी नहीं है। इसलिए 25 प्रकार की गारंटी में कांग्रेस ने इसे भी शामिल किया है अपने मेनिफेस्टो में।
नौकरी की पक्की गारंटी और अप्रेंटिस के लिए एक लाख रुपए खर्च करने के वादे
देश में बढ़ती हुई बेरोजगारी के आंकड़ों पर बात करें, वैसे होती नहीं है लेकिन बेरोजगारी के इस दौर को कांग्रेस पार्टी सरकार की नाकामयाबी मानते हुए अपने चुनावी घोषणा पत्र में में हर किसी को नौकरी की पक्की गारंटी और अप्रेंटिसशिप पर एक लाख खर्च करने की योजना की गारंटी दी है।
युवाओं को आकर्षित करने के लिए कई तरह की घोषणा अपने चुनावी घोषणा पत्र में कांग्रेस से ने किया है जिसकी लिस्ट निम्नलिखित है-
- पेपर लीक पर नकल करने की तैयारी की गारंटी
- पक्की नौकरी की गारंटी
- स्टार्टअप शुरू करने की गारंटी,
- खाली पदों पर भर्ती करने की गारंटी
- छात्रवृत्ति बढ़ाने की गारंटी
कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने घोषणा पत्र जारी करते हुए कहा कि पढ़े-लिखे युवाओं की पहली नौकरी अप्रेंटिस के साथ पक्की हो जाएगी। इसके लिए आप प्रेक्टिस कोर्स की शुरुआत की जाएगी। अप्रेंटिस कोर्स करने वालों पर कुल ₹100000 खर्च किया जाएगा। इस तरह से स्किल डेवलपमेंट के जरिए युवाओं को पक्की नौकरी इंडस्ट्रीज में मिल जाएगी।
कांग्रेस की यह लुभाने वादे क्या बेरोजगार युवाओं को आकर्षित कर पाएगी।
कांग्रेस का चुनावी घोषणा एक नजर में
आपको बता दें कि रोजगार के लिए कांग्रेस के मेनिफेस्टो में ढेर सारे वादे हैं। जहां एक ओर बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा इस चुनाव में बनाने की कोशिश कांग्रेस के द्वारा की जा रही है। वही देखा जाए तो भारतीय जनता पार्टी पर रोजगार देने के मामले में कहीं ना कहीं सवाल उठाते रहे हैं। इसी कमजोर पॉइंट पर ध्यान रखते हुए कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में रोजगार व शिक्षा पर अधिक फोकस किया है। कांग्रेस के द्वारा रोजगार के लिए कौन-कौन-सी योजना इस मेनिफेस्टो 2024 में जारी की गई है, इस पर एक नजर डालते हैं।
पहली नौकरी पक्की गारंटी योजना
कांग्रेस शिक्षु (अप्रेंटिस ) एक्ट वह खत्म करके प्रशिक्षुता (अप्रेंटिसशिप) अधिकार अधिनियम लाने का वादा कर रही है। इसके अंतर्गत यह कानून लागू होने पर 25 साल से कम युवकों को फायदा मिलेगा। इन युवकों को चाहे वे डिप्लोमा धारक हो या किसी कॉलेज से स्नातक। इन्हें प्राइवेट एवं गवर्नमेंट सेक्टर की कंपनियों में 1 साल की अप्रेंटिस से कार्यक्रम मिल जाएगा। इसके साथ प्रशिक्षण करने वाले को₹100000 सालाना का स्टाइपेंड यानी मानदेय दिया जाएगा।
इस मानदेय का खर्च नियोक्ता यानी कंपनी और सरकार को बराबर रूप से वहन करना होगा। आपको बता दे कि इससे रोजगार मिलने में सहायता मिलेगी क्योंकि युवाओं को स्किल्ड बनने का मौका मिलेगा। इससे करोड़ों युवकों को फायदा भी प्राप्त होगा।
पेपर लीक की समस्या का समाधान कांग्रेस के मेनिफेस्टो में
हर जगह पेपर लीक की समस्या से सभी परेशान है यहां तक की वर्तमान सरकार भी। इंटरनेट की गति और व्हाट्सएप आदि के इस्तेमाल के कारण पेपर इतनी तेजी से लीक होता है कि किसी को हवा नहीं लगती है। जब पता चलता है कि पेपर लीक हो गया है, तब तक एग्जाम हो चुका होता है फिर एग्जाम को कैंसिल करना होता है। नौकरी की परीक्षा देने वाले छात्रों के साथ पेपर लीक होने से उन्हें धोखा मिलता है। पेपर लीक की समस्या की समस्या को पकड़ते हुए कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में इसके समाधान के लिए भी कड़े कदम उठाए हैं।
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कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में प्रश्न पत्र यानी पेपर लीक होने के मामलों को निपटारा करने के लिए फास्ट ट्रैक अदालतों का गठन करेगी और पीड़ितों को तुरंत न्याय दिलाएगी और आर्थिक मुआवजा दिलवाएगी।
रोजगार देने के लिए 30 लाख नए पदों पर भरती का वादा
बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा है। इसेना मानने वाले सबसे बड़ी गलती कर रहे हैं। कांग्रेस ने इसी को आधार बनाते हुए 30 लाख नई भर्तियों का ऐलान अपने मेनिफेस्टो में किया है। उनकी सरकार बनेगी 30 लाख नई भर्तियां की जाएगी। निश्चित समय सारणी में आयोजित होकर भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी इसमें राज सरकार और निकाय में खाली पदों को भरा जाएगा
स्टार्टअप के लिए फंड आफ फंड्स योजना का पुनर्गठन करेगी
कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र का सबसे महत्वपूर्ण बिंदु यह है कि स्टार्टअप के लिए फंड आफ फंड्स योजना का पुनर्गठन करेगी। इसमें उपलब्ध पैसे का 50% या 5000 करोड रुपए, जहां तक संभोग हो सके हर जिलों में समान रूप से प्रदान किया जाएगा। इससे उन युवाओं को फायदा होगा जिनका उम्र 40 वर्ष से कम है वह अपना व्यवसाय इन्हीं उपलब्ध पैसों से शुरू कर सकते हैं। इस तरह नए रोजगार और व्यवसाय के जरिए युवा रोजगार को प्राप्त करेगा।
कांग्रेस मेनिफेस्टो की मुख्य बातें
- कांग्रेस उन आवेदकों (आकांक्षियों) को एक बार कि राहत देगी, जो कोरोना महामारी के समय 1 अप्रैल 2020 से 30 जून 2021 के अवधि में सरकारी परीक्षा देने से वंचित रह गए हैं।
- इसके अलावा कांग्रेस सरकारी परीक्षाओं और सरकारी पदों के लिए एप्लीकेशन फॉर्म की फीस को समाप्त करने की घोषणा की है।
- कांग्रेस का मानना है कि विकराल बेरोजगारी है। इस कारण कांग्रेस सभी शैक्षिक ऋणों के संबंध में 15 मार्च 2024 तक ब्याज सहित कर्ज माफी का वादा किया है। बैंकों को सरकार द्वारा प्रतिपूर्ति की जाएगी अर्थात बैंक को सरकार सहायता करेगी इस योजना को लागू करने के लिए।
- कांग्रेस ने खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए वादा किया है कि नए उभरते खिलाड़ी जिनकी आयु 21 साल से कम है, उन्हें ₹10000 हर महीने खेल छात्रवृत्ति दी जाएगी।
- आपकी जानकारी के लिए बता दे कि कांग्रेस ने सन 2009 में शिक्षा का अधिकार कानून लागू किया था, जिसमें 6 से 14 साल तक के बच्चों को अनिवार्य और निशुल्क शिक्षा प्रदान करने का कानून बनाया था। इसमें वह सुधार करके इसे और फायदेमंद बनाने जा रही है। निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा कानून में संशोधन करके इसे कक्षा 1 से लेकर 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए लागू किया जाएगा।
- कांग्रेस नई शिक्षा नीति (न्यू एजुकेशन पॉलिसी) पर फिर से विचार करने और उसमें संशोधन की घोषणा की है। आपको बता दें कि BJP/NDA सरकार द्वारा घोषित नई शिक्षा नीति (एन.ई.पी.) का शिक्षाविदों और कई राज्य सरकारों ने विरोध किया है। उनका मानना है कि शिक्षा एक समवर्ती विषय सूची में आता है इसलिए शिक्षा नीति बनाने के राज्यों के अधिकारों का सम्मान किया जाना चाहिए।
- कांग्रेस के मेनिफेस्टो में कहा कि सरकारी स्कूलों में अलग-अलग प्रयोजनों के लिए विशेष शुल्क लेने की इस प्रथा को खत्म करेगी।
- निजी स्कूलों द्वारा मनमानी फीस पर भी कांग्रेस लगाम लगाएगी उन्होंने अपने मेनिफेस्टो में कहा है कि अधिक समानता, सामर्थ्य और पारदर्शिता के लिए, कांग्रेस राज्य सरकारों को शुल्क विनियमन समितियों की स्थापना के लिए प्रोत्साहित करेगी।
- कांग्रेस ने एजुकेशन क्वालिटी को सुधारने के लिए हर राज्य में काम करेगी। आपने मैंने फेस्टो में बताया है कि हर कक्षा के लिए हर विषय में एक समर्पित शिक्षक होगा। प्रत्येक कक्षा का एक समर्पित क्लासरूम होना चाहिए।
- बुनियादी शिक्षा पर जोर दिया जाएगा। इसके साथ स्कूलों में साक्षरता, संख्यात्मकता और बुनियादी विज्ञान पर जोर देने वाली बुनियादी शिक्षा सभी बच्चों के लिए एक हां जरूर पर बोल दिया गया है। इसके लिए कांग्रेस बुनियादी शिक्षा के लिए बजट में बढ़ोतरी करेगी और सरकारी कार्यक्रम को भी बढ़ाएगी।
- स्कूल और कॉलेज के सिलेबस में वैज्ञानिक सोच विकसित करने के लिए STEM विषयों के स्टडी पर जोर देंगे। इसके साथ महत्वपूर्ण बात मेनिफेस्टो में कही गई है कि गैर शिक्षक गतिविधियों में शिक्षकों का उपयोग नहीं किया जाएगा उन्हें केवल शिक्षा की गतिविधियों से ही जोड़ा जाएगा।
- शिक्षकों की नियुक्ति संविदा आधारित नहीं होगी बल्कि आरटीई मानदंड के अनुसार शिक्षकों की भर्ती कीजाएगी।
- कांग्रेस यह सुनिश्चित करने के लिए पूर्व-प्राथमिक (केजी/नर्सरी) और प्राथमिक शिक्षा के एकीकरण में तेजी लाएगी ताकि सभी बच्चों को कम से कम दो साल की पूर्व-स्कूल शिक्षा हासिल होसके।
- वार्षिक सर्वेक्षणों से स्कूली शिक्षा में सीखने के परिणामों में भारी अंतर का पता चला है। कांग्रेस इन कमियों को दूर करने के लिए तत्काल कदम उठाएंगे और 5 साल की अवधि के भीतर बेहतर शिक्षण परिणाम सुनिश्चित करेगी।
- केंद्रीय विद्यालयों, नवोदय विद्यालयों और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों की संख्या बढ़ाई जाएगी इसके लिए राज सरकारों से परामर्श से लिया जाएगा इसे भी घोषणा में शामिल किया गया है।
- कांग्रेस कॉलेजों और विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता दिलाएगी इसके साथ ही हाई एजुकेशन इंस्टीट्यूट एजुकेशनल फ्रीडम देने की बात कही है, इसके अंतर्गत प्रयोग, नवाचार और रिसर्च को प्रोत्साहित किया जाएगा। कांग्रेस के मेनिफेस्टो के अनुसार स्टूडेंट्स को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा एवं संरक्षण करेंगे और निर्वाचित स्टूडेंट यूनियन यानी छात्र संघ का अधिकार देंगे।
- शिक्षा में ड्रॉपआउट दरों को कम करने के लिए, कांग्रेस यह सुनिश्चित करेगी कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग, ईडब्ल्यूएस, विमुक्त जनजातियों और अल्पसंख्यकों सहित वंचित समूहों के लिए प्री-मैट्रिक और उच्च शिक्षा छात्रवृत्ति बहाल की जाए, बढ़ाई जाए और पूरी तरह से वित्त पोषित की जाए।
- कांग्रेस यह सुनिश्चित करेगी कि सभी केंद्रीय पाठ्यपुस्तकें वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने वाली हो और भारत के संवैधानिक मूल्य, जैसा कि भारत के संविधान की प्रस्तावना और अन्य प्रावधानों में निहित है, के अनुरूप हो। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में यह भी कहा कि पाठ्यपुस्तकों में संशोधन मनमाने ढंग से या राजनीतिक उद्देश्यों से प्रेरित होकर नहीं किया जाएगा।
आर्टिकल सारांश
चुनावी मौसम में कांग्रेस का चुनावी घोषणा पत्र (Congress manifesto 2024) रोजगार और शिक्षा में बदलाव लाने की एक बड़ी कवायद के रूप में देखा जा रहा है। बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा है, इस पर कांग्रेस ने कई ऐसे योजना लाकर एक बहुत बड़ा पॉइंट जनता के सामने रखा है।
स्किल्ड एजुकेशन और सभी को रोजगार दिलाने के लक्ष्य की और बढ़ने वाला मेनिफेस्टो है। आप देखना है कि आने वाले समय में किस तरीके से जनता कांग्रेस को इन घोषणा पत्र के नजरिए से देखती है।
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