Download Child Development and Pedagogy Questions with Answers MCQ in Hindi PDF For CTET/UPTET Exam 2019 – दोस्तों आज SarkariExamHelp CTET और UPTET Exam 2019 की तैयारी करने वालो छात्रों के लिए बाल विकास और अध्यापन प्रश्न उत्तर व्याख्या सहित (Child Development and Pedagogy Questions & Answers With Explanation) जानकारी शेयर कर रहे है. CTET द्वारा आयोजित परीक्षाओं मे Child Development and Pedagogy विषय से प्रश्न अवश्य पूछे जाते है. यहाँ हमने Most Important Child Development and Pedagogy Objective Questions with Answers PDF in Hindi का Download लिंक भी नीचे शेयर किया है।
यहाँ हमने 100+ Child Development and Pedagogy Objective Questions Answers in Hindi हमने आप सभी छात्रों के बीच साझा किया है। ये प्रश्न आपको CTET 2022 Paper 1 तथा Paper 2 Exam के लिए काफी लाभकारी है। जो छात्र CTET, UPTET, BTET, TET या Teacher की तैयारी कर रहे है, तो उन्हें यह लेख अवश्य पढ़ना चाहिए।
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Child Development and Pedagogy Objective Questions with Answers in Hindi
Q1.पियाजे मुख्य रूप से किसके अध्ययन के लिए जाने जाते हैं?
(1) यौन विकास
(2) भाषा विकास
(3) संज्ञानात्मक विकास
(4) सामाजिक विकास
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (3)
व्याख्या 1. (3) संज्ञानात्मक विकास के अध्ययन के क्षेत्र में जीन पियाजे का सिद्धांत एक अभूतपूर्व सिद्धान्त आंका गया है। उन्होंने बालकों के चिन्तन तर्कणा के विकास के जैविक तथा संरचनात्मक तत्वों पर बल डालते हुए संज्ञानात्मक विकास की व्याख्या की है। इसके अन्तर्गत उन्होंने (1) अनुकूलन (2) साम्यधारण (3) संरक्षण (4) संज्ञानात्मक संरचना आदि दिया है।
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Q2. जब मानव शरीर के एक भाग को दिए गए प्रशिक्षण का अन्तरण दूसरे भाग में हो जाता है तो इसे कहते हैं –
(1) क्षैतिज अन्तरण
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(2) ऊर्ध्व अन्तरण
(3) द्विपार्श्विक अन्तरण
(4) उपरोत्त में से कोई नहीं
Also Read:
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]
Ans: (3)
व्याख्या 2. (3) द्विपार्श्विक अन्तरण या व्रास शिक्षा मानव शरीर के दो समान पार्श्ववीय भाग (lateral aspect) है- बायां तथा दायां। जब शरीर के बाएं अंग से सीखे गए कौशल का अंतरण स्वतः दाएं अंग से सीखने पर या दांए अंग में लिखे गए कौशल का अंतरण स्वतः बाएं पर होता है तो वह द्विपार्श्वीय अंतरण कहलाता है।
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Q3. दिए हुए प्राप्तांकों के समूह में जो प्राप्तांक बहुधा सबसे अधिक बार आता है उसे ——– कहते हैं –
(1) मध्यमान
(2) बहुलक
(3) मध्यांक
(4) मानक विचलन
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]
Ans: (2)
व्याख्या 3. (2) बहुलांक या बहुलक सांख्यिकी की केन्द्रीय प्रवृत्ति की माप का भाग है जिसमें माध्य, माध्यिका व बहुलक भी आता है। प्राप्तांकों में जिस प्रप्तांक की आवृत्ति सबसे अधिक होती है वह बहुलक कहलाता है। इसे निम्न सूत्र से ज्ञात किया जा सकता है- 3 Median -2 Mean (3 Mn -M)
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Q4. क्रियाप्रसूत अनुकूलन सिद्धान्त का प्रतिपादन —— ने किया था –
(1) स्किनर
(2) पावला व
(3) थौर्नडाइक
(4) कोहलर
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (1)
व्याख्या 4. (1) स्किनर द्वारा क्रियाप्रसूत अनुकूलन सिद्धान्त का प्रतिपादन किया गया था। इन्होंने चूहों पर प्रयोग कर सीखने का सिद्धान्त दिया था। इसी प्रकार पावला व- कलासिको अनुबन्धन सिद्धान्त (कुत्ते पर प्रयोग) थौर्नडाइक- प्रयास एवं त्रुटि का सिद्धान्त (बिल्ली पर प्रयोग) कोहलर- सूझ का सिद्धान्त (बन्दर पर प्रयोग)
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Q5. अल्बर्ट बण्डूरा निम्न में से किस सिद्धांत से सम्बन्धित हैं-
(1) व्यवहारात्मक सिद्धान्त
(2) सामाजिक अधिगम सिद्धान्त
(3) विकास का संज्ञानात्मक सिद्धान्त
(4) विकास का मनो-सामाजिक सिद्धांत
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (2)
व्याख्या 5. (2) सामाजिक अधिगम सिद्धान्त को बन्डूरा द्वारा 1969-71 में दिया गया। यह व्यवहार रूपान्तरण के नियमों तथा संज्ञानात्मक मनोविज्ञान का संतुलित संश्लेषण है।
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Q6. मानसिक आयु का प्रत्यय दिया था –
(1) स्टर्न ने
(2) बिने-साइमन ने
(3) टर्मन ने
(4) सिरिल बर्ट ने
Also Read:
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (2)
व्याख्या 6. (2) मानसिक आयु एक दूसरे तरह की आयु है जिसका प्रयोग बुद्धि मापने में मनोवैज्ञानिकों ने अधिक किया है। इस सम्प्रत्यय का प्रतिपादन बिने तथा साइमन ने किया था। तैथिक आयु से तात्पर्य व्यत्ति के जन्म से लेकर आज तक की आयु से होता है जबकि मानसिक आयु उनकी बुद्धिलब्धि होती हैबुद्धिलब्धि मानसिक आयु 100 तैथिक आयु
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Q7. निम्नलिखित में से कौन सा सीखने का नियम नहीं है-
(1) तनाव का नियम
(2) तत्परता का नियम
(3) प्रभाव का नियम
(4) अभ्यास का नियम
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (1)
व्याख्या 7. (1) तनाव का नियम- अन्य तीन तत्परता का नियम प्रभाव का नियम तथा अभ्यास का नियम अधिगम के नियम है जिसे थौर्नडाइक ने अपने प्रयास व त्रुटि के अधिगम सिद्धान्त में दिया था।
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Q8. …………….. सम्बद्ध प्रतिक्रिया सिद्धांत में पावला व ने प्रयोग किया –
(1) कुत्ते पर
(2) बिल्ली पर
(3) बन्दर पर
(4) चूहे पर
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (1)
Also Read:
व्याख्या 8. (1) कुत्तों पर- पावला व द्वारा अधिगम के कलासिकी अनुबन्ध का प्रतिपादन किया गया था जिसमें उन्होंने कुत्ते पर प्रयोग किया था। बिल्ली पर थौर्नडाइक द्वारा, चूहों पर स्किनर द्वारा एवं बन्दर पर कोहलर एवं कोफ्फा ने प्रयोग किया था।
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Q9. सूझ द्वारा सीखने के सिद्धांत का प्रतिपादन किया –
(1) कोहलर
(2) थार्नडाइक
(3) पावला व
(4) वुडवथ
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (1)
व्याख्या 9. (1) कोहलर- सूझ द्वारा सीखने के सिद्धान्त कोहलर महोदय ने किया था। इस सिद्धान्त के अनुसार अधिगम किसी अभ्यास का प्रशिक्षण नहीं वस्तुतः अचानक आयी सूझ में होता है। इन्होने बन्दर पर इन सिद्धान्त का प्रयोग किया था।
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Q10. कार्य को आरम्भ करने, जारी रखने और नियमित करने की प्रक्रिया है –
(1) संवेदना
(2) प्रेरणा
(3) सीखना
(4) प्रत्यक्षीकरण
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (2)
व्याख्या 10. (2) ‘‘अभिप्रेरणा किसी कार्य को प्रारम्भ करने, जारी रखने अथवा नियन्त्रित करने या नियमित करने की प्रक्रिया है।’’ -गुड के अनुसार
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Q11. विस्मृति कम करने का उपाय है –
(1) सीखने की त्रुटिपूर्ण विधि
(2) सीखने में कमी
(3) पाठ की पुनरावृत्ति
(4) स्मरण करने में कम ध्यान देना
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (3)
व्याख्या 11. (3) पाठ की पुनरावृत्ति- विस्मरण स्मृति का एक नकारात्मक या ऋणात्मक पक्ष है। गेलडार्ड (1963) के विस्मरण को एक नकारात्मक धारणा माना है। इस प्रकार पाठ की पुनरावृत्ति द्वारा ही धारण (Retention) को बढ़ाया जा सकता है और विस्मृति को कम किया जा सकता है।
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Q12. क्रोध व भय प्रकार हैं –
(1) संवेग
(2) अभिप्रेरणा
(3) परिकल्पना
(4) मूलप्रवृत्ति
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (1)
व्याख्या 12. (1) संवेग- क्रोध व भय संवेग के प्रकार है। मैकडूगल द्वारा इसी प्रकार 14 संवेगों की व्याख्या की गई है। संवेग एक जटिल अवस्था होती है जिसमें कुछ आंगिक प्रतिक्रियाएं जैसे- हृदय की गति में परिवर्तन रत्तचाप में परिवर्तन, सांस की गति में परिवर्तन इसके अलावा बाहरी अंगों में परिवर्तन होता है।
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Q13. दूसरे व्यत्ति के बाह्य व्यवहार की नकल है –
(1) अनुकरण
(2) सीखना
(3) कल्पना
(4) चिन्तन
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (1)
S13. (1) अनुकरण या नकल दूसरे व्यत्तियों के व्यवहारों की नकल करना ही अनुकरण समान प्रदर्शन किया जाता है तो व अनुकरण की श्रेणी में आता है।
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Q14. यदि पूर्व ज्ञान व अनुभव नये प्रकार के सीखने में सहायता करते हैं, तो उसे कहते हैं-
(1) सकरात्मक प्रशिक्षण स्थानान्तरण
(2) नकारात्मक प्रशिक्षण स्थानान्तरण
(3) प्रशिक्षण स्थानान्तरण
(4) सीखना
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (1)
S14. (1) धनात्मक अन्तरण को सकारात्मक अन्तरण भी कहते हैं। जब पूर्व अर्जित ज्ञान नवीन ज्ञान को अर्जित करने में सहायक होता है तो उसे धनात्मक या सकारात्मक अन्तरण कहते हैं।
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Q15. सीखी हुई बात को स्मरण रखने या पुनः स्मरण करने की असफलता को कहते हैं-
(1) स्मृति
(2) कल्पना
(3) विस्मृति
(4) ध्यान
Also Read:
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (3)
S15. (3) विस्मृति या विस्मरण भूलने से सम्बन्धित है जब सीखा हुआ ज्ञान धारणीय न हो या धारण व किया जा सके तब विस्मरण उत्पन्न होता है।
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Q16. टर्मन के अनुसार 90-100 बुद्धिलब्धि का बालक माना जाता है-
(1) सामान्य बुद्धि
(2) मन्द बुद्धि
(3) श्रेष्ठ बुद्धि
Also Read:
(4) क्षीण बुद्धि
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (1)
S16. (1) सामान्य बुद्धि- टर्मन द्वारा बुद्धिलब्धि की अवधारणा का प्रतिपादन किया गया था जिसमें मानसिक व तैथिक आयु द्वारा बुद्धिलब्धि ज्ञात की जाती हैबुद्धिलब्धि मानसिक आयु 100 तैथिक आयु इस प्रकार 90-100 के बीच की बालक समान्य बुद्धि का बालक कहलाएगा।
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Q17. हाल का सिद्धांत निम्न में किसकी व्याख्या करता है –
(1) अधिगम में अभिप्रेरण की भूमिका
(2) बुद्धि की प्रकृति
(3) मूल्यों का विकास
(4) किशोरों का मनोविज्ञान
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (4)
S17. (4) किशोरों का मनोविज्ञान- हाल ऐसे मनोवैज्ञानिक थे जिन्होंने पहले पहल अमरीका में किशोरावस्था का वैज्ञानिक अध्ययन किया। हाल के अनुसार किशोरा वस्का एक आंधी-तूफान की अवस्था होती है। यह एक तनाव व तूफान की अवस्था है।
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Q18. मानव व्यत्तित्व के मनो-लैंगिक विकास को निम्न में किसने महत्व दिया था –
(1) हाल
(2) कमेनियस
(3) हालिंगवर्थ
(4) प्रायड
Also Read:
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (4)
S18. (4) प्रायड ने मानव के मनोवैज्ञानिक विकास का सिद्धान्त सिगमन प्रायड महोदय ने दिया था। जिसमें उन्होंने इड, इगो व सुपरइगो की अवधारणा दी थी।
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Q19. मनोविज्ञान की प्रथम प्रयोगशाला को किसने स्थापित किया था –
(1) सिग्मण्ड
(2) डब्ल्यू बुण्ट
(3) पावला व
(4) वाटसन
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (2)
S19. (2) विलियम वुण्ट ने मनोविज्ञान का प्रक्रम प्रयोगशाला 1879 में जर्मनी में की थी। जिसमें उन्होंने अपने सहयोगियों के साथ प्रत्यक्षण संवेदना। दयात एवं संवेग जैसी प्रमुख मानसिक क्रियाओं का अध्यायमत किया।
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Q20. गेस्टाल्ट मनोविज्ञान की आधारशिला किसने रखी थी –
(1) मैक्स वथीमर
(2) प्रान्ज ब्रेन्टानो
(3) एडगर रूबिन
(4) कर्ट लेविन
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (1)
S20. (1) गेस्टाल्ट मनोविज्ञान की आधारशिला चार जर्मन मनोवैज्ञानिक – मैक्स वरथीमर, बोल्फगैम कोहलर, कुर्ट कोफ्का तथा लेविन ने रखा।
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Q21. संघनन सिद्धान्त निम्न में किससे सम्बन्धित है-
(1) अभिप्रेरण
Also Read:
(2) अधिगम
(3) स्मृति
(4) सृजनात्मकता
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (3)
S21. (3) संघनन सिद्धांत स्मृति से सम्बन्धित है।
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Q22. क्षेत्र सिद्धान्त निम्न में किस वर्ग का सिद्धांत है –
(1) संरचनाविदों का
(2) व्यवहारविदों का
(3) मनोविश्लेषकों का
(4) गेस्टाल्टवादियों का
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (4)
S22. (4) अधिगम सम्बन्धी क्षेत्र सिद्धांत लेविन द्वारा प्रतिपादित किया गया है। लेविन एक गेस्टाल्टवादी मनोवैज्ञानिक है। लेविन का क्षेत्र सिद्धांत सामान्य शब्दावली में यह कहता है कि ‘‘मानव व्यवहार व्यत्ति और वातावरण दोनों का प्रतिफल है जिसे सांकेतिक रूप में B = f(P.E) द्वारा प्रदर्शित किया जा सकता है।
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Q23. …………….बैटरी का प्रयोग निम्न में से किसके मापन हेतु किया जाता है –
(1) रुचि
(2) व्यत्तित्व
(3) बुद्धि
(4) अभिक्षमता
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (3)
S23. (3) बुद्धि-भाटिया बैटरी बुद्धि मापने के लिए प्रयोग किया जाता है। भाटिया द्वारा भारत में बुद्धि परीक्षण का निर्माण किया गया था यह एक शाब्दिक बुद्धि परीक्षण है।
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Q24. अभिक्रमायोजित अधिगम का प्रत्यय किसने दिया था –
(1) थार्नडाइक
Also Read:
(2) हल
(3) स्किनर
(4) वाटसन
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (3)
S24. (3) स्किनर-जिस प्रकार पा वलाव का नाम कलासिकल अनुबन्ध में जुड़ा है उसी प्रकार स्किनर का नाम संवेगात्मक अनुबन्ध से जुड़ा हुआ है। संवेगात्मक अनुबन्ध को क्रियाप्रसूत अनुबन्ध भी कहा जाता है।
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Also Read:
Q25. व्यावहारिक क्षमताओं में वह सापेक्ष स्थायी परिवर्तन जो कि प्रचलित अभ्यास का परिणाम होता है उसे क्या कहते हैं –
(1) अभिप्रेरणा
(2) अधिगम
(3) अभिवृत्ति
(4) अभिक्षमता
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (2)
S25. (2) सीखना या अधिगम एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा अनुभूति या अभ्यास के फलस्वरूप व्यवहार में अपेक्षाकृत स्थायी परिवर्तन होता है।
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Q26. संज्ञान किस बुद्धि के सिद्धांत का हिस्सा है –
(1) समूहकारक सिद्धांत
(2) प्रतिदर्श सिद्धांत
(3) गिलफोर्ड का सिद्धांत
(4) फ्लूइड तथा व्रिस्टलाइज्ड का सिद्धांत
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (3)
S26. (3) गिलफोर्ड का सिद्धान्त- गिलफोर्ड (1907) का विचार का बुद्धि के सभी तत्वों को तीन विमाओं में सुसगठित किया जा सकता है। वे तीन विमाएं है-(i) संक्रिया, (ii) विषय वस्तु, (iii) उत्पादन।
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Q27. आठ वर्ष के सुधीर की मानसिक आयु दस वर्ष है। उसकी बुद्धिलब्धि कितनी है?
(1) 100
(2) 80
(3) 110
(4) 125
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (4)
S27. (4) मानसिक आयु 10 100 100 125 वास्तविक आयु 8[/su_spoiler]
Q28. संवेग का कौनसा सिद्धान्त इस विचार को मानता है कि ‘संवेगात्मक अनुभव संवेगात्मक व्यवहार’ पर आधारित हैं-
(1) हाइपोटोलसिक सिद्धांत
(2) जेम्स लैंग सिद्धांत
(3) सव्रियता सिद्धांत
(4) अभिप्रेरण सिद्धांत
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (2)
S28. (2) जेम्स-लैंग सिद्धांत के अनुसार पहले संवेगात्मक व्यवहार होता है और तब संवेगात्मक अनुभूति होती है। उदाहरण- यदि व्यत्ति बाघ या भालू को देखकर नहीं भागता, तो उसमें डर की अनुभूति भी नहीं होती है। अतः ‘‘संवेगात्मक अनुभूति संवेगात्मक व्यवहार’’ जैम्स-लैंग सिद्धांत पर आधारित है।
[/su_spoiler]
Q29. किसी इच्छा या आवश्यकता में रुकावट पड़ने पर उससे उत्पन्न होने वाला सांवेगिक तनाव —– कहलाता है –
(1) कुण्ठा
(2) द्वन्द्व
(3) चिन्ता
(4) तनाव
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (1)
Also Read:
S29. (1) कुण्ठा- मैकड्गल ने 14 संवेग बताए है। किसी इच्छा की पूर्ति न होना कुंठा संवेग की उत्पत्ति होती है।
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Q30. कोलबर्ग का सिद्धांत निम्न में किस विकास से सम्बन्धित है –
(1) सामाजिक विकास
(2) भाषा विकास
(3) नैतिक विकास
(4) शारीरिक विकास
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (3)
S30. (3) नैतिक विकास- कोलबर्ग ने सामाजिक परिपेक्ष्य अर्थात समाज से अपने संबंधों के बारे में वैयत्तिक दृष्टिकोण पर बल दिया है। कोल्बर्ग का तर्क है कि नैतिक विकास संज्ञानात्मक विकास के सामानान्तर चलता है परन्तु उसके लिए आवश्यक शर्त नहीं है।
[/su_spoiler]
Q31. था र्नडाइक का सिद्धान्त निम्न में से कौन सी श्रेणी में आता है?
(1) संज्ञानात्मक सिद्धान्त
(2) व्यवहारात्मक सिद्धान्त
(3) मनोविश्लेषणात्मक सिद्धान्त
(4) इनमें से कोई नहीं
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (2)
S31. (2) व्यवहारात्मक सिद्धान्त। था र्नडाइक एक जाने माने व्यवहारवादी थे। अतः उन्होंने सीखने की व्याख्या व्यवहारवादी सिद्धान्तों के अनुकूल की है। था र्नडाइक ने प्रयास एवं त्रुटि नामक सीखने का सिद्धान्त दिया था जिसका प्रयोग बिल्ली के ऊपर किया था।
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Q32. सीखने के वक्र किसके सूचक हैं?
(1) सीखने की मौलिकता के सूचक हैं।
(2) सीखने की प्रगति के सूचक हैं।
(3) सीखने के गत्यात्मक स्वरूप के सूचक है।
(4) सीखने की रचनात्मकता के सूचक हैं।
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (2)
S2. (2) सीखने की प्रगति की सूचक- सीखने के वक्र सीखने की प्रगति का सूचक है, क्योंकि सीखने की मौलिकता, गत्यात्मकता एवं रचनात्मकता सृजनात्मक कार्यों से सम्बन्धित होती है। अतः सीखने के वक्र सीखने की प्रगति का सूचक है।
[/su_spoiler]
Q33. व्यत्तित्व का सामाजिक अधिगम सिद्धान्त किसने दिया था?
(1) डा लर्ड और मिलर
Also Read:
(2) बण्डूरा और वाल्टर
(3) कार्ल रोजर्स
(4) युंग
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (2)
S33. (2) बन्डूरा और वाल्टर। व्यत्तित्व का सामाजिक अधिगम सिद्धान्त बन्डूरा और वाल्टर द्वारा 1977 में दिया गया था।
[/su_spoiler]
Q34. ‘मिरर ड्रांइग परीक्षण’ निम्न में किसके मापन हेतु प्रयुत्त होता है?
(1) बुद्धि
(2) व्यत्तित्व
(3) अधिगम
(4) नैतिकता
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (3)
S34. (3) ‘‘मिरर ड्राइंग परीक्षण’’ अधिगम या सीखने के मापन हेतु प्रयुत्त होता है।
Also Read:
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Q35. ………..केन्द्रीय प्रवृत्ति का एक माप है।
(1) माध्यिक
(2) प्रसार क्षेत्र
(3) औसत विचलन
(4) मानक विचलन
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (1)
S35. (1) माध्यिक। केन्द्रीय प्रवृत्ति एक सांख्यिकी विधि है। जिसके द्वारा स्कोर के केन्द्रीय प्रवृत्ति की माप की जाती है। इसके अन्तर्गत माध्य (Mean), माध्यिक (Median), Mode (बहुलक आते हैं।
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Q36. निम्न में कौन शेष से भिन्न है?
(1) 16- पी. एफ.
(2) टी.ए.टी.
(3) क्लाउड पिक्चर टेस्ट
(4) ड्रा ए मैन टेस्ट
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (1)
S36. (1) 16 पी. एफ.। अन्य तीन विकल्प टी.ए.टी क्लाउड पिक्चर टेस्ट, ड्रा ए मैन टेस्ट ये तीनों प्रक्षेपी तकनीक है जबकि 16 पी. एफ. कैटल द्वारा निर्मित व्यत्तित्व परीक्षण टेस्ट है जो कि प्रक्षेपी नहीं है।
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Q37. विकासात्मक कार्य के प्रत्यय के प्रतिपादक थे
(1) हैविघर्स्ट
(2) हा लिंगवर्थ
(3) जीन पियाजे
Also Read:
(4) हाल
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (1)
S37. (1) विकासात्मक कार्य के प्रत्यय के प्रतिपादक अमेरिका की शिकागो यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ‘रा बर्ट हैविघर्स्ट’ (Robert Havighurst) थे।
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Q38. सृजनशीलता की पहचान हेतु किसने ‘सृजनात्मक चिन्तन परीक्षण’ का निर्माण किया?
(1) टोरेन्स
(2) मेरीफील्ड
(3) कोल एवं ब्रूस
(4) केन्ट
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (1)
S38. (1) टोरेन्स (Torrance)। सृजनात्मक चिन्तन परीक्षण का निर्माण टोरेन्स द्वारा 1971 में किया गया जिसका अत्यधिक व्यापक प्रयोग किया गया।
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Q39. ……….अधिगम के प्राथमिक नियमों में से एक है।
(1) प्रभाव का नियम
(2) अभिवृत्ति का नियम
(3) समानता का नियम
(4) सहचारी अन्तरण का नियम
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (1)
S39. (1) प्रभाव का नियम। अधिगम के तीन प्राथमिक नियम थार्नडाइक द्वारा दिए गए थे। जिनमें तत्परता का नियम प्रभाव का नियम एवं अभ्यास का नियम।
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Q40. निम्न में किसमें अन्वेषण के ऊर्ध्व उपागम का उपयोग किया जाता है?
(1) प्रयोगीकरण
(2) केस अध्ययन
(3) सर्वेक्षण
(4) अन्तर्दर्शन
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (2)
S40. (2) केस अध्ययन। ऊर्ध्व उपागम का प्रयोग (case study) में किया जाता है।
Also Read:
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Q41. जब व्यत्ति का एक परिस्थिति का अधिगम दूसरी परिस्थिति में उसके सीखने तथा निष्पादन को प्रभावित करता है, तो उसे कहते हैं
(1) स्मृति
(2) चिन्तन
Also Read:
(3) अधिगम अन्तरण
(4) बौद्धिक विकास
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (3)
S41. (3) अधिगम अन्तरण। एक परिस्थिति का अधिगम दूसरी परिस्थिति में उसके सीखने तथा निष्पादन को प्रभावित करना अधिगम का अन्तरण कहलाता है।
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Q42 जी. वालस के अनुसार सृजनात्मक चिन्तन का प्रथम चरण होता है
(1) उद्भासन
(2) उद्भवन
(3) मूल्यांकन
(4) उपक्रम
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (4)
S12. (4) उपक्रम (Prepraration)। जी वालस के अनुसार सृजनात्मक चिन्तन के चरण 1- उपक्रम 2- उद्भ, 3- उद्भासन 4- मूल्यांकन होता है।
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Q43. …………ने प्रयत्न व भूल के सिद्धान्त का प्रतिपादन किया था।
(1) हेगाटी
(2) पावलोव
(3) था र्नडाइक
(4) रास
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (3)
S43. (3) था र्नडाइक ने प्रयास व भूल सिद्धान्त का प्रतिपादन (1898) में किया। यह प्रयोग बिल्ली पर था।
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Q44. ‘व्यत्तित्व व्यत्ति के अन्तर्गत उन मनोशारीरिक गुणों का गतिशील संगठन है जो पर्यावरण में उसके अपूर्व समायोजन को निर्धारित करते है।’ उत्त परिभाषा देने वाले हैं
(1) एस. प्रायड
(2) एम. एल. मन
(3) जी. डब्ल्यू. आल्पोर्ट
(4) जे. ई. डेशील
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (3)
S44. (3) जी. डब्ल्यू आल्पोर्ट- यह परिभाषा आल्पोर्ट ने व्यत्तित्व के सम्बन्ध में 1937 में दी थी।
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Q45. सीखने में पलायन आधारित है
(1) नकारात्मक पुनर्बलन पर
(2) सकारात्मक पुनर्बलन पर
(3) विलम्बित पुनर्बलन पर
(4) पुनर्बलन की निष्व्रियता पर
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (1)
S45. (1) सीखने में पलायन नकारात्मक पुनर्बलन पर आधारित है। उदाहरण यदि विद्यालय में बच्चों को कठोर दण्ड दिया जाता है तो वह विद्यालय कभी-कभी अथवा नहीं आते हैं।
[/su_spoiler]
Q46. भाषा का वह घटक जो ध्वनि की गति के अनुक्रम संचालन एवं उसकी रचना से सम्बन्धित नियम की चर्चा करता है, उसे क्या कहते हैं?
(1) व्याकरण
(2) अर्थविज्ञान
(3) स्वरविज्ञान
(4) इनमें से कोई नहीं
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (3)
S46. (3) भाषा का वह घटक जो ध्वनि की गति के अनुक्रम संचालन एवं उसकी रचना से सम्बन्धित नियम की चर्चा करता है, उसे ‘स्वरविज्ञान’ कहते हैं।
[/su_spoiler]
Q47. वुडवर्थ के अनुसार स्मृति का आयाम नहीं है
(1) पुनःस्मरण
(2) धारण
(3) पहचानना
(4) तर्क करना
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (4)
S47. (4) तर्क करना। स्मरण से तात्पर्य पूर्व सीखे गये विषयों या पाठों को चेतना में लाने में होता है स्मरण की प्रक्रिया एक जटिल प्रक्रिया होती है जिसमें चार तरह की उपक्रियाएं होती है-
(i) सीखना,
(ii) चारण करना,
(iii) प्रत्याहान,
(iv) पहचान करना
[/su_spoiler]
Q48. टी.ए.टी. …………द्वारा बनाया गया था।
(1) आल्पोर्ट
(2) रोर्शाक
(3) मैस्लो
(4) मरे
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (4)
S48. (4) T.A.T परीक्षण का निर्माण मरे द्वारा किया गया था।
[/su_spoiler]
Q49. लक्ष्य निर्देशित व्यवहार में बाधा आना कहलाता है।
(1) अभिप्रेरण
(2) संवेग
(3) कुंठा
(4) आव्रामकता
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (3)
S49. (3) कुंठा (Frustration)। लक्ष्य निर्देशित व्यवहार में बाधा आना कुंठा कहलाता है।
[/su_spoiler]
Q50. आँख के रंग को कौन सा कारक प्रभावित करता है?
(1) आनुवंशिकता
(2) वातावरण
(3) हार्मोन
(4) समाज
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (1)
S50. (1) आनुवांशिकता। आंख के रंग को आनुवांशिक कारण प्रकाशित करते है।
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Q51. आधार आयु निम्न में से किसके मापन से सम्बन्धित है?
(1) व्यत्तित्व
(2) रुचि
(3) बुद्धि
(4) अवधान
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (3)
S51. (3) बुद्धि। आधार आयु व वास्तविक आयु के समीकरण में बुद्धिलब्धि ज्ञात की जाती है। इसका सूत्र हैबुद्धिलब्धि आधार आयु 100 वास्तविक आयु इसे विलयम स्टर्न ने 1912 में दिया था।
[/su_spoiler]
Q52. शिक्षक द्वारा कक्षा में डाँट पड़ने पर छात्र यदि घर आकर अपनी छोटी बहन पर गुस्सा इजहार करता है, तो यह किसका उदाहरण बनता है?
(1) उदात्तीकरण
(2) विस्थापन
(3) रूपान्तर
(4) प्रतिक्रिया निर्माण
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (2)
S52. (2) विस्थापन। इसके अन्तर्गत बालक अपने गुस्से या अन्य संवेग प्रतिक्रिया किसी अन्य पर उपसंवेग का विस्थापन करता है।
[/su_spoiler]
Q53. निम्न में कौन ‘सीखने के गेस्टाल्ट सिद्धान्त’ से सम्बन्धित है?
(1) स्किनर
(2) पावलोव
(3) था र्नडाइक
(4) कोहलर
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (4)
S53. (4) कोहलर। कोहलर एवं कोफ्का सीखने से गेस्टाल्ट सिद्धान्त के अन्तर्गत आते है जिन्होंने सूझ का सिद्धान्त (Insight theory of learning) का प्रतिपादन किया था।
[/su_spoiler]
Q54. ‘‘इरौस’ शब्द सम्बन्धित है
(1) मरण मूलप्रवृत्ति से
(2) जीवन मूलप्रवृत्ति से
(3) भय मूलप्रवृत्ति से
(4) प्राकृतिक मूलप्रवृत्ति से
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (2)
S54. (2) फ्रायड ने मूल प्रवृत्तियों को मूलतः दो भागों में बांटा है –
(1) जीवन मूलप्रवृत्ति
(2) मृत्यु मूलप्रवृत्ति जीवन मूलप्रवृत्ति को इरोस (Eros) तथा मृत्यु मूलप्रवृत्ति को थैनाटोस (Thanatos) कहा जाता है।
[/su_spoiler]
Q55. ‘‘अहम्’’ निर्देशित होता है
(1) वास्तविकता सिद्धान्त द्वारा
(2) सुख के सिद्धान्त द्वारा
(3) आदर्शवादी सिद्धान्त द्वारा
(4) सामान्य सिद्धान्त द्वारा
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (1)
S55. (1) ‘‘अहम्’’ वास्तविक सिद्धान्त द्वारा निर्देशित होता है। जबकि ‘‘इदम’’ पाश्विक इच्छाओं तथा ‘‘परा-अहं’’ सामाजिक नियंत्रण का प्रतिनिधित्व करता है।
[/su_spoiler]
Q56. का लीसिस्टोकाइनिन एक हार्मोन है जिसकी सूई यदि दे दी जाये तो इससे प्राणी में
(1) भूख और प्यास दोनों में ही वृद्धि हो जाती हैं।
(2) भूख अधिक बढ़ जाती है।
(3) भूख कम हो जाती है।
(4) भूख और प्यास दोनों में ही कमी आ जाती है।
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (3)
S56. (3) ‘का लीसिस्टोकाइनिन’ एक हार्मोन है जिसकी सूई यदि दे दी जाए तो इससे प्राणी में भूख कम हो जाती है।
[/su_spoiler]
Q57. बुद्धि परीक्षण में एक सोलह वर्षीय बच्चा 75 अंक प्राप्त करता है तो उसकी मानसिक आयु………..होगी।
(1) 8 वर्ष
(2) 12 वर्ष
(3) 14 वर्ष
(4) 15 वर्ष
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (2)
S57. (2) 12 वर्ष।
[/su_spoiler]
Q58. केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र में होते हैं
(1) मस्तिष्क
(2) सभी अंग
(3) मेरुदण्ड
(4) मस्तिष्क तथा मेरुदण्ड
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (4)
S58. (4) मस्तिष्क तथा मेरूदण्ड। केन्द्रीय तन्त्रिका तन्त्र में मस्तिष्क तथा मेरूदण्ड आते हैं।
[/su_spoiler]
Q59. मनोग्रस्ति बाध्यता विकृति एक
(1) समायोजन विकृति है।
(2) मनोविच्छेदी विकृति है।
(3) चिन्ता विकृति है।
(4) काय प्रारूप विकृति है।
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (3)
S59. (3) मनोग्रस्तता एक ऐसी अवस्था होती है जिसमें रोगी बारबार किसी अतार्किक एवं असंगत विचारों को न चाहते हुए भी मन में दोहराते रहता है। रोगी ऐसे विचारों की अर्थहीनता, असंगतता एवं अतार्किक स्वरूप को भली-भाँति समझता है और उनसे छुटकारा भी पाना चाहता है परन्तु वह लाचार रहता है और विचार बार-बार उसके मन में आकर उसमें मानसिक अशान्ति उत्पन्न करते हैं। अतः यह एक चिन्ता विकृति है।
[/su_spoiler]
Q60. ‘‘सामूहिक अचेतन’’ का सम्प्रत्यय………..द्वारा दिया गया था।
(1) स्किनर
(2) पावलोव
(3) प्रायड
(4) युंग
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (4)
S60. (4) युंग ने अचेतना को दो भागों में बाँटा है –
(1) व्यत्तिगत अचेतन और
(2) सामूहिक अचेतन।
[/su_spoiler]
Q61. वह मापनी जिसमें अन्तराल के समस्त गुण के साथ परम शून्य भी हो, कहलाती है
(1) क्रमसूचक मापनी
(2) नामित मापनी
(3) अन्तराल मापनी
(4) अनुपात मापनी
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (4)
S61. (4) अनुपात मापनी मानव व्यवहार की बुद्धि क्षमता मापने का एक यंत्र है जिसमें अन्तराल मापनी के समस्त गुणों के साथ परम शून्य भी होता है।
[/su_spoiler]
Q62. प्रायड के अनुसार हमारे मूल्यों का आन्तरिकीकरण –– ––– में होता है।
(1) अहम्
(2) इदम्
(3) पराहम्
(4) परिस्थितियों
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (3)
S62. (3) सिगमंड प्रायड ने व्यत्तित्व के मापन का मनोविश्लेषणात्मक सिद्धांत प्रस्तुत किया। और उन्होंने व्यत्तित्व के मुख्यतः दो घटक माने – 1. अचेतन,2. इदम्, अहम्, अत्यहम् (पराहम्) प्रायड ने व्यत्तित्व संरचना में इदम् , अहम् एवं अंत्यहम् (पराहम्) इन तीनों तत्वों को विशेष महत्व देते हैं। उनके अनुसार जब ये तीनों तत्व एक-दूसरे के साथ समन्वित होकर कार्य करते हैं तो व्यत्ति अपने वातावरण के साथ प्रभावशाली ढंग से समन्वय स्थापित कर लेता है। तत्व सम्बन्ध इदम् अहम् अंत्यहम् (पराहम्) जन्मजात एवं वंशानुगत होते हैं। यथार्थ जगत से सम्बन्धित नैतिक मूल्य एवं आत्मा का आन्तरिकरण से संबंधित पराहम् सामाजिक मान्यताओं, संस्कारों एवं आदर्शों से सम्बन्धित होता है इसे आत्मा के अन्तःकरण की पुकार कहा जाता है।
[/su_spoiler]
Q63. व्यवहारवादी ………..ने कहा है, ‘‘मुझे नवजात शिशु दे दो। मैं उसे डा क्टर, वकील, चोर या जो चाहूँ बना सकता हूँ।’’
(1) न्यूमैन
(2) प्रीमैन
(3) वाटसन
(4) होलजिंगर
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (3)
S63. (3) वाटसन अमेरिका के प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक थे। वाटसन व्यवहारवादी मनोवैज्ञानिकों में अग्रणी थे। वाटसन का मनोविज्ञान के क्षेत्र में व्यवहार का प्रमुख स्थान दिया और व्यवहार का परिवर्तन कर मानव विकास किया जा सकता है। इनका प्रमुख कथन है – ‘‘मुझे नवजात शिशु दे दो। मैं उसे डा क्टर, वकील, चोर या जो चाहूँ बना सकता हूँ।’’
[/su_spoiler]
Q64. ध्यान आकर्षित होने में …………. की प्रमुख भूमिका होती है।
(1) उद्दीपन की उपादेयता
(2) उद्दीपन की तीव्रता
(3) उद्दीपन की विश्वसनीयता
(4) उद्दीपन की सव्रियता
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (2)
S64. (2) उद्दीपन की तीव्रता ध्यान आकर्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। क्योंकि उद्दीपन की तीव्रता जितनी ज्यादा होगी व्यत्ति की लालसा भी उतनी ही अधिक होगी तथा इस स्थिति में इच्छित वस्तु की प्राप्ति के लिए पूरे मनोयोग से ध्यान केन्द्रित किया जाता है।
[/su_spoiler]
Q65. ‘‘———– छात्र में रुचि उत्पन्न करने की कला है।’’
(1) सहानुभूति
(2) शिक्षण
(3) समदृष्टि
(4) प्रेरणा
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (4)
S65. (4) प्रेरणा छात्र में रुचि उत्पन्न करने की कला है। प्रेरणा के संकल्पना अब्राहम मैस्लो के द्वारा दिया गया। मैस्लों के अनुसार प्रत्येक जीव अपनी आवश्यकताओं के पूर्ति के लिए अभिप्रेरित होता है। मानव की आवश्यकता उसकी रुचियों की पूर्ति करने में सहायक होती है।
[/su_spoiler]
Q66. प्रायड के अनुसार –
(1) ‘‘विस्मरण का अर्थ है – किसी समय प्रयत्न करने पर भी किसी पूर्व अनुभव का स्मरण करने या पहले की सीखी हुई किसी कार्य को करने की असफलता।’’
(2) ‘‘ग्रहण किये या सीखे हुए तथ्यों को धारण करने या पुनःस्मरण करने की असफलता को विस्मरण कहते हैं।’’
(3) ‘‘विस्मरण वह प्रवृत्ति है, जिसके द्वारा दुःखद अनुभवों को स्मृति से अलग कर दिया जाता है।’’
(4) उपर्युत्त में से कोई नहीं।
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (3)
S66. (3) सिगमण्ड प्रायड आस्ट्रेलिया के प्रमुख तंत्रिकातन्त्र विशेषज्ञ थे उन्हें मनोविश्लेषणात्मक चिकित्सा पिता माना जाता है। प्रायड ने मानव व्यत्तित्व के विकास में मनोविश्लेषणात्मक संकल्पना प्रस्तुत किया तथा उनके अनुसार मानव की स्मृति मानव व्यत्तित्व के विकास में अहम भूमिका निभाती है। उन्होंने कहा है कि ‘‘विस्मरण वह प्रवृति है जिसके द्वारा दुःखद अनुभवों को स्मृति से अलग कर दिया जाता है।’’
[/su_spoiler]
Q67. एस-ओ-आर किसके द्वारा प्रस्तावित किया गया है?
(1) कोफ्का
(2) वाटसन
(3) कोहलर
(4) गेस्टाल्टवादी मनोवैज्ञानिकों
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (*)
S67. (*) S-O-R (Stimulus-Oranism-Response) अमेरिकी वैज्ञानिक बुडवर्थ के द्वारा प्रस्तावित किया गया था यह संकल्पना अधिगम के क्षेत्र में उद्दीपन अनुक्रिया दिये गये विकल्प में कोई उत्तर सही नहीं है।
[/su_spoiler]
Q68. ध्यान को केन्द्रित करने की आन्तरिक दशा है
(1) नवीनता
(2) अवधि
(3) रुचि
(4) आकार
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (3)
S68. (3) ध्यान केन्द्रित करने की आन्तरिक दशा रुचि होती है। किसी विषय-वस्तु में जितनी अधिक रुचि होगी उद्दीपन क्रिया उतनी ही तीव्र होती तथा उस विषय-वस्तु पर ध्यान केन्द्रित होगा।
[/su_spoiler]
Q69. एक परिस्थिति में अर्जित ज्ञान का दूसरी परिस्थिति में उपयोग कहलाता है
(1) सीखने में स्थानान्तरण
(2) सीखने की विधियाँ
(3) सीखने में पठार
(4) सीखने में रुचि
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (1)
S69. (1) एक परिस्थिति में अर्जित ज्ञान का दूसरी परिस्थिति में उस ज्ञान के उपयोग को सीखने में स्थानान्तरण कहलाता है। अधिगम प्रक्रिया के द्वारा यह सिखाया जाता है कि मानव अपने व्यवहारिक जीवन के साथ किस प्रकार स्वयं को समायोजित करेगा। इसी प्रक्रिया में ज्ञान का स्थानान्तरण। सीखने का स्थानान्तरण का विकास होता है। जैसे-शिक्षक द्वारा अपने कक्षा कक्ष में अधिगम प्रक्रिया के द्वारा जो पढ़ाता है तथा बच्चे उसे ग्रहण करते हैं इसे ही ज्ञान का स्थानान्तरण कहते हैं।
[/su_spoiler]
Q70. अनुभव द्वारा व्यवहार में परिवर्तन कहलाता है
(1) सीखना
(2) स्मृति
(3) प्रेरणा
(4) चिन्तन
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (1)
S70. (1) अनुभव द्वारा व्यवहार में परिवर्तन सीखना कहलाता है। उदाहरणस्वरूप – यदि किसी बालक के सामने लाल मिर्च रखी है, तो वह जिज्ञासा के कारण मुँह में दबाता है और उसे काटते ही उसको तीखा का ज्ञान होता है और रोने लगता है इसलिए वह मिर्च को पेंक देता है फिर उसके पास कभी नहीं जाता क्योंकि उसने अनुभव से सीख लिया है कि लाल मिर्च कड़वी होती है। इस प्रकार सीखना पूर्व अनुभव द्वारा व्यवहार में प्रगतिशील परिवर्तन है। मनोवैज्ञानिक सिम्पसन के अनुसार –‘‘व्यवहार में कोई भी परिवर्तन जो कि अनुभवों का परिणाम है और जिसके फलस्वरूप व्यत्ति अपाने वाली स्थितियों का भिन्न प्रकार से सामना करता है-सीखना या अधिगम कहलाता है।’’
[/su_spoiler]
Q71. सांख्यिकी में वह रेखाचित्र, जिसमें आवृत्तियों को स्तम्भों द्वारा प्रदर्शित किया जाता है, कहलाता है
(1) आवृत्ति बहुभुज
(2) स्तम्भाकृति
(3) संचयी आवृत्ति
(4) रेखाचित्र
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (2)
S71. (2) सांख्यिकी में वह रेखाचित्र, जिसमें आवृत्तियों को स्तम्भों द्वारा प्रदर्शित किया जाता है उसे ‘‘स्तम्भाकृति’’ कहते हैं।
[/su_spoiler]
Q72. विकास की किस अवस्था में बुद्धि का अधिकतम विकास होता है?
(1) शैशवावस्था
(2) बाल्यावस्था
(3) किशोरावस्था (4) प्रौढ़ावस्था
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (2)
S72. (2) बुद्धि का अधिकतम विकास बाल्यावस्था में होता है। प्रारम्भिक बाल्यावस्था (early childhood) में बालकों में मानसिक विकास काफी तेजी से होता है और परवर्ती किशोरावस्था आते-आते अर्थात् 19-20 साल की उम्र तक यह काफी धीमा हो जाता है।
[/su_spoiler]
Q73. शिशु का अधिकांश व्यवहार आधारित होता है
(1) नैतिकता पर
(2) मूल प्रवृत्ति पर
(3) वास्तविकता पर
(4) ध्यान
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (2)
S73. (2) शैशवावस्था बालक का निर्माण काल कहा जाता है इसे ‘सीखने का अनोखा काल’ भी कहा जाता है इस अवस्था में शिशु का व्यवहार मूल प्रवृत्तियों पर आधारित होता है। जैसे- रोना,, हंसना, स्वप्रेम की भावना आदि। यह अवस्था बालक के सम्पूर्ण भावी जीवन का प्रभावित करती है इसलिए मनोवैज्ञानिकों ने शैशवावस्था को मानव जीवन का आधार माना गया है।
[/su_spoiler]
Q74. अन्तर्दृष्टि (सूझ) द्वारा सीखने के सिद्धान्त में कोहलर ने प्रयोग किया था
(1) वनमानुषों पर
(2) कुत्ते पर
(3) बिल्ली पर
(4) चूहों पर
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (1)
S74. (1) सूझ या अन्तर्दृष्टि का सिद्धांत देने का श्रेय जर्मन मनोवैज्ञानिक उल्फगंग कोहलर को है जिसे अपनी पुस्तक ‘Mentality of opes’ में वर्ष 1925 में प्रस्तुत किया है। कोहलर ने सूझ के सिद्धांत का प्रयोग वनमानुष या सुल्तान नामक ‘‘चिम्पांजी’’ पर करते हैं। कोहलर के अनुसार ‘‘कल्पना जितनी अधिक होगी सूझ की क्षमता का विकास भी उतना ही अधिक होगा।’’
[/su_spoiler]
Q75. यह आवश्यक नहीं है कि उच्च बुद्धि लब्धि वाले बच्चे ……… में भी उच्च होंगे।
(1) अध्ययन
(2) सृजनशीलता
(3) विश्लेषण करने
(4) अच्छे अंक प्राप्त करने
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (2)
S75. (2) किसी भी समस्या का सम्पूर्ण हल प्राप्त करने की योग्यता ‘बुद्धि’ कहा जाता है जबकि नवीन उत्पाद एवं नवीन खोज करने की क्षमता को सृजनशीलता कहा जाता है अतः बुद्धि लब्धि के आधार पर सृजनशीलता का मापन किया जा सकता तथा यह निश्चित नहीं हो सकता कि उच्च बुद्धि लब्धि वाले बालक सृजनशीलता में भी उच्च होंगे।
[/su_spoiler]
Q76. अधिगम में ………… ने प्रभाव का नियम दिया था।
(1) स्किनर
(2) पावलोव
(3) वाटसन
(4) था र्नडाइक
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (4)
S76. (4) था र्नडाइक ने अधिगम सिखने के मुख्यतः तीन नियम दिए हैं-
- तत्परता का नियम
- प्रभाव का नियम
- अभ्यास का नियम प्रभाव के नियम के अनुसार हम उस कार्य को सीखना चाहते हैं जिसका परिणाम हमारे लिए हितकर होता है। प्रभाव संतोषजनक होने पर व्यत्ति उस अनुक्रिया को सीख लेता है तथा असंतोष उत्पन्न होने पर उस कार्य को नहीं करना चाहता है।
प्रभाव के नियम को अध्यापक द्वारा कक्षा कक्ष में लागू करने के लिए मुख्यतः दो कार्य करने अति आवश्यक हैं-
- शिक्षकों को अध्यापन कार्य करते समय बालकों का उत्साह बढ़ाना चिाहए।
- शिक्षक को चाहिए कि पाठ्यक्रम को व्यस्थित करके छात्रों के सामने प्रस्तुत करें ताकि छात्रों में अधिगम के प्रति अभिरुचि बढ़ें।
[/su_spoiler]
Q77. निम्न में से किस विधि का उपयोग स्मृति के मापन के लिए नहीं किया जाता है?
(1) तार्किक विधि
(2) प्रत्याह्वान विधि
(3) पहचान विधि
(4) पुनः सीखना विधि
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (1)
S77. (1) स्मृति वह भण्डारण क्षमता है जहाँ पर पूर्व की विषय- वस्तु को यादास्त के रूप में संचित किया जाता है तथा आवश्यकतानुरूप उसे तत्कालीन परिस्थितियों में याद किया जाता है।
[/su_spoiler]
Q78. प्रासंगिक अन्तर्बोध परीक्षण (T.A.T.) का विकास ………. द्वारा किया गया था।
(1) होल्ट्जमैन
(2) सायमण्ड
(3) मरे
(4) बैलक
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (3)
S78. (3) प्रासंगिक अन्तर्बोध परीक्षण (TAT) व्यत्तित्व मापन का एक परीक्षण है। इस परीक्षण का विकास वर्ष 1935 में हावर्ड विश्वविद्यालय के शिक्षक एस.ए. मुर्रे द्वारा किया गया। TAT परीक्षण में 31 कार्डों का प्रयोग किया जाता है। जिसमें एक कार्ड सादा रहता है तथा परीक्षण के समय एक व्यत्ति पर अधिकतम 20 कार्डों का प्रयोग किया जाता है। प्रत्येक कार्ड पर अलग-अलग विषयों पर अलग-अलग चित्र बने होते हैं तथा प्रत्येक कार्ड पर बने चित्रों के आधार पर 5 मिनट में कहानी बनानी पड़ती है।
[/su_spoiler]
Q79. मनोविज्ञान का शिक्षा के क्षेत्र में सबसे बड़ा योगदान है :
(1) शिक्षक केन्द्रित शिक्षा
(2) विषय केन्द्रित शिक्षा
(3) क्रिया केन्द्रित शिक्षा
(4) बाल केन्द्रित शिक्षा
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (4)
S79. (4) मनोविज्ञान का शिक्षा के क्षेत्र में सबसे बड़ा योगदान बाल केन्द्रित शिक्षा है। मनोविज्ञान के द्वारा ही शिक्षा के क्षेत्र में एक व्रांतिकारी परिवर्तन आया जिसके परिणामस्वरूप बालक के व्यवहार को नियन्त्रित करके सकारात्मक दिशा प्रदान की जाती है तथा शिक्षण पाठ्यक्रम तथा शिक्षण कौशल छात्र के अनुकूल ही तैयार की जाती है ताकि छात्र सहजतापूर्वक अधिगम कर सके।
[/su_spoiler]
Q80. निम्नलिखित में से कौन सा वृद्धि और विकास के सिद्धांतों से संबंधित नहीं है?
(1) वर्गीकरण का सिद्धांत
(2) निरन्तरता का सिद्धांत
(3) समन्वय का सिद्धांत
(4) वैयत्तिकता का सिद्धांत
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (1)
S80. (1) वृद्धि एवं विकास सतत चलने वाली एक ऐसी प्रक्रिया है जो बालक को असहाय शिशु से आत्मनिर्भर, प्रौढ़ बनाती है। विकास के सिद्धांत निम्नवत हैं जिससे विकास की प्रक्रिया नियंत्रित होती है-
- निरन्तरता का सिद्धांत
- समन्वय का सिद्धांत (एकीकरण का सिद्धांत)
- वैयत्तिकता का सिद्धांत
- वंशानुक्रम व वातावरण के अन्तःक्रिया का सिद्धांत
- विकास क्रम का सिद्धांत वर्गीकरण का सिद्धांत विकास का सिद्धांत नहीं होता है।[/su_spoiler]
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Q81. कक्षा शिक्षण में पाठ प्रस्तावना सोपान सीखने के किस नियम पर आधारित है?
(1) सादृश्यता का नियम
(2) प्रभाव का नियम
(3) तत्परता का नियम
(4) साहचर्य का नियम
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (3)
S81. (3) तत्परता में कार्य करने की केन्द्रित शत्ति निहित रहती है तथा साथ में तत्परता से सव्रियता भी बढ़ जाती है। तत्परता के नियम को तैयारी का नियम भी कहते हैं इस नियम के तहत निम्न कार्य करने चाहिए-
- शिक्षकों को बालकों की अभिरुचि एवं अभिक्षमता का मापन कर लेना चाहिए। जिससे उनकी तत्परता का ज्ञान हो सके। (ज्ञात से अज्ञात की ओर)
- बालकों को तत्परता के अनुरूप शैक्षणिक व्यवस्था होनी चाहिए
- पूर्व पाठ से कुछ 3 प्रश्न पूछ कर नवीन पाठ आरम्भ करनी चाहिए (पाठ प्रस्तावना) भाटिया के अनुसार – ‘‘तत्परता या किसी कार्य के लिए तैयार होना, युद्ध को आधा विजय कर लेना है।’’[/su_spoiler]
Q82. संप्रत्यय निर्माण का प्रथम सोपान है
(1) विभेदीकरण
(2) सामान्यीकरण
(3) प्रत्यक्षीकरण
(4) पृथक्करण
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (3)
S82. (3) सम्प्रत्यय (संकल्पना) निर्माण के सोपान निम्न हैं प्रत्यक्षीकरण -विभेदीकरण-पृथक्करण-सामान्यी
करण अतः सम्प्रत्यय निर्माण का प्रथम सोपान प्रत्यक्षीकरण होगा। [/su_spoiler]
Q83. प्रेक्षणात्मक अधिगम सम्प्रत्यय …… द्वारा दिया गया था।
(1) बैण्डूरा
(2) टोलमैन
(3) था र्नडाइक
(4) कोहलर
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (1)
S83. (1) प्रेक्षणात्मक अधिगम सम्प्रत्यय (संकल्पना) अल्वर्ट बैण्डूरा के द्वारा दिया गया। इस संकल्पना के तहत बालक के व्यवहार का निरीक्षण किया जाता है तथा बालक को उचित एवं सकारात्मक निर्देश दिया जाता है ताकि बालक का मानसिक व शैक्षिक विकास हो सके।
[/su_spoiler]
Q84. उदाहरण, निरीक्षण विश्लेषण, वर्गीकरण, नियमीकरण निम्नलिखित में से किस विधि के सोपान हैं?
(1) आगमन विधि
(2) निगमन विधि
(3) अन्तर्दर्शन विधि
(4) बहिर्दर्शन विधि
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (1)
S84. (1) उदाहरण निरीक्षण विश्लेषण वर्गीकरण नियमीकरण का सोपान आगमन विधि के अन्तर्गत आता है।
[/su_spoiler]
Q85. अवधान के आन्तरिक अथवा व्यत्तिनिष्ठ निर्धारक हैं
(1) उद्दीपक, वस्तु, प्रविधि
(2) रुचि, लक्ष्य, अभिवृत्ति
(3) प्रकाश, ध्वनि, गंध
(4) पुरस्कार, दण्ड, प्रोत्साहन
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (2)
S85. (2) अवधान के आन्तरिक निर्धारक निम्न है–अभिरुचि, लक्ष्य, अभिवृत्ती, आदत, जिज्ञासा, आवश्यकता, प्रशिक्षण, अर्थ।
[/su_spoiler]
Q86. बाल मनोविज्ञान का क्षेत्र है
(1) केवल गर्भावस्था की विशेषताओं का अध्ययन।
(2) केवल शैशवावस्था की विशेषताओं का अध्ययन।
(3) केवल बाल्यावस्था की विशेषताओं का अध्ययन।
(4) गर्भावस्था से किशोरावस्था की विशेषताओं का अध्ययन।
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (4)
S86. (4) बाल मनोविज्ञान के अन्तर्गत गर्भवस्था से किशोरावस्था तक की विशेषताओं का अध्ययन किया जाता है। मनोविज्ञान में मानव व्यवहार का अध्ययन किया जाता है। उसी प्रकार बाल मनोविज्ञान के अन्तर्गत बालक व्यवहार के परिवर्तन को विश्लेषित करते हुए उसका अध्ययन किया जाता है तथा अलग-अलग अवस्थाओं के बालक के विकास को सकारात्मक दिशा देने का प्रयास किया जाता है।
[/su_spoiler]
Q87. वह अवस्था जो कि माता के 21कें गुणसूत्र जोड़े के अलग न हो पाने के कारण होती है, कहलाती है
(1) क्लीनफेल्टर सिन्ड्रोम
(2) डाउन्स सिन्ड्रोम
(3) टर्नर सिन्ड्रोम
(4) विल्सन सिन्ड्रोम
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (2)
S87. (2) कोलवर्ग के परम्परागत स्तर पर वाह्य कारकों के द्वारा निर्धारित होती है। इस अवस्था में व्यत्ति सामाजिक तन्त्र का अस्त्तिव बनाए रखने के लिए नियमानुसार व्यवहार करता है।
[/su_spoiler]
Q88. कोलबर्ग के अनुसार किस अवस्था में नैतिकता बाह्य कारकों द्वारा निर्धारित होती है?
(1) पारम्परिक अवस्था
(2) पूर्व पारम्परिक अवस्था
(3) पश्चात् पारम्परिक अवस्था
(4) उपरोत्त में से कोई नहीं
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (2)
S88. (2) लारेंस कोहलबर्ग के नैतिक विकास के सिद्धांत में तीन प्रमुख अवस्थाएं होती हैं।
- पूर्व परम्परागत स्तर (प्राकरुढ़िगत स्तर)
- परम्परागत स्तर (रुढ़िगत नैतिक स्तर)
- उत्तर रुढ़िगत स्तर पूर्व परम्परागत अवस्था में बालक में नैतिकता बाह्य कारकों के द्वारा निर्धारित होती है।[/su_spoiler]
Q89. निम्नलिखित में से कौन सा एक सही क्रम है?
(1) ब्लास्टोसिस्ट, अण्डाणु-शुव्राणु, युग्मनज
(2) अण्डाणु-शुव्राणु, ब्लास्टोसिस्ट, युग्मनज
(3) ब्लास्टोसिस्ट, युग्मनज, अण्डाणु-शुव्राणु
(4) अण्डाणु-शुव्राणु, युग्मनज, ब्लास्टोसिस्ट
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (4)
S89. (4) सही क्रम होगा- अण्डाणु-शुव्राणु, युग्मनज, ब्लास्टोसिस्ट यह प्रक्रिया निषेचन से सम्बन्धित है जिसमें सर्वप्रथम गर्भाधान क्रिया के दौरान सर्वप्रथम अण्डाणु एवं शुव्राणु आपस में मिलते हैं, इनके मिलने से युग्मनज का निर्माण होता है तत्पश्चात् ब्लास्टोसिस्ट क्रिया के द्वारा शिशु का निर्माण शुरू होता है।
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Q90. अन्तर्मुखी, बहिर्मुखी तथा उभयमुखी व्यत्तित्व का वर्गीकरण ……… द्वारा किया गया है।
(1) युंग
(2) व्रेचनर
(3) शैल्डन
(4) स्प्रेंजर
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (1)
S90. (1) युंग स्वीट्जरलैण्ड के मनोवैज्ञानिक थे। मनोवैज्ञानिक गुणों के आधार पर युंग ने व्यत्तित्व का वर्गीकरण किया तथा बताया कि व्यत्तित्व मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं- 1. अन्तर्मुखी 2. बहिर्मुखी 3. उभयमुखी बाल विकास और अध्यापन।
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Q91. ………….. के अनुसार ‘बालक का विकास आनुवंशिकता तथा वातावरण का गुणनफल है।’
(1) गैरेट
(2) वुडवर्थ
(3) हालैण्ड
(4) था र्नडाइक
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (2)
S91. (2) आनुवंशिकता से व्यवहार के रचना तंत्र का निर्माण होता है तथा वातावरण उस रचना तंत्र के व्यवहार की एक निश्चित दिशा विकसित करता है ‘‘बीज से वृक्ष बनने की संभावना निहित रहती है लेकिन वातावरण के आधार पर उसके विकास का स्तर निर्धारित है। दोनों में से किसी एक के आभाव में वृक्ष का समुचित ढ़ंग से विकास होना सम्भव नहीं है।’’ इसलिए वुडवर्थ का मत है कि ‘‘बालक का विकास आनुवांशिकता तथा वातावरण का गुणनफल है।’’
[/su_spoiler]
Q92. ‘‘मनोविज्ञान ने सर्वप्रथम अपनी आत्मा का परित्याग किया, फिर अपने मन का और फिर अपनी चेतना का, अभी वह एक प्रकार के व्यवहार को संजोये है’’ कथन था।
(1) वुंट का
(2) टिचनर का
(3) वुडवर्थ का
(4) मैक्डूगल का
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (3)
S92. (3) साइका लाजी (मनोविज्ञान) यूनानी भाषा का शब्द है। यह दो शब्दों से मिल कर बना है- साइकी (Psych) तथा लोगस (Logos)। अतः साइका लाजी शब्द का अर्थ है- आत्मा का अध्ययन। कालचक्र के अनुसार मनोविज्ञान का विषय बदलता रहा और अन्ततः मनोविज्ञान का विषय व्यवहार का अध्ययन बना। वुडवर्थ के शब्दो में- ‘‘सर्वप्रथम मनोविज्ञान ने अपनी आत्मा का त्याग किया फिर इसने मन का त्याग किया पुनः इसने चेतना का त्याग किया अब वह व्यवहार के विधि को स्वीकार करता है।’’ चेतना व्यवहार मन आत्मा।
[/su_spoiler]
Q93. मनोलैंगिक विकास में सुप्तावस्था का वर्ष-अन्तराल सम्बन्धित है
(1) 6 से यौवन तक
(2) 2-5 वर्षों का
(3) 18-20 वर्षों का
(4) 20-22 वर्षों का
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (1)
S93. (1) मनोलैंगिक विकास का सिद्धांत सिगमंड प्रायड के द्वारा दिया गया। इस विकास के सिद्धांत के अनुसार सुप्तावस्था का वर्ष अन्तराल 6 वर्ष से किशोरावस्था (यौवन) तक है।
[/su_spoiler]
Q94. विकास के मनोसामाजिक सिद्धान्त का प्रतिपादन……….. ने किया था।
(1) प्रायड
(2) एरिकसन
(3) कोहलर
(4) वाटसन
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (2)
S94. (2) विकास के मनोसामाजिक विकास के सिद्धांत का प्रतिपादन एरीकसन ने किया था। इस सिद्धांत के अनुसार ‘‘बच्चे माता और पिता दोनों से ही नैतिक नियमों को सीखते है।’’
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Q95. …………. के अनुसार इदम् अहम् तथा पराहम् व्यत्तित्व के तीन घटक हैं।
(1) युंग
(2) बन्डुरा
(3) एडलर
(4) प्रायड
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (4)
S95. (4) सिगमंड प्रायड ने व्यत्तित्व के विकास में चेतन की अपेक्षा अचेतन को सर्वाधिक महत्व देते है क्योंकि इसका क्षेत्र अधिक विस्तृत है। प्रायड ने व्यत्तित्व की संरचना में इदं, अहम् एवं पराहम् (अत्यंह) इन तीनों तत्वों को विशेष महत्व दिया है तत्व सम्बंध इदं अहं पराहम् जन्मजात, वंशानुगत क्षेत्र से है। यथार्थ जगत से है। नैतिक मूल्य, आत्मा की अन्तःकरण की पुकार है।
[/su_spoiler]
Q96. किस व्यवहारवादी का मानना है कि अन्य व्यवहारों की भाँति भाषा भी क्रिया-प्रसूत अनुबन्धन द्वारा सीखी जाती है?
(1) स्किनर
(2) वाटसन
(3) गुथरी
(4) था र्नडाइक
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (1)
S96. (1) प्रसिद्ध व्यवहारवादी अमेरिकी मनोवैज्ञानिक वी.एफ. स्कीनर ने अपनी पुस्तक The behaviour of Organism में सिखने के सिद्धांत का प्रतिपादन किया है। यह सिद्धांत क्रिया प्रसुत अनुबंध सिद्धांत है। इस सिद्धांत के अनुसार एक ही क्रिया को बार-बार करने पर परिपक्वता आ जाती है। इसी प्रकार भाषा का विकास भी हो जाता है और आसानी से सीखा जा सकता है।
[/su_spoiler]
Q97. निम्न में से कौन केन्द्रीय प्रवृत्ति का माप नहीं है?
(1) बहुलांक
(2) प्रसार
(3) मध्यांक
(4) मध्यमान
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (2)
S97. (2) किसी श्रेणी में चर का वह मान जो उस श्रेणी का प्रतिनिधित्व करता है, केन्द्रीय प्रवृत्ति की माप कहलाती है। केन्द्रीय प्रवृत्ति की मुख्य मापें निम्न है- 1. माध्य 2. माध्यिका 3. बहुलक प्रसार केन्द्रीय प्रवृत्ति का माप नहीं होता है।
[/su_spoiler]
Q98. अधिगम में प्रयत्न व भूल के सिद्धान्त का प्रतिपादन किसने किया?
(1) हेगार्टी
(2) पावलोव
(3) था र्नडाइक
(4) हल
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (3)
S98. (3) अधिगम में प्रयत्न व भूल के सिद्धांत का प्रतिपादन थार्नडाइक ने किया था। इस सिद्धांत के अनुसार प्रयास एवं त्रुटि के द्वारा सिखने वाला एक निश्चित उद्दीपक के लिए एक निश्चित अनुक्रिया करने में परिपक्व हो जाता है। इस सिद्धांत को उद्दीपक अनुक्रिया सिद्धांत/चयन एवं सम्बंध का सिद्धांत भी कहते है। थार्नडाइक ने इस सिद्धांत का प्रयोग बिल्ली पर किया था।
[/su_spoiler]
Q99. निम्नलिखित मापन के स्तरों में सबसे अच्छा कौन है?
(1) अनुपात
(2) नामिक
(3) क्रमिक
(4) अन्तराल
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (1)
S99. (1) मापन के स्तरों को मापने के लिए सबसे अच्छी विधि अनुपात विधि होती है जिसमें दो या अधिक तथ्यों को मापने के लिए अनुपात का सहारा लिया जाता है। इससे मापन में त्रुटि की संभावना न्यूनतम रहती है।
[/su_spoiler]
Q100. निम्नलिखित में से कौन व्यत्तित्व का प्रक्षेपी परीक्षण नहीं है?
(1) टी.ए.टी.
(2) रोर्शा स्याही धब्बा परीक्षण
(3) शब्द साहचर्य परीक्षण
(4) 16 पी.एफ. परीक्षण
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (4)
S100. (4) प्रक्षेणी परिक्षण वह परिक्षण होता है जिसमें व्यत्ति के विचारों की अभिव्यत्ति होती है तथा उसके अभिव्यत्ति से उसके व्यत्तित्व का मापन होता है जैसे- रोर्शा स्याही धब्बा परीक्षण, टी.ए.टी. तथा शब्द साहचर्य परीक्षण। जबकि 16 पी.एफ. परीक्षण अप्रक्षेपी परीक्षण है जिसमें व्यत्ति के सामने प्रश्नों को रखा जाता है तथा उसका जवाब प्रश्न के विकल्प से प्राप्त किया जाता है। इन प्रश्नों की संख्या 164 होती है।
[/su_spoiler]
Q101. आवश्यकता का पदानुक्रम सिद्धान्त द्वारा प्रतिपादित किया गया था।
(1) मैस्लो
(2) वाटसन
(3) कोहलर
(4) पावलोव
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (1)
S101. (1) वर्ष 1954 में अब्राहम मैस्लो ने आवश्यकता के पदानुक्रम सिद्धांत का प्रतिपादन किया था इसे अभिप्ररेणा के मांग के सिद्धांत के नाम से भी जाना जाता है। इस सिद्धांत के अनुसार जब मनुष्य अपने जीवन के आस्तित्व के लिए किसी वस्तु की कमी का अनुभव करता है तो उसे प्राप्त करने के लिए प्रेरित हो जाता है। मैस्लो ने मनुष्य की 5 आवश्यकताओं को चिन्हित किया है जिससे मनुष्य अभिप्रेरित होता है।
[/su_spoiler]
Q102. निम्नलिखित में से किसको मुख्य (अधिकारी) ग्रन्थि कहते हैं?
(1) एड्रीनल ग्रन्थि
(2) थाइरा यड ग्रन्थि
(3) अन्तः स्त्रावी ग्रन्थि
(4) पीयूष ग्रन्थि
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (4)
S102. (4) पीयूष ग्रंथि को मुख्य अधिकारी ग्रंथि कहा जाता है क्योंकि इस ग्रंथि की द्वारा ही अन्य ग्रंथियों को नियंत्रित एवं निर्देशित किया जाता है।
[/su_spoiler]
Q103. …………ने सामूहिक अचेतन का सम्प्रत्यय दिया था।
(1) प्रायड
(2) युंग
(3) एडलर
(4) सलीवन
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (2)
S13. (2) सामूहिक अचेतन का सम्प्रत्यय मनोवैज्ञानिक युंग के द्वारा दिया गया था। मनोवैज्ञानिक युंग के अनुसार अचेतन मन, मन का एक हिस्सा है जो समाज लोग एवं मानव जाति द्वारा अपने विचारों एवं अनुभवों का साझा करता है। अचेतन वह स्थिति है जो हमारे मन एवं व्यवहार में तो होती है परन्तु सामान्यतः प्रदर्शित नहीं होती। किसी विशेष परिस्थिति में ही वह प्रदर्शित होती है। सम्मान आत्मानुभूति सामाजिक सुरक्षा शारीरिक।
[/su_spoiler]
Q104. ‘‘अंगूर खट्टे हैं’’…………का उदाहरण है।
(1) प्रतिगमन
(2) दमन
(3) यौत्तिकीकरण
(4) प्रतिक्रिया निर्माण
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (3)
S104. (3) ‘‘अंगूर खट्टे हैं।’’ वाक्य यौत्तिकीकरण का उदाहरण है। यौत्तिकीकरण मनोवैज्ञानिक रुप से रक्षा प्रणाली है। जिसमें विवादास्पद व्यवहार को तार्किक रूप से उचित ठहराने की कोशिश की जाती है तथा परिणाम के अनुसार कारण को व्यत्त किया जाता है।
[/su_spoiler]
Q105. अधिगम का क्रिया-प्रसूत अनुबन्धन सिद्धान्त……….द्वारा दिया गया था।
(1) था र्नडाइक
(2) पावलोव
(3) टोलमैन
(4) स्किनर
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (4)
S105. (4) अधिगम का क्रिया प्रसूत अनुबंध सिद्धांत मनोवैज्ञानिक वी. एफ. स्कीनर के द्वारा दिया गया है। इस सिद्धांत के अनुसार एक ही क्रिया के बार-बार करने से व्यत्ति में परिपक्वता आ जाती है। स्कीनर ने इस सिद्धांत का प्रयोग चूहा एवं बिल्ली पर किया था। चूहे पर किया गया प्रयोग मुख्य माना जाता है।
[/su_spoiler]
Q106. औसत बुद्धि वाले बालकों की बुद्धि लब्धि (I.Q.) …….. के बीच होगी।
(1) 70-89
(2) 50-59
(3) 90-109
(4) 110-129
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (3)
S106. (3) साइमन-बिने परीक्षण का प्रयोग करके मनोवैज्ञानिक टरमन ने वर्ष 1916 में बुद्धिलब्धि के वितरण की तालिका तैयार की बुद्धि लब्धि बालक बुद्धि लब्धि बालक 130 से अधिक प्रतिभाशाली 81-90 मन्दबुद्धि 121-130 प्रखर बुद्धि 70-80 अल्प बुद्धि 111-120 तीव्र बुद्धि 71 से कम जुड़ बुद्धि 91-110 सामान्य बुद्धि।
[/su_spoiler]
Q107. बन्डुरा का कथन है कि बच्चे प्रतिक्रियाएँ प्रतिमानीकरण द्वारा सीखते हैं, जिसको………… भी कहा जाता है।
(1) अन्तर्दृष्टि द्वारा सीखना
(2) अभ्यास द्वारा सीखना
(3) निरीक्षणात्मक अधिगम
(4) पुरस्कार द्वारा सिखना
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (3)
S107. (3) अल्बर्ट बन्डुरा के द्वारा अधिगम के क्षेत्र में सामाजिक अधिगम सिद्धांत का प्रतिपादन किया गया था। इसके अनुसार बच्चे प्रतिक्रियाएं प्रतिमानीकरण द्वारा सीखते है, जिसे निरीक्षणात्मक अधिगम भी कहा जाता है। जिसमे बच्चे अपने से बड़ों के व्यवहार का निरीक्षण करके उसी तरह के व्यवहार को प्रदर्शित करते है।
[/su_spoiler]
Q108. पियाजे के संज्ञानात्मक विकास सिद्धान्त में अमूर्त तर्क एवं परिपक्व नैतिक चिंतन किस अवस्था की विशेषताएँ हैं?
(1) पूर्व संक्रियावस्था
(2) संवेदनात्मक-गामक अवस्था
(3) औपचारिक संक्रियावस्था
(4) मूर्त संक्रिया अवस्था
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (3)
S108. (3) पियाजे के संज्ञानात्मक विकास की चार अवस्थाए होती है- 1- संवेदनात्मक गामक अवस्था (जन्म से 2 वर्ष तक) 2- पूर्व संक्रियात्मक अवस्था (2-7 वर्ष) 3- मूर्त संक्रियात्मक अवस्था (7-11 वर्ष) 4- औपचारिक संक्रियात्मक अवस्था (11-14 वर्ष तक) चतुर्थ अवस्था में बालक में चिंतन में पूर्ण क्रबद्धता आ जाती है तथा अमूर्त तर्क एवं परिपक्व नैतिक चिंतन का विकास हो जाता है।
[/su_spoiler]
Q109. ………….जन्मजात वैयत्तिक गुणों का योगफल है।
(1) निरन्तरता
(2) समानता
(3) वंशानुक्रम
(4) युयुत्सा
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (3)
S109. (3) आनुवंशिकता का विकास शारीरिक एवं मानसिक गुणों के संचरण से होता है जो माता-पिता से बच्चों में जीन्स के माध्यम से प्रवेश करता है। इसी के द्वारा वंशानुक्रम का निर्धारण भी होता है। इसलिए कहा जाता है कि वंशानुक्रम जन्मजात वैयत्तिक गुणों का योगफल है। वी.एन. झा के अनुसार- ‘‘वंशानुक्रम व्यत्ति की जन्मजात विशेषताओं का पूर्ण योग है।’’
[/su_spoiler]
Q110. मनोवैज्ञानिकों के अनुसार निम्नलिखित में से किस विधि द्वारा मूल-प्रवृत्तियों में परिवर्तन लाया जा सकता है?
(1) मार्गान्तरीकरण
(2) सहसम्बन्ध
(3) विलयन
(4) नवीनीकरण
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (1)
S100. (1) मार्गान्तरीकरण अर्थात पुननिर्देशन के द्वारा मूल प्रवृत्तियों में परिवर्तन लाया जा सकता है।
[/su_spoiler]
Q111. प्रत्ययों का बनते रहना एक………… प्रक्रिया है।
(1) अनियमित
(2) विषम
(3) सामयिक
(4) संचयी
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (4)
S111. (4) प्रत्ययों के बनते रहना एक संचयी प्रक्रिया है जिसके अन्तर्गत अलग-अलग तथ्यों का संग्रह करके प्रत्ययों का निर्माण किया जाता है। संचयी का तात्पर्य इक्ट्ठा (संग्रह) करना होता है।
[/su_spoiler]
Q112. निम्नलिखित में से कौन सा भूलने का कारण नहीं है?
(1) पुनरावृत्ति का अभाव
(2) मानसिक द्वन्द्व
(3) सीखने की मात्रा
(4) शिक्षक की योग्यता
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (4) व्याख्या 112. (4) अधिगम क्रिया अन्तर्गत बालकों में भूलने की प्रवृत्ति उनमें उत्पन्न मानसिक या शारीरिक दोष के कारण होती है जैसेमानसिक द्वन्द्व, पुनरावृत्ति का आभाव एवं सीखने की मात्रा (अधिकता की स्थिति में) बालकों के भूलने के कारणों में किसी भी प्रकार से शिक्षक का योगदान नहीं होता है।
[/su_spoiler]
Q113. स्पीयरमैन (1904) के अनुसार तर्क करने की क्षमता और समस्या समाधान करने की क्षमता कहलाती है
(1) जी कारक
(2) एस कारक
(3) विशिष्ट बुद्धि
(4) सांस्कृतिक बुद्धि
[su_spoiler title=”Show Answer” style=”fancy”]Ans: (1)
व्याख्या 113. (1) ब्रिटेन के मनोवैज्ञानिक स्पीयरमैन ने बुद्धि के द्विकारक सिद्धान्त के अनुसार बुद्धि संरचना दो कारकों से मिलकर बनी है- सामान्य योग्यता कारक (G-Factor) विशिष्ट योग्यता कारक (S-Factor)
[/su_spoiler]
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- Name of The Book: *Child Development and Pedagogy Questions Answers*
- Document Format: PDF
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- PDF Quality: Normal
- Language: Hindi
- PDF Size: 3 MB
- Book Credit: SarkariExamHelp
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