दिल्ली की वायु गुणवत्ता हाल ही में खतरनाक स्तर तक पहुंच गई है, जिससे उत्तर भारत में सर्दियों से पहले ही स्वच्छ हवा के लिए संघर्ष शुरू हो गया है। हालांकि दिल्ली को आमतौर पर सबसे प्रदूषित शहर माना जाता है, इस बार हरियाणा के दो शहरों ने शीर्ष स्थान हासिल किए हैं। भारत के 10 सबसे प्रदूषित शहरों की सूची देखें और जानें आपके शहर का क्या हाल है।
मुख्य बिंदु:
- दिल्ली की वायु गुणवत्ता खराब: हाल ही में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) खतरनाक स्तर पर पहुंचा।
- हरियाणा के शहर शीर्ष स्थान पर: रोहतक और सोनीपत ने सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में दिल्ली को पीछे छोड़ा।
- ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP-II) लागू: दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए GRAP-II लागू किया गया।
- छोटे शहरों में बढ़ रहा प्रदूषण: दिल्ली के अलावा कई छोटे शहरों में भी प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है।
भारत के 10 सबसे प्रदूषित शहर (अक्टूबर 2024)
11 बजे, 22 अक्टूबर 2024 के वास्तविक समय के आंकड़ों के आधार पर, यहां भारत के 10 सबसे प्रदूषित शहरों की सूची दी गई है। ये डेटा www.aqi.in पर उपलब्ध हैं।
शहर | राज्य | AQI |
---|---|---|
नई दिल्ली | दिल्ली | 371 |
रोहतक | हरियाणा | 357 |
सोनीपत | हरियाणा | 345 |
भिवाड़ी | राजस्थान | 317 |
कल्याण | महाराष्ट्र | 278 |
गाज़ियाबाद | उत्तर प्रदेश | 267 |
वृंदावन | उत्तर प्रदेश | 266 |
चूरू | राजस्थान | 260 |
हिसार | हरियाणा | 236 |
राजगीर | बिहार | 234 |
दिल्ली की बढ़ती वायु प्रदूषण समस्या
दिल्ली एक बार फिर सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में शीर्ष पर पहुंच गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, दिल्ली का औसत दैनिक AQI 310 है, जो “बहुत खराब” श्रेणी में आता है। स्थिति को देखते हुए ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP-II) को दिल्ली-एनसीआर में लागू कर दिया गया है, ताकि प्रदूषण के बढ़ते स्तर से निपटा जा सके।
छोटे शहरों में प्रदूषण की बढ़ती समस्या
दिल्ली के अलावा, हरियाणा और राजस्थान के छोटे शहरों में भी वायु प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा है। इन शहरों में वायु गुणवत्ता बिगड़ रही है और सर्दियों के मौसम में यह समस्या और गंभीर हो सकती है। डाउन टू अर्थ द्वारा की गई एक विश्लेषण के अनुसार, उत्तर और पूर्वी भारत के छोटे शहर भी प्रदूषण के मुख्य हॉटस्पॉट बनते जा रहे हैं।
प्रदूषण से निपटने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
दिल्ली में GRAP-II लागू कर दिया गया है, जो प्रदूषण के स्तर के अनुसार चरणबद्ध तरीके से कड़े उपाय लागू करता है। इसमें निर्माण गतिविधियों पर रोक, वाहनों के उपयोग में कमी, और उद्योगों पर सख्त निगरानी शामिल है। साथ ही, सरकार लोगों को जागरूक कर रही है कि वे प्रदूषण से बचाव के लिए मास्क का उपयोग करें और बाहर निकलने से बचें।
प्रदूषण के कारण और निपटने के उपाय
प्रदूषण के कारण | निपटने के उपाय |
---|---|
पराली जलाना | किसानों को पराली जलाने के विकल्प प्रदान किए जा रहे हैं। |
वाहन प्रदूषण | सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने की सलाह दी जा रही है। |
निर्माण गतिविधियां | निर्माण कार्यों पर अस्थायी रोक लगाई जा रही है। |
उद्योगों से निकलने वाला धुआं | प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों पर सख्त नियम लागू किए जा रहे हैं। |
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
दिल्ली का AQI कितना है?
22 अक्टूबर 2024 के अनुसार, दिल्ली का AQI 371 है, जो “खतरनाक” श्रेणी में आता है।
भारत के सबसे प्रदूषित शहर कौन से हैं?
वर्तमान में, दिल्ली, रोहतक, और सोनीपत शीर्ष 3 सबसे प्रदूषित शहर हैं।
GRAP-II क्या है और इसे क्यों लागू किया गया है?
GRAP-II एक ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान है जो वायु प्रदूषण के स्तर के अनुसार चरणबद्ध उपाय लागू करता है। इसे दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की खतरनाक स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लागू किया गया है।
प्रदूषण से बचने के लिए लोग क्या कर सकते हैं?
मास्क पहनें, घर के अंदर रहें, एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें, और अनावश्यक रूप से वाहनों का उपयोग न करें।
प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण क्या है?
पराली जलाना, वाहन प्रदूषण, निर्माण कार्य, और उद्योगों से निकलने वाला धुआं प्रमुख कारण हैं।
यह लेख उत्तर भारत में वायु प्रदूषण की गंभीर समस्या को उजागर करता है और दर्शाता है कि यह सिर्फ दिल्ली तक सीमित नहीं है। छोटे शहरों में भी प्रदूषण की स्थिति चिंताजनक है। तत्काल कार्रवाई और सावधानी बरतने से इस समस्या को कम किया जा सकता है।