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Most Important Know 7 Difference Between Sensex and Nifty – सेंसेक्स और निफ्टी में अंतर क्या है?

Know The Difference between Sensex and Nifty in Hindi – भारत में हज़ारों की संख्या में कंपनियां कारोबार करती है। इन कंपनियों के बेहतर ढंग से कारोबार करने और इन्हें अपना शेयर बेच कर धन इकट्ठा करते हुए बिज़नेस बढाने के लिए एक प्लेटफार्म की आवश्यकता होती है।

Stock Market यानी शेयर बाज़ार वही प्लेटफॉर्म है जहां कंपनियों को अपने शेयर बेचने की सुविधा मिलती है। भारत में आधिकारिक रूप से 2 शेयर बाज़ार कार्यरत है। एक का नाम बॉम्बे शेयर बाजार (Bombay Stock Exchange) यानी BSE है। तथा दूसरे का नाम National Stock Exchange (NSE) है। NSE दिल्ली में है।

SENSEX और NIFTY का संबन्ध इन्ही दोनो शेयर बाजारों से है। Sensex और Nifty दो ऐसे शब्द हैं जो रोजाना समाचार में सुनने को मिलते रहते हैं। निफ्टी और सेंसेक्स में वास्तव में क्या अंतर है यह बहुत कम लोगों को पता है। तो चलिए आज इस आर्टिकल में निफ्टी और सेंसेक्स के अंतर को ही बताते हैं। अंतर जानने से पहले जानते हैं कि SENSEX और Nifty क्या है | What is the Difference Between Sensex and Nifty?

SENSEX क्या है? | Sensex in Hindi

Difference Between Sensex and Nifty
Difference Between Sensex and Nifty in Hindi

SENSEX को आमतौर से BSE SENSEX के नाम से जाना जाता है। BSE और SENSEX, दोनो ही अलग – अलग शब्दों से मिल कर बना है।  यहां, BSE का फुल फॉर्म Bombay Stock Exchange होता है। वहीं, SENSEX दो शब्दों, Sensitive Index से मिल कर बना है। Sensitive Index को ही हिंदी में संवेदी सूचकांक कहा जाता है। सेंसेक्स की शुरुआत 1 जनवरी 1986 को हुई थी।

SENSEX का मुख्य काम Bombay Stock Exchange (मुंबई शेयर बाज़ार) में रजिस्टर्ड कंपनियों में से 30 सबसे बड़ी कंपनियों पर नज़र रखना होता है। सेंसेक्स में शामिल 30 कंपनियों का चुनाव Bombay Stock Exchange की एक कमेटी करती है। बाज़ार में कंपनियों के प्रदर्शन के आधार पर Index में इनका स्थान बदलता भी रहता है।

वहीं, कोई ऐसी कंपनी जो फिलहाल BSE 30 में नही है, लेकिन उसका प्रदर्शन संवेदी सूचकांक में शामिल कंपनियों से बेहतर है तो फिर उसे Index में शामिल कर लिया जाता है। हालांकि कभी भी Sensitive Index में कंपनियों की संख्या 30 से अधिक नही होगी। सेंसेक्स में केवल टॉप की 30 कंपनियों को ही शामिल किया जाता है, इस कारण इसे BSE 30 के नाम से भी जाना जाता है। लेकिन आमतौर से यह केवल SENSEX नाम से प्रचलित है।

सेंसेटिव इंडेक्स में शामिल कंपनियों का प्रदर्शन अगर अच्छा होता है तो उस से सेक्स बढ़ता है यानी कि इससे पता चलता है कि बाजार की स्थिति अच्छी है  और देश की टॉप कंपनियां जो Index में शामिल हैं, उनका कारोबार फायदे  में चल रहा है। ठीक इसी तरह, जैसे ही Sensex नीचे जाता है, इसका अर्थ होता है की देश की टॉप 30 कंपनियों का प्रदर्शन ठीक नही है और वह घाटे में  जा रही है।

फरवरी 2020 के अनुसार Sensex का कुल कारोबार लगभग 1 ट्रिलियन के आसपास का था। यह भारत की कुल GDP का लगभग 37 प्रतिशत है।

BSE NSE Full Form

BSE का full form – Bombay Stock Exchange

NSE का full formNational Stock Exchange of India

Nifty क्या है? | Nifty in Hindi

Nifty का संबन्ध दिल्ली में स्थित National Stock Exchange (NSE) से है। Nifty भी National और Fifty, दो शब्दों से मिल कर बना है। जिस तरह सेंसेक्स 30 कंपनियों के कारोबार पर नज़र रखती है। उस तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का nifty इसमें रजिस्टर्ड कंपनियों में से टॉप 50 कंपनियों के कारोबार पर नज़र रखती है। इसमें भी 50 कंपनियों का चुनाव NSE की एक कमिटी के द्वारा किया जाता है। इसमें चुने जाने वाली कंपनियां 13 अलग अलग Sector से चुनी जाती है।

चूंकि, NIFTY के तहत 50 कंपनियां ही शामिल होती है। इस कारण  इसे NIFTY 50 के नाम से भी जाना जाता है। इसके अलावा इसे National Index Fifty के नाम से भी जाना जाता है। Nifty का संचालन NSE Indices Limited करती है। पहले यह India Index Services and Products के नाम से जानी जाती थी।  Nifty की शुरुआत 1 अप्रैल 1996 को हुई थी

सेंसेक्स की ही तरह जब निफ्टी ऊपर चढ़ता है तो इसका अर्थ होता है कि बाजार की स्थिति अच्छी है। जबकि निफ्टी की गिरने का अर्थ होता है कि Nifty में शामिल कंपनियां घाटे में चल रही है।

Sensex और Nifty में अंतर | Difference Between Sensex and Nifty

  • Sensex का फुल फॉर्म Sensitive Index होता है। जबकि Nifty का फुल फॉर्म National stock Exchange Fifty होता है।
  • सेंसेक्स में 30 कंपनी शामिल होती हैं। जबकि Nifty के तहत 50 कंपनियां आती हैं।
  • सेंसेक्स का संचालन Bombay stock Exchange करती है। जबकि Nifty का संचालन NSE Indices Limited द्वारा किया जाता है।
  • सेंसेक्स की शुरुआत 1 जनवरी 1986 को हुई थी। जबकि Nifty की शुरुआत 1 अप्रैल 1996 को हुई थी।
  • SENSEX का संचालन दलाल पथ, मुंबई स्थित मुंबई शेयर बाज़ार से होता है। जबकि Nifty का संचालन एक्सचेंज प्लाजा, बांद्राकुर्ला कॉम्प्लेक्स मुंबई से होता है।
  • सेंसेक्स का Base Year 1979 है। इसकी शुरुआत 100 अंकों से हुई थी। जबकि Nifty का Base Year 1995 है। उसकी शुरुआत 1000 अंकों के साथ हुई थी।
  • सेंसेक्स के तहत 24 अलग अलग सेक्टर आते हैं। जबकि निफ़्टी के तहत 13 सेक्टर आते हैं।

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