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Happy Independence Day 2021: स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!! 75वां स्वतंत्रता दिवस पर पढ़ें लेख, निबंध, इतिहास,भाषण और थीम

Happy Independence Day 2021 – Hello दोस्तों sarkariexamhelp  मैं आपका स्वागत है। दोस्तों, इस वर्ष 15 अगस्त 2021 को पूरा भारत अपना 75 वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा। दोस्तों, जहां पूरी दुनिया में कोरोनावायरस जैसी महामारी का प्रकोप लगातार जारी है, जिसकी वजह से हर देश पर आर्थिक संकट भी मंडरा रहा है। ऐसी माहौल में हमारा देश भी आर्थिक संकट से जूझ रहा है। बस इसी बात को ध्यान में रखते हुए भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इस स्वतंत्रता दिवस 2021 की थीमनेशन फर्स्ट, ऑलवेज फर्स्ट” रखा हैं। इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पीएम मोदी दिल्ली के लाल किले पर ध्वजारोहण करने के लिए ही जाएंगे । यह ध्वजारोहण लाल किले पर भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री को ही करना होता है। लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस के मौके पर तिरंगा फहराना और वहां से जनता जनार्दन को संबोधित करना यह प्रधानमंत्री का ही काम होता ह। किंतु महामारी के प्रकोप की वजह से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाषण ऑनलाइन प्रसारित करने का फैसला किया है । वह सिर्फ दिल्ली के लाल किले पर केवल ध्वजारोहण करने के लिए जाएंगे।

प्रिय पाठकों,  15 अगस्त हर भारतीय के लिए गर्व और उल्लास का राष्ट्रीय पर्व है। प्रत्येक भारतीय 15 अगस्त को अपना स्वतंत्रता दिवस मनाता है। 14-15 अगस्त 1947 की मध्य रात्रि को पंडित जवाहरलाल नेहरू ने अपने भाषण के माध्यम से ट्रस्ट विद डेस्टिनी के साथ ब्रिटिश शासन के साथ मिलकर भारत की आजादी की घोषणा की थी 15 अगस्त को राष्ट्रीय अवकाश भी घोषित किया गया उसी दिन से हर साल 15 अगस्त को भारत अपना स्वतंत्रता दिवस मनाता है । इस वर्ष भारत 75 वा स्वतंत्रता दिवस मना रहा है 14 अगस्त को संध्या बेला में भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद राष्ट्र के नाम संबोधन देंगे भारत के राष्ट्रपति स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या को भारतवासी को संबोधित करते हैं वह अपने भाषण में स्वतंत्रता दिवस तथा भारत की अर्थव्यवस्था और कई सारे विषयों पर बोलते हैं।

Happy Independence Day 2021

Happy Independence Day 2021
Happy Independence Day 2021

दोस्तों, हमारा आज का लेख स्वतंत्रता दिवस पर है। स्वतंत्रता दिवस पर निबंध और स्वतंत्र दिवस पर लेख लिखे और पढ़े । और अन्य जानकारी जाने के लिए या किसी स्वतंत्रता दिवस पर प्रतियोगिता, स्वतंत्रता दिवस कविता प्रतियोगिता, जोकि प्रत्येक वर्ष स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आयोजित की जाती है । उसमें आपकी मदद करेगा। इसके अलावा लोग स्वतंत्र दिवस के मौके पर यह जानना चाहते हैं कि, हमारे स्वतंत्र दिवस की थीम क्या है? राष्ट्रीय उन्नति क्या है? या इससे संबंधित अनेक जानकारियां जो कि आज के लेख में आपको मिलेगा। हमारे लेख के माध्यम से आज दी जाने वाली जानकारी को आप किसी भी मंच पर पढ़ या सुना सकते हैं। इसमें दी गई महत्वपूर्ण जानकारी आप की स्वतंत्रता दिवस के भाषण में भी मदद करेगी।

दोस्तों, स्वतंत्रता दिवस के मौके पर दी जा रही जानकारी को आप पूरा अवश्य पढ़ें।

happy independence day 2021

क्या आप जानते हैं?

ब्रिटिश शासन से आजादी के लिए भारत में 200 वर्ष तक एक लंबा और बड़ा संघर्ष किया। इस संघर्ष के दौरान अनेक वीरों ने अपने प्राणों का बलिदान भी दिया। कितने लोगों ने अपने जीवन को मातृभूमि पर समर्पित कर दिया। आज हमारा लेख स्वतंत्रता दिवस के मौके पर स्वतंत्रता शब्द की प्राप्ति के लिए स्वतंत्र भारत के लिए क्या कुछ नहीं किए और आज हमारा देश किस ओर जा रहा है। हमें आजादी का सही मतलब क्या निकालना चाहिए? और आजादी का सही मायना क्या है? हमें अपने देश के लिए प्रेम और समर्पण की भावना होनी चाहिए। देश के प्रति प्रेम और शहादत समर्पण त्याग और बलिदान यह सब भक्ति देशभक्ति से ओतप्रोत हमारा आज का लेख जिस पर आज हम प्रकाश डाल रहे हैं। इस लेख को पूरा अवश्य पढ़ें।

7 दशक पहले भारत ब्रिटिश शासन के गुलामी से मुक्त हुआ। हर भारतीय जिसका सपना देख रहा था। क्या आपको पता है कि 15 अगस्त को भारत के साथ साथ तीन अन्य देश भी स्वतंत्र हुए। 15 अगस्त 1947 भारत के इतिहास में विशेष दर्जा रखता है भारत के अंतिम वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन ने भारत की स्वतंत्रता के लिए इस दिन का चयन किया था। 15 अगस्त 1947 को एक रुपए $1 के बराबर था।

सबसे पहले sarkariexamhelp.com की तरफ से सभी पाठकों और संपूर्ण भारतीय को 75 वा स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई।

आजादी के लिए एक लम्बा संघर्ष

आजादी हर देश के लिए एक उपहार है। उसी तरह भारत के लिए भी स्वतंत्रता एक उपहार है। यह उपहार हमें हमारे पूर्वजों द्वारा उनके अथक प्रयासों बलिदानों और देश के प्रति समर्पण ने दिलाई है। उनकी रातों की नींद क्रूर या तनाव और संघर्षों का उपहार है यह आजादी। इतिहास सबके लिए एक खुला किताब है। यह हमें अपने मातृभूमि के लिए हमारे पूर्वजों के द्वारा किया गया त्याग और बलिदान के बारे में बताता है। उनके संघर्षों को याद दिलाता है। वह संघर्ष जो लोगों के अधिकारों के लिए चट्टान की तरह खड़े थे। उनका कई बार जेल जाना। जेल में रहकर कई यात्राएं सहना। फ़ांसी में चढ़ना और कई कठिनाइयों का सामना करना। इन सबके बावजूद वह पीछे नहीं हटे। उनकी यही सब कर्तव्य निष्ठा के बदौलत ही हमें आज अपने देश को स्वतंत्र देश कहने का श्रेय मिला है। उन्होंने कभी भी लोगों के अधिकारों से समझौता नहीं किया। उन्होंने प्रत्येक व्यक्ति के लिए सब कुछ त्यागा और स्वतंत्रता का समर्थन किया। यह स्वतंत्रता कई वीर पुरुषों की कहानी को याद करने का दिन है। उनसे प्रेरणा लेने का दिन है।

आज़ाद भारत की स्थिति

ब्रिटिश भारत जो कि हमारे देश को जंजीरों में जकड़ा हुआ था और हमारे अधिकारों से ही हमें समझौता करना पड़ता था। हमें उस घुटन से आजाद करने के लिए हमारी सामाजिक राजनीतिक और आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए प्रत्येक भारतीयों के लिए विदेशी ताकतों की गुलामी से पृथक होकर स्वतंत्र रूप से अपना जीवन यापन करने की अपने सम्मान के साथ अपना भविष्य तय करने की आजादी मिली। कई समस्याओं के अलावा हमारे देश के पास कई अच्छी चीजें भी हैं। आज हम एक परमाणु शक्ति संपन्न देश हैं। हमारे आसपास कई बहादुर ताकतवर सेना है। हमारी अपनी सीमाएं सुरक्षित है। हम अपने दुश्मन का डटकर सामना करते हैं। आज हम दुनिया के मुक्त और खुशहाल और सबसे बड़ी लोकतंत्र देश में से एक हैं। हम राजनीतिक रूप से शक्तिशाली है। आर्थिक रूप से मजबूत है और सैन्य शक्ति के रूप में उन्नत है। हमारे युवा आज किसी भी क्षेत्र में अपना भविष्य बनाने में सक्षम है और स्वतंत्र है। यह सब का श्रेय हमारी पूर्वज क्रांतिकारी और स्वतंत्रता सेनानियों की बदौलत है। यह सब का श्रेय उन्हीं को जाता है हम युवा होने के नाते अपना आज और कल दोनों हैं।

हम ऐसी दुनिया का हिस्सा है, जो स्वतंत्र है सम्मानित है और प्रगतिशील है जहां वास्तुकला में हम उन्नत हैं। वहीं कृषि प्रणाली हमारी पहचान है। जहां संसाधनों पर निर्भर हैं। आज हम दुनिया के सभी अंतरराष्ट्रीय मामलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और कई देशों में नेतृत्व करने की क्षमता रखते हैं।

हमारी मातृभूमि ही हमारी सब कुछ है हमारा मान सम्मान है

देश को दुनिया में सबसे शक्तिशाली और सम्मानित बनाने के लिए हर संभव प्रयास करना होगा। देश के प्रति ईमानदार होना होगा एकजुट होकर कड़ी मेहनत करना होगा और दुश्मनों के आगे घुटने नहीं टेकना है।

हमें अपनी राष्ट्र की भविष्य के लिए समस्याओं को देखने और तुरंत उसका समाधान करने की आवश्यकता है। हमें एकजुट होना होगा। क्योंकि यह सच है कि भविष्य इसी बात पर निर्भर करता है कि हम वर्तमान में क्या कर रहे हैं? इसके लिए हमें एक बेहतर कल बनाने के लिए अपने आज का सही उपयोग करना होगा। एकता में बहुत ताकत है, इसलिए हमें एकजुट होना होगा और हम अपने जमीन को कभी नुकसान नहीं होने देंगे। ऐसा वचन लेना होगा।

भारत की गुलामी का इतिहास

दोस्तों जहाँ आज हम आज़ादी का महान पर्व मना रहे है, तो यह आज़ादी हम कैसी मिली? और हम गुलाम कैसे हुए?, यह भी आपको पता होना चाहिए।

अंग्रेजों द्वारा भारतीय उपमहाद्वीप पर अपनी पहली चौकी 1619 में सूरत के उत्तर पश्चिमी तट पर रखी गई थी उस समय शताब्दी के अंत तक ईस्ट इंडिया कंपनी ने मद्रास मुंबई और कोलकाता में तीन और स्थाई व्यापारिक स्टेशन खोले थे। 19वीं सदी के मध्य तक ब्रिटिश शासन इन क्षेत्रों में लगभग अपना प्रभाव जमा लिया था। उनके प्रभाव का विस्तार जारी था। उस समय भारत पाकिस्तान और बांग्लादेश एक ही देश था। जिस पर उनका नियंत्रण लगभग संपूर्ण रूप से था। 1857 में विद्रोह की आग लगी। विद्रोह भारतीय सैनिकों द्वारा हुआ। अंग्रेजों ने स्थानीय शासकों के साथ संध्या की और उन्हीं के माध्यम से अधिकांश देश के हिस्सों को सीधे तौर पर नियंत्रित करना शुरू कर दिया , 19वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में भारत में ही स्वशासन की ओर से प्रारंभिक कदम उठाए जाने लगे। 1920 आते-आते भारतीय नेता जो कि महात्मा गांधी के रूप में उभरे उन्होंने ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के खिलाफ अभियान जारी कर दिया।

भारत के अंतिम वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन ने भारत की स्वतंत्रता के लिए इस दिन का चयन किया था।

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देश की राजधानी दिल्ली में लाल किले पर भारत के प्रधानमंत्री द्वारा भारतीय ध्वज तिरंगा फहराया जाता है ध्वजारोहण के बाद राष्ट्रीय गीत राष्ट्रीय गान गाया जाता है भारतीय ध्वज वीर शहीदों और स्वतंत्रता दिवस को सलाम और सम्मानित करने के लिए 20 बंदूक आसमान की ओर चलाई जाती है। ऐसी मौके पर हम अपने पूर्वज क्रांतिकारियों स्वतंत्रता सेनानियों को याद करके उन्हें सम्मानित करते हैं जो लोग भारत की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति तक दे दिए जिन्होंने देश को एक स्वतंत्र राष्ट्र बनाने में अपना सब कुछ निछावर कर दिया और देश को स्वतंत्र कराया ऐसे महान लोगों को उनके कार्यों को याद किया जाता है। जो कि अपने परिवार पर आने वाली पीढ़ियों की चिंता करने की वजह पूरे भारत के परिवार की चिंता की जिन्होंने पूरे भारत को अपना परिवार और मातृभूमि को अपनी मां समझा और स्वतंत्रता प्राप्त करने की इच्छा और सपना रखते हुए अपनी जान तक निछावर न्योछावर कर दिया। आजादी के इस दिन को इतिहास के पन्नों में सुनहरे अक्षरों में दर्ज करवाया।

आजाद भारत के साथ बंटवारे की भी खबर

भारत से अलग होकर पाकिस्तान एक प्रथक व स्वतंत्र राष्ट्र बना जिसे 14 अगस्त को ही आजादी दे दी गई थी और भारत को 15 अगस्त को आजादी की घोषणा हुई। यह आजादी 1 दिन में नहीं बल्कि वर्षों के संघर्ष करने के बाद मिली। 14 अगस्त की मध्य रात्रि में नेहरु जी ने जो भाषण दिया उसे पूरी दुनिया ने सुना। वर्षो पहले हमें आजादी का सूरज देखने को मिला। आज़ादी के साथ भारत का दो भागों में विभाजन की हुआ, जिसे आज हम पाकिस्तान के रूप में जानते हैं।

कोई भी देश गुलामी के जंजीरों में जकड़ा हुआ कभी भी प्रगति नहीं कर सकता। कोई भी देश जो गुलामी के दायरे में आता है, वह तरक्की नहीं कर पाता। इसी बात को ध्यान में रखकर हमारी स्वतंत्रता प्रेमी स्वतंत्रता संग्रामीयों ने अनेक कठिनाइयों का सामना करते हुए अंग्रेजों के हाथों पीड़ा सहते हुए कभी भी हार नहीं मानी। यही उनके आकर्षण और व्यक्तित्व का दीवाना पूरा भारत था, जो बैनर तले लाखों भारतीयों को उनके पीछे खींच लाता था। ऐसे दुनिया के महान नेताओं ने हमें आजादी दिलाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। आजादी की बिगुल बजाने वाले मंगल पांडे ने सबसे पहले इस की बिगुल बजा दी। ऐसे ही महान वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई ने भी अपने प्राणों की आहुति देकर लोगों को आजादी का मतलब समझाया।

वीर बहादुर भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, राजगुरु, सुखदेव जैसे महान युवा ने अपने प्राणों की आहुति देकर आजादी के हवन में अपना योगदान दिया। ऐसे मौके पर यदि सुभाष चंद्र बोस का नाम ना लिया जाए तो यह आजादी की कहानी अधूरी रह जाती है। इतिहास हमें बताता है की हमारे महान नेताओं ने कितना दुख और पीड़ा सहा। ऐसे ही महान बुद्धिमान दयालु व्यक्तित्व के अन्य महान नेताओं जैसे बाल गंगाधर तिलक, लाला लाजपत राय, खुदीराम बोस आदि ने स्वतंत्र और मुक्त भारत का सपना देखने के साथ-साथ उसमें अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। ऐसे कई क्रांतिकारी नेता हुए जिन्होंने एकजुट होकर अपने काम का अद्भुत प्रदर्शन भी किया, जिनके प्रयासों और बलिदानों की ही बदौलत आज हम इस पल को आजाद और मुक्त रूप से महसूस करते हैं।


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