बेरोजगारी का आलम इस तरह है कि मुंबई आईआईटी से पढ़े 36 प्रतिशत स्टूडेंट को नौकरी नहीं मिल रही है। क्या इस बार चुनाव में बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा नहीं है। इस खबर से तो ऐसा लगता है कि आने वाले वक्त में यदि सही नीति नहीं अपनाई गई तो बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा बनता चला जाएगा।
हालांकि के चुनाव आ गया है। इधर कांग्रेस का मेनिफेस्टो भी रोजगार और शिक्षा पर फोकस करता हुआ है। आइए जाने कि आईआईटी बॉम्बे में 36% लोगों को क्यों नहीं मिली नौकरी।
बेरोजगारी के आंकड़े क्या हर जगह छुपाए जा रहे हैं ऐसे सवाल के जवाब मीडिया के पास भी नहीं है, फिर भी आप इस खबर को पढ़ कर बहुत कुछ अंदाजा लगा सकते हैं।
IIT Bombay में 36% छात्रों को नहीं मिली नौकरी
IITB Placement के जरिए आईआईटी स्टूडेंट को जॉब आसानी से मिल जाती है। क्योंकि यहां की पढ़ाई बहुत ही प्रभावशाली होती है लेकिन खबरें आ रही है कि 36% से छात्रों को नहीं मिली नौकरी। इस विश्लेषण खबर में हम खबर की पड़ताल करने जा रहे हैं। मीडिया खबरों के अनुसार आईआईटी से पढ़ाई करने वाले छात्रों की नजर हर साल दिसंबर और फरवरी पर रहती है। इसी महीने में प्लेसमेंट मिलता है और जॉब मिलती है। इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी में इन्हीं महीनों के अंतर्गत प्लेसमेंट किया जाता है। लेकिन खबरों की माने तो पिछले 2 साल से अधिक संख्या में छात्रों को इस महीने निराशा लगी है।
प्लेसमेंट के जरिए नौकरी न मिलने के करण
IITB Placement के जरिए भारतीय प्रौद्योगिक संस्थान (IIT) बॉम्बे प्लेसमेंट में नौकरी यहां के पढ़ने वाले छात्रों को मिलती है, लेकिन लगातार दूसरे साल भी बड़ी संख्या में छात्रों को नौकरी नहीं मिली है। इसका कारण क्या हो सकता है? इस बारे में कोई ठोस जवाब आपको कहीं भी नहीं मिलेगा। बेरोजगारी के इस दौर में यह खबर बड़ी चिंता का विषय है। आपको बता दे कि इस वर्ष प्लेसमेंट के लिए पंजीकरण कराने वाले 35.8 प्रतिशत स्टूडेंट को जॉब नहीं मिली है। इस बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि देश के प्रतिष्ठित आईआईटी संस्थानों में से आईआईटी बॉम्बे का जब यह हाल है तो देशभर में बेरोजगारी का आलम क्या होगा? इस बात से बेखबर मीडिया की खबरें आप तक नहीं पहुंचती हैं।
इसको लेकर कांग्रेस के नेता और सांसद राहुल गांधी ने आईआईटी बॉम्बे प्लेसमेंट पर चिंता जताई और केंद्र सरकार की आलोचना की है।
हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस साल 2000 रजिस्टर्ड छात्रों में से करीब 712 छात्रों को अभी तक इस सीजन में कोई रोजगार यानी प्लेसमेंट नहीं मिला है। विपक्ष की तरफ से राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर सवाल किया है।
आर्टिकल सारांश
इस खबर के जरिए यह एनालिसिस किया जा सकता है कि देश में शिक्षा और रोजगार के स्तर पर सरकार के प्रयास अधूरे नजर आते हैं। वाले मीडिया से बेरोजगारी पर सवाल कम उठाए जा रहे हैं लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि रोजगार के दिशा में सरकार द्वारा उठाए गए कदम प्रभावशाली नहीं हो रहे हैं। नौकरियों के पेपर लीक होने और परीक्षा समय पर नहीं होना भी एक बड़ा कारण है। मुंबई आईआईटी में प्लेसमेंट में छात्रों को नौकरी नहीं मिल रही है यह एक उदाहरण है कि देश में बेरोजगारी एक बड़ा समस्या है।
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