1 May 2020 – Introduction Of Labour Day in Hindi – भारत में श्रमिक दिवस को कामकाजी पुरुष एंव महिलाऔ द्वारा किए जाने वाले श्रम के सम्मान में मनाया जाता है. इसे मजदूर दिवस भी कहते है .मजदूर दिवस को भारत में पहली बार 1 मई 1923 को मद्रास (जो अब चैन्नई है) में मनाया गया था. श्रमिक दिवस को भारत में मनाने की शुरुआत लेबर किसान पार्टी ऑफ हिन्दुस्तान ने की थी. इस अवसर पर पहली बार भारत में आज़ादी के पहले लाल झंडा का उपयोग किया गया था.
इस पार्टी के नेता सिंगारावेलु चेत्तिअर ने श्रमिक दिवस मनाने के लिए 1 मई 1923 को मद्रास में दो जगह कार्यक्रम आयोजित किए थे. पहली मीटिंग ट्रिपलीकेन बीच तथा दूसरी मीटिंग मद्रास हाईकोर्ट के सामने वाली बीच पर. इस मीटिंग में सिंगारावेलु ने भारत सरकार से निवेदन किया था कि भारत में भी 1 मई को श्रमिक दिवस घोषित किया जाये, साथ ही इस दिन को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाए.
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What is Labor Day?
श्रमिक दिवस, एक अंतरराष्ट्रीय अवकाश होता है, जो श्रमिक वर्ग के संघर्षों और श्रमिक संघों के प्रयासों को सम्मानित करता है.इंटरनेशनल लेबर डे को सन् 1889 में पेरिस की पहले अंतर्राष्ट्रीय समाजवादी कांग्रेस में हैमार्केट के दौरान हैलोमार्केट में आयोजित हयमार्केट में शिकागो पुलिस तथा 1886 में शिकागो पुलिस में खूनी टकराव मनाने के लिए मान्यता प्राप्त हुई.अमेरिका में और अधिक उग्र विरोध के बाद 1904 की समाजवादी कांग्रेस ने मई के दिन काम बंद कर देना अनिवार्य कर दिया और कहा,? सभी सामाजिक लकतांत्रिक दल संगठनों और सभी देशों के श्रमिक संघों से वादा किया गया कि वे सबसे पहले 8 घंटे के दिन वैधानिक रूप से कायम होने के लिए और वर्ग में सर्वहारा वर्ग की और सार्वभौम शांति की मांग के लिए सक्रिय रूप से कार्य करें.?
May Day Labor Movement (मई दिवस का संघर्ष)
अल्प कार्यकाल के लिए लड़ना निश्चय ही लघु कार्य दिवस के लिए संघर्ष से जुड़ा हुआ है-अर्थात श्रमिक वर्ग के लिए प्रमुख राजनीतिक महत्त्व की मांग.यह संघर्ष अमेरिका में फैक़्ट्री सिस्टम के प्रारंभ से ही प्रारंभ हो गया था. यद्यपि इस देश में शुरू शुरू की हड़तालों के लिए अधिक वेतन की मांग सर्वाधिक प्रचलित कारण प्रतीत होती है, किंतु छोटे समय और संगठित करने के अधिकार का प्रश्न हमेशा अग्रभूमि में रखा जाता था जब श्रमिकों ने सरकार और मालिकों के विरुद्ध अपनी मांगें रखी.जैसे-जैसे शोषण बढ़ता जा रहा था और श्रमिक अमानवीय रूप से लम्बे समय तक काम करने के बोझ को अधिक से अधिक महसूस कर रहे थे, घंटों में काफी कमी की मांग अधिक स्पष्ट हो गयी.
Eight Hour Movement in America (आठ घंटे का आंदोलन अमेरिका में)
जिसने सीधे मई को जन्म दिया, 8 घंटे के दिन के आंदोलन की शुरूआत अवश्य ही संयुक्त राज्य अमेरिका में 1884 में आरंभ किए गए आम आंदोलन से हुई.फिर भी, एक राष्ट्रीय श्रमिक संगठन के समक्ष एक पीढ़ी ने, जिसने पहले अमेरिकी श्रमिक वर्ग के एक उग्रवादी संगठन केन्द्र के रूप में विकसित होने की महान संभावनाओं को स्वीकार किया था, एक छोटे कार्य दिवस का प्रश्न उठाया और उसकी ओर से एक व्यापक आंदोलन का आयोजन करने का प्रस्ताव रखा.
गृह युद्ध के प्रथम वर्ष 1861-1862 के लापता होने को देखा गया. युद्ध शुरू होने से ठीक पहले कुछ राष्ट्रीय ट्रेड यूनियन बनाए गए थे, विशेष रूप से इस यूनियन के मोल्डर्स यूनियन और मशीनिस्टों और लुहारों की यूनियन.इसके तुरंत बाद के वर्षों में अनेक स्थानीय श्रमिक संगठनों ने राष्ट्रीय स्तर पर एकीकरण देखा और इन सभी संघों के राष्ट्रीय परिसंघ की इच्छा प्रकट हो गई.
20 अगस्त, 1866 को बलतीमोर प्रतिनिधियों ने तीन सौस मजदूर संघों में भाग लिया जिन्होंने राष्ट्रीय श्रमिक संघ की स्थापना की.राष्ट्रीय संगठन के लिए आंदोलन का नेतृत्व पुनर्गठन मोल्डर्स यूनियन के नेता विलियम एच. सिल्विस ने किया, जो कि युवक होते हुए भी उन वर्षों के श्रमिक आंदोलन की सबसे बड़ी विशेषता थी.सिल्विस लंदन में पहले अंतर्राष्ट्रीय नेताओं के साथ पत्र व्यवहार में था और उसने अंतर्राष्ट्रीय जनरल काउंसिल के साथ संबंध स्थापित करने के लिए राष्ट्रीय श्रम संघ को प्रभावित करने में सहायता की.
History of Labor Day in India (भारत में श्रमिक दिवस का इतिहास)
अलग-अलग देशों के लिए अलग-अलग है, लेकिन इसका मुख्य कारण है श्रमिक वर्ग या मजदूर वर्ग के लोगों के शोषण के खिलाफ बनने वाली तैयारियाँ.मई, 1923 को भारत में मई दिवस का पहला समारोह मद्रास (अब चेन्नई) में आयोजित किया गया.यह वह समय था जब भारत में रेड फ्लैग पहली बार श्रम दिवस का प्रतीक था.वह दिन कम्युनिस्ट और समाजवादी राजनीतिक दलों के मजदूर आंदोलनों से जुड़ा हुआ है.
श्रमिक दिवस को हिंदी में कामगर दीन या अंतराल के श्रमिक दिवस के नाम से भी जाना जाता है.फरवरी 1 मई को मजदूर दिवस के अलावा महाराष्ट्र दिवस और गुजरात दिवस के रूप में भी चिन्हित किया गया और 1960 में उस तारीख को जब पूर्व बंबई राज्य को भाषाई आधार पर बांटा गया, जब दो पश्चिमी राज्यों ने राज्य का दर्जा प्राप्त कर लिया.
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Meaning Of Labor (मज़दूर का अर्थ)
मज़दूर का मतलब हमेशा गरीब से नहीं होता है. मज़दूर वह ईकाई है जो हर सफलता का अभिन्न अंग हैं, फिर चाहे वो ईट गारे से सना इंसान हो या ऑफिस की फाइल्स के बोझ तले दबा एक कर्मचारी. हर वो इंसान जो किसी संस्था के लिए काम करता है और बदले में पैसे लेता है, वो मज़दूर है.
अंतर्राष्ट्रीय मज़दूर दिवस को मई दिवस भी कहते है. इसे पूरी दुनिया में मनाया जाता है ताकि मज़दूर संगठनों को प्रोत्साहित किया जा सके. यूरोप में इसे पारंपरिक तौर पर बसंत की छुट्टी घोषित किया गया है. दुनिया के लगभग 80 देशों में इस दिन राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया है. अमेरिका व कनाडा में मज़दूर दिवस सितंबर महीने के पहले सोमवार के दिन मनाते है. मज़दूर को मज़बूर समझना हमारी भूल है. वे अपने खून पसीने की कमाई से अपना घरबार चलाते हैं. वे लोग स्वाभिमानी होंते हैं.
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महान लोगों ने श्रमिकों के विषय में कहा है-
- महात्मा गांधी -” कर्म ही पूजा है “
- रार्बट ग्रीन इंगरसोल -” परिश्रम एक प्रार्थना है जिसका उत्तर प्रकृति देती है “
- सोफोक्लास -” परिश्रम के बिना कुछ भी फलता-फूलता नहीं है “
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