Mangal Pandey Biography in Hindi – भारतीय स्वाधीनता संग्राम के प्रथम महानायक स्वतंत्रता सेनानी मंगल पांडे जिन्होंने स्वाधीनता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जिनके नाम मात्र से अंग्रेज शासन काँप पड़ता था। जिन्होंने आम हिंदुस्तानी आजादी की लड़ाई में महानायक के रूप में सम्मान देता है। वह मंगल पांडे जो हर भारतीय स्वाधीनता सेनानियों के दिलों की धड़कन थे। ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के सेना में शामिल होकर उन्होंने अंग्रेजी शासन को चुनौती दिया। आज वह वीर पुरुष मंगल पांडे का पुण्य तिथि है। दोस्तों SarkariExamHelp में आपका स्वागत है, आज हम अपने ब्लॉग के माध्यम से क्रांतिकारी भारतीय स्वतंत्रता सेनानी मंगल पांडे से जुड़ी जानकारी उनका जीवन परिचय लेकर आए हैं
[better-ads type=’banner’ banner=’2707′ ]
जिसकी वीरता और कुर्बानी ने हमें आजादी का स्वाद चखाया उस आजादी के महानायक को SarkariExamHelp की ओर से भावपूर्ण श्रद्धांजलि
अवश्य पढ़ें:
- Netaji Subhas Chandra Bose Full History & Biography In Hindi | नेताजी सुभाष चंद्र बोस जयंती 23 January 2020
- Dr. Sarvepalli Radhakrishnan Biography In Hindi | डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन – सम्पूर्ण जीवन परिचय
- अटल बिहारी वाजपेयी – सम्पूर्ण जीवन परिचय
- 27 जुलाई देश के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि
- बापू: महात्मा गांधी जी को अंतिम श्रद्धांजलि : LAST TRIBUTE TO MAHATMA GANDHI
मंगल पांडेय – जीवन परिचय | Mangal Pandey Biography in Hindi
मंगल पांडे एक भारतीय स्वाधीनता संग्राम में स्वतंत्रता सेनानी थे। आज भी आम हिंदुस्तानी उन्हें आजादी की लड़ाई में नायक के रूप में सम्मान देता है। तत्कालीन अंग्रेज शासन ने उन्हें बागी करार दिया था। जनता के समक्ष उनकी छवि बिगाड़ने के लिए भरपूर कोशिश की गई थी। किंतु भारतीय नागरिक यह जानते थे की अपनी जान की कुर्बानी देने वाला विद्रोही नहीं बल्कि देशभक्त ही हो सकता है।
मंगल पांडे का जन्म भारत की धरती में उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के अंतर्गत नगमा गांव में 30 जनवरी 1831 को हुआ। पिता का नाम दिवाकर पांडे तथा माता का नाम अभया रानी है। भूमिहार ब्राह्मण परिवार में जन्म लेने वाला यह बालक 22 साल की उम्र में ही ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना में शामिल हो गए ।
1857 का विद्रोह | Revolution of 1857 in Hindi
मंगल पांडे द्वारा लाई गई विद्रोह की चिंगारी पूरे भारत में बहुत ही कम समय में फैल गई। विद्रोह का प्रारंभ एक बंदूक की वजह से हुआ उस समय पैदल सिपाहियों को जो बंदूक दी जाती थी, वह पुरानी और कई दशकों से उपयोग में लाई जा रही थी। किंतु वह शक्तिशाली और अचूक की नई बंदूक में गोली दागने के आधुनिक प्रणाली का उपयोग किया जा रहा था। लेकिन बंदूक में गोली भरने का जो तरीका था, वह पुराना था। उसके अनुसार गोली भरने के लिए करतूस को दाँतों से काटकर खोलना पड़ता था और उसमें भरे हुए बारूद को बंदूक की नली में डालना पड़ता था। उसका बाहरी आवरण में चर्बी होती थी, जो उसे पानी के सीलन से बचाती थी। सिपाहियों के बीच ऐसा अफवाह फैला था की करतूत में लगी हुई चर्बी सूअर और गाय के मांस का उपयोग करके बनाया जाता है।
मंगल पांडे ने उस बंदूक को लेने से इनकार कर दिया था। इसके परिणाम स्वरूप अंग्रेजों ने उनके हथियार छीन लिए और वर्दी उतार देने का हुक्म दिया। मंगल पांडे ने इस आदेश को मानने से इनकार कर दिया। तब 29 मार्च 1857 को उनकी राइफल छीनने के लिए अंग्रेज अफसर आगे बढ़ा उसी वक़्त मंगल ने उस पर आक्रमण कर दिया। मंगल पांडे के मदद के लिए साथियों की ओर देखा लेकिन किसी ने उनकी मदद नहीं की। मंगल पांडे ने हिम्मत नहीं हारे और उन्होंने अंग्रेजी अफसर ह्यूशन और लेफ्टिनेंट बॉब को मौत के घाट तत्काल उतार दिया। उसी वक्त मंगल पांडे को अंग्रेज सिपाहियों ने पकड़ लिया और उनका कोर्ट मार्शल का मुकदमा चलाया गया । 6 अप्रैल 1857 को फांसी की सजा सुनाई गई। फांसी की सजा 18 अप्रैल 1857 निर्धारित की गई।
1857 विद्रोह का परिणाम | Result of 1857 Revolt in Hindi
अपनी हिम्मत और हौसले के दम पर संपूर्ण अंग्रेजी शासन के सामने मंगल पांडे की शहादत ने भारत में पहली बार क्रांति की ज्योति जलाई थी। भारत की आजादी की पहली लड़ाई 1857 के संग्राम की शुरुआत मंगल पांडे से ही हुई थी। मंगल पांडे द्वारा फैलाई गई विद्रोह की चिंगारी बुझी नहीं बल्कि एक महीने बाद देखते ही देखते पूरे उत्तरी भारत में फैल गया। अंग्रेजों को यह सीधा संदेश मिला कि अब भारत पर राज्य करना इतना आसान नहीं है, जितना कि पहले से वह समझ रहे थे। इस विद्रोह के बाद अंग्रेजों ने भारत पर शासन करने के लिए 34735 अंग्रेजी कानून बनाए ताकि यहां की जनता पर लागू किए जा सके और कोई अन्य व्यक्ति मंगल पांडे जैसा दोबारा कोई सैनिक विद्रोह ना कर सके।
मारो फिरंगी को का दिया था नारा
मारो फिरंगी को यह नारा भारत की स्वाधीनता के लिए सबसे पहली आवाज उठाने वाले मंगल पांडे का है। मंगल पांडे को ही स्वाधीनता संग्राम के लिए सबसे पहले आवाज उठाने वाले क्रांतिकारी के रूप में भी जाना जाता है। उन्होंने फिरंगी नाम अंग्रेज यानी ब्रिटिश शासन को दीया ब्रिटिश शासन जो उस समय देश को गुलाम बनाए हुए था। आगे चलकर क्रांतिकारियों द्वारा उन्हें फिरंगी नाम से ही पुकारा जाता था। आपको बता दें कि गुलाम जनता और सैनिकों के दिल में क्रांति की ज्वाला जल रही थी। उस आग को जलाने और लड़कर आजादी लेने की इच्छा को दर्शाने वाले मंगल पांडे द्वारा ही यह नारा हर भारतीय की जुबान में था।
Also Read:
[better-ads type=’banner’ banner=’2707′ ]
आपको बता दें कि मंगल पांडे को अंग्रेजों द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया और उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई। उनकी फांसी की सजा 18 अप्रैल सन 1857 को निर्धारित किया गया। किंतु बैरकपुर के जल्लादों ने मंगल पांडे को अपने हाथों फांसी देने से इनकार कर दिया तब कोलकाता से चार अलग जल्लाद बुलाए गए और निर्धारित तिथि से 10 दिन पूर्व यानी 8 अप्रैल 1857 को जल्दी-जल्दी में फांसी दे दिया गया। भारत के वीर पुत्र ने आजादी की यज्ञ में अपने प्राणों की आहुति हंसते-हंसते दे दिया।
आप हमसे Facebook Page , Twitter or Instagram से भी जुड़ सकते है Daily updates के लिए.
Also Read:
इसे भी पढ़ें:
- UPPSC RO ARO Syllabus 2021 In Hindi: यूपीपीएससी एग्जामिनेशन पेटर्न, New Update
- Pariksha Par Charcha 2021: परीक्षा पर चर्चा कहा प्रधानमंत्री ने परीक्षाओं से डरने की जरूरत नहीं /10 परीक्षा चर्चा 2021 PM Modi Quotation
- बिहार पुलिस परीक्षा सिलेबस: Bihar Police Fireman Syllabus 2021 CSBC Exam Pattern In Hindi
- UIDAI Full Form: यूआईडीएआई का पूरा नाम, Aadhar Card की पूरी जानकारी
- BSEB 10th Result 2021 – बिहार बोर्ड 10वीं (मैट्रिक परीक्षा) का रिजल्ट कैसे देखें?
- APMC का फुल फॉर्म, क्या है एपीएमसी APMC नया एक्ट से किसानों को लाभ, बिचौलियों से मुक्ति
- CBSE Syllabus 2021-2022: कक्षा 9, 10, 11 और 12 के लिए सिलेबस कम नहीं होगा और पूरे सिलेबस से होगी पढ़ाई
- UPSC Topper Success Story: लंबा संघर्ष पर हार नहीं मानी, चार बार के प्रयास के बाद बन गए Raushan Kumar आईएस
- UPSC EPFO Exam 2021 Update – यूपीएससी ईपीएफओ (EO/AO) की परीक्षा तिथि और एडमिट जल्द जारी होने वाले हैं
- Download New CBSE Syllabus For Class 9th 10th 11th & 12th: सीबीएसई ने नयें सत्र के लिए 9वीं, 10वीं, 11वीं और 12वीं कक्षाओं का सिलेबस जारी किया