एमबीबीएस डॉक्टर की सैलरी कितनी होती है | Doctor Ki Salary Kitni Hoti Hai

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एमबीबीएस डॉक्टर की सैलरी : जब मरीज किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहा होता है और मरने तक के कगार पर आ जाता है तो ऐसी स्थिति में डॉक्टर ही उसका बेहतर इलाज कर सकता है और उसे मौत के मुँह से बाहर निकाल सकता है। इसीलिए, कई सारे युवा आगे चलकर डॉक्टर बनना चाहते हैं। कई लोग यह भी जानना चाहते हैं कि एमबीबीएस डॉक्टर की सैलरी, Doctor Ki Salary Kitni Hoti Hai तो इस आर्टिकल में हम आपको इसके बारे में विस्तार से जानकारी देंगे।

एमबीबीएस डॉक्टर की सैलरी
एमबीबीएस डॉक्टर की सैलरी

यदि आप एक एमबीबीएस डॉक्टर बनना चाहते हैं तो इसके लिए आपको सबसे पहले NEET की परीक्षा में क्वालीफाई होना पड़ेगा। इसके बाद ही आप किसी कॉलेज में एडमिशन लेकर एमबीबीएस का कोर्स कर सकते हैं और डिग्री प्राप्त करने के बाद एमबीबीएस डॉक्टर बन सकते हैं। इस डिग्री के प्राप्त करने के बाद आप दवा और छोटी-मोटी सर्जरी करने के पात्र हो जाते हैं। वैसे तो एमबीबीएस डॉक्टर की कमाई उसके अनुभव और योग्यता पर निर्भर करती है, लेकिन सरकारी अस्पतालों में पदों के आधार पर एक निश्चित सैलरी तय रहती है।

एमबीबीएस डॉक्टर की सैलरी कितनी होती है? | Doctor Ki Salary Kitni Hoti Hai

जैसा कि हमने आपको ऊपर ही बताया कि कोई एमबीबीएस डॉक्टर अनुभव के आधार पर महीने के लाखों रूपए कमा सकता है। यदि वह अपना खुद का अस्पताल चला रहा है और उसके द्वारा किए गए इलाज और दवाओं से मरीजों को फायदा होता है तो अधिक से अधिक मरीज उसके पास इलाज के लिए आएंगे। ऐसी स्थिति में वह अधिक से अधिक पैसे कमा सकता है, लेकिन सरकारी अस्पतालों में काम करने वाले डॉक्टर्स की सैलरी पदों के आधार पर पहले से फिक्स होती है।

सरकारी अस्पतालों में काम करने वाले एमबीबीएस डॉक्टर की सैलरी की बात की जाए तो वह 40 हजार रुपए से लेकर 3 लाख रुपए तक हो सकती है। यदि कोई व्यक्ति एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त करने के बाद किसी सरकारी अस्पताल में डॉक्टर बनता है, तो उसकी सैलरी कम होती है। इसके अलावा, वह जितना ही अधिक अनुभवी होगा उसकी सैलरी बढ़ती जाएगी और साथ ही साथ उसे अलग-अलग पदों पर प्रमोट भी किया जा सकता है।

हालांकि, ऐसा नहीं है कि एमबीबीएस डॉक्टर किसी विशेष अस्पताल में ही काम कर सकता है। स्वास्थ्य विभाग उसे किसी भी जगह पर सेवा देने के लिए भेज सकती है। एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त करने के बाद सरकारी क्षेत्र में काम करने के इच्छुक डॉक्टर राज्य सरकार के अस्पताल में या केंद्र सरकार के अस्पताल में भी काम कर सकते हैं।

पद के अनुसार एमबीबीएस डॉक्टर की सैलरी कितनी होती है?

एमबीबीएस डॉक्टर की पद के अनुसार औसतन सैलरी की बात की जाए तो एक जूनियर रेजीडेंट डॉक्टर को 65,000 रुपए तक की सैलरी मिलती है। इसके अलावा, सीनियर रेजीडेंट को 75,000 रुपए, असिस्टेंट प्रोफ़ेसर को लगभग 1,20,000 रुपए, कंसल्टेंट को 1,35,000 रुपए, एसोसिएट प्रोफ़ेसर को 1,60,000 रुपए, एडिशनल प्रोफेसर को 1,70,000 रुपए एवं प्रोफेसर को 2,00,000 रुपए से लेकर 3 लाख रुपये तक की सैलरी मिलती है। बता दें कि, यह सैलरी की मेडिकल कॉलेज के अनुसार बताई गई है।

आमतौर पर देखा जाए तो जब कोई व्यक्ति एमबीबीएस की डिग्री लेने के बाद किसी सरकारी अस्पताल या संस्थान से जुड़ता है तो वह सबसे पहले एमबीबीएस इंटर्न के रूप में काम करता हैं। उसकी सैलरी 35,000 रुपए से शुरू होती है। इसके बाद जब वह इंटर्नशिप पूरा कर लेता है और स्थायी रूप से एमबीबीएस डॉक्टर के तौर पर काम करने लगता है तो उसकी सैलरी बढ़कर 60,000 रुपए तक हो जाती है।

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एमबीबीएस डॉक्टर की सैलरी उसके पद के अनुसार अलग-अलग हो सकती है। जैसे ग्रामीण परिवेश में बने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में काम करने वाले एमबीबीएस डॉक्टर की सैलरी जिला अस्पताल में काम करने वाले एमबीबीएस डॉक्टर से अलग होती है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में सबसे सीनियर डॉक्टर को प्रभारी चिकित्सा अधिकारी (MOIC – Medical Officer in Charge) और जिला अस्पताल के सबसे सीनियर डॉक्टर को मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (CMS – Chief Medical Superintendent) कहा जाता है। इन दोनों सीनियर डॉक्टर्स की सैलरी में भी अंतर होता है।

एक एमबीबीएस डॉक्टर आगे प्रमोट होकर सीनियर पदों पर बैठता है। वह जिले में उप-मुख्य चिकित्सा अधिकारी (Deputy CMO) और मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) तक बन सकता है। ऐसी स्थिति में उसका वेतन अलग हो जाता है। इसीलिए, एमबीबीएस डॉक्टर की सैलरी फिक्स नहीं होती है। वह पद और अनुभव के आधार पर बढ़ती जाती है।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत में कई सारे ऐसे पब्लिक सेक्टर हैं, जिनमें एमबीबीएस डॉक्टर की आवश्यकता पड़ती है। राज्य सरकार के अस्पतालों से लेकर केंद्र सरकार के अस्पतालों, रेलवे विभाग से लेकर भारतीय सेना तक एमबीबीएस डॉक्टर्स की आवश्यकता पड़ती है। अलग-अलग सेक्टर में अलग-अलग पद के अनुसार एमबीबीएस डॉक्टर्स की सैलरी अलग-अलग हो सकती है।

7वाँ वेतन आयोग लागू होने के बाद भारतीय सेना में एक एमबीबीएस डॉक्टर की औसतन सैलरी 11 लाख रुपए से लेकर 12 लाख रुपए वार्षिक तक होती है। हालांकि, उन्हें इसके अलावा, अलग-अलग टियर के अनुसार भत्ते भी दिए जाते हैं और साथ ही साथ उन्हें सेना का एक पद भी दिया जाता है। इसके अलावा, रेलवे विभाग में एमबीबीएस डॉक्टर की वार्षिक सैलरी अलग-अलग पदों के आधार पर 7.9 लाख रुपए से 29 लाख रुपए तक हो सकती है।

FAQ

एमबीबीएस डॉक्टर की 1 महीने की सैलरी कितनी होती है?

एमबीबीएस डॉक्टर की 1 महीने की सैलरी ₹35000 से लेकर ₹3 लाख तक की होती है।

डॉक्टर की सबसे बड़ी डिग्री क्या है?

डॉक्टर बनने की सबसे बड़ी डिग्री एमबीबीएस डिग्री है। एमबीबीएस डिग्री के बाद एचडी और डीएम डिग्री कर सकते हैं।

भारत में एमबीबीएस डॉक्टर कितना कमाते हैं?

भारत में एमबीबीएस डॉक्टर हर महीने ₹300000 से लेकर 12 लख रुपए तक कमाते हैं।

क्या एमबीबीएस के बाद कमाई शुरू हो जाती है?

जी हां एमबीबीएस डिग्री हासिल करने के बाद डॉक्टरों की कमाई शुरू हो जाती है।

क्या कोई डॉक्टर महीने में एक करोड़ कमा सकता है?

जी नहीं कोई भी एमबीबीएस डॉक्टर 1 महीने में एक करोड रुपए नहीं कमा सकता है।

निष्कर्ष

दोस्तों हमने आप सभी यूजर्स को इस आर्टिकल के माध्यम से एमबीबीएस डॉक्टर की सैलरी, प्राइवेट डॉक्टर की सैलरी डॉक्टर की सैलरी के बारे में इनफार्मेशन दी है। अगर आप डॉक्टर बनने की तैयारी कर रहे हैं तो आपको इस आर्टिकल के माध्यम से डॉक्टर की सैलरी कितनी होती है इसके बारे में पूरी जानकारी मिल चुकी होगी। ऐसी ही और इनफॉरमेशन पाने के लिए आप इस वेबसाइट को बुकमार्क जरूर करें।

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