National Sports Day In Hindi – राष्ट्रीय खेल दिवस कब मनाया जाता है? क्यों मनाया जाता है? किसकी याद में मनाया जाता है?, कैसे मनाया जाता है?, राष्ट्रीय खेल दिवस माना क्यों जरूरी है?, मेजर ध्यान चंद कौन थे?, राष्ट्रीय खेल दिवस की थीम क्या है?, और खेल दिवस का इतिहास की सम्पूर्ण जानकारी इस लेख में आपको पढ़ने को मिलेगा। ।
Hello!! दोस्तों SarkariExamHelp मे आपका स्वागत है। आज हम राष्ट्रीय खेल दिवस से संबंधित विषय पर चर्चा करेंगें। यह वर्ष राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में भी बहुत महत्वपूर्ण है। यह वर्ष सभी वर्षा के लिहाज से भी खास मायने रखता है। 29 अगस्त को प्रत्येक वर्ष राष्ट्रीय खेल दिवस या नेशनल स्पोर्ट्स डे के रूप में मनाया जाता है। इस दिन मेजर ध्यानचंद का जन्म हुआ था। मेजर ध्यानचंद पद्द्म भूषण विजेता है। उन्हें हॉकी का जादूगर भी कहा जाता है। मेजर ध्यानचंद हॉकी की प्रति इतने समर्पित थे की उनके खेल काल में हॉकी अपने स्वर्णिम काल के नाम से जाना जाता है।
पिछले वर्ष का National Sports Day खेल दिवस बहुत खास है क्योंकि हाल ही में टोक्यो ओलंपिक 2020-21 में भारत ने अपना सबसे बेहतर प्रदर्शन किया।
राष्ट्रीय खेल दिवस आयोजित करने का उद्देश्य
अलग-अलग देश अपने राष्ट्रीय खेल दिवस को अपने इतिहास के अनुसार अलग-अलग दिनांक पर मनाते हैं जो उनके देश द्वारा खेल समिति घोषित करता है। हमारे देश में यह 29 अगस्त को मनाया जाता है। सभी आयु वर्ग के लोग खेल में भाग लेते हैं। इस दिन को केवल मनोरंजन के रूप में नहीं बल्कि एक व्यक्ति के जीवन में खेल की भूमिका के रूप में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से मनाया जाता है। युवा पीढ़ी की सर्वश्रेष्ठ प्रतिभा को पहचानने और उसे एक नई पहचान दिलाने के उद्देश्य से विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया जाता है। भौतिक गतिविधियों का उपयोग कई देशों द्वारा सांस्कृतिक गतिविधियों के रूप में किया जाता है। इससे यह धारणा स्पष्ट हो जाती है कि खेल और खेल की अवधारणा की धुन कभी दिमाग से नहीं निकाला जा सकता है।
इस दिन खेल के प्रति जनता का ध्यान आकर्षित करना है। युवा वर्ग का खेल के प्रति जागरूकता पैदा करना है। खेल युवाओं को इसके प्रति मान्यता देते हैं रोजगार प्रदान करते हैं और खेल के प्रति सम्मान भी प्रदान करते हैं। देश के खेल प्रशिक्षक विभिन्न खिलाड़ियों के काम की प्रशंसा करते हैं और उनका उत्साह बढ़ाते हैं। राष्ट्रीय खेल दिवस का मुख्य उद्देश्य खेल के महत्व को जानना और उसके प्रति जागरूकता फैलाना है। मानव शरीर के अपने फायदे को समझने के लिए लोगों का ध्यान खेल के प्रति केंद्रित करना है। पूरा विश्व खेल दिवस मनाता है सभी देश आपने इतिहास के अनुसार खेल दिवस मनाते हैं भारत भी राष्ट्रीय खेल बनाता है उसका भी अपना एक इतिहास है।
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राष्ट्रीय खेल दिवस 2021
इस वर्ष संपूर्ण भारत में राष्ट्रीय खेल दिवस (National Sports Day) का जश्न बहुत ही धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया जाएगा। यह दिन रविवार 29 अगस्त 2022 को मनाया जाएगा। इस दिन खेल में अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को राष्ट्रपति भवन में भारत के माननीय राष्ट्रपति महामहिम राम नाथ कोविन्द जी द्वारा खेल के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। इस दिन विशेष पुरस्कार वितरण समारोह का भी आयोजन किया जाएगा। अर्जुन पुरस्कार, राजीव गांधी, खेल रत्न और द्रोणाचार्य पुरस्कार जैसे प्रसिद्ध खेल संबंधी पुरस्कार भारत के माननीय राष्ट्रपति द्वारा 1 वर्ष के दौरान सर्वोत्तम खेल के प्रति अपना प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को दिया जाता है। ध्यानचंद पुरस्कार भारत में खेल के प्रति आजीवन उपलब्धि का सर्वोच्च पुरस्कार होता है। यह पुरस्कार सालाना आधार पर खेल से संबंध रखने वाले खिलाड़ियों को दिया जाता है, जिन्होंने अपने प्रदर्शन के माध्यम से योगदान दिया है और खेल से सेवानिवृत्त होने के बाद भी खेल के उत्थान के लिए लगातार अपनी कड़ी मेहनत दी है।
इस दिन खिलाड़ियों के साथ-साथ खिलाड़ियों को दिशा निर्देशित निर्देशन मार्गदर्शन करने वाले कोचों को भी पुरस्कार और सम्मान दिया जाता है, क्योंकि खिलाड़ियों की मेहनत और लगन के पीछे उनके कोच का भी हाथ होता है। कोच को दिए जाने वाले पुरस्कार में द्रोणाचार्य पुरस्कार सबसे महत्वपूर्ण पुरस्कार माना जाता है।
पूरे देश में इस स्पोर्ट्स इवेंट का आयोजन किया जाता है खास करके स्कूल में इस दिन वार्षिक खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह बच्चों के मन में खेल के प्रति श्रद्धा और विश्व में के मनोबल को बढ़ाने के उद्देश्य किया जाता है। इससे उनके मन में खेल के प्रति जागरूकता और आत्मविश्वास बढ़ता है। इस क्षेत्र में उनका ज्ञान भी बढ़ता है और ना केवल अपने देश के महत्वपूर्ण खेल बल्कि विभिन्न देशों के खिलाड़ियों और खेलों के प्रति भी शिक्षा प्रदान की जाती है। यह खेल युवा पीढ़ी के लिए एक नया रास्ता खोलती है। महान खिलाड़ी हॉकी के जादूगर ध्यानचंद के स्मरण के अलावा राष्ट्रीय खेल दिवस युवाओं से उनकी अपने आत्मविश्वास को बढ़ाने और हौसलों को मजबूत करने का दिन भी बनता है।
राष्ट्रीय खेल दिवस स्वस्थ जीवन शैली का समर्थन करता है और पूरा जोर देता है कि जितना संभव हो सके उतने लोगों तक खेल की भावना जागृत हो।
खेल का हमारे जीवन में आवश्यकता और लाभ
भारत जैसे विकासशील देश में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। बस कमी है तो प्रतिभा को पहचानने की खेल की भावना हमें समूह को जोड़कर रखने में मदद करती है। खेल स्वास्थ्य और बीमारी मुक्त लंबी आयु का जीवन जीने का अपना एक तरीका है। खेल के माध्यम से युवाओं के बीच मित्रता की भावना पैदा होती है उनमें एकता की भावना विकसित होती है उनका ध्यान और लगन मजबूत होता है यह न केवल व्यक्ति के दिमाग को तेज बनाता है बल्कि मन को भी मजबूत और सक्रिय बनाता है हमारे मनोबल को दृढ़ता से जोड़ता है और हमारे देश की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि भी यही कहती है कि जो लोग खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हैं ना केवल खेल में बल्कि अपने जीवन में भी बहुमूल्य साबित होते हैं इसलिए हमें चाहिए कि राष्ट्रीय खेल दिवस को कई प्लेटफॉर्म के माध्यम से पूरे देश में खेल के प्रति जागरूकता का संदेश फैलाना चाहिए।
राष्ट्रीय खेल दिवस का इतिहास
राष्ट्रीय खेल दिवस का इतिहास 29 अगस्त 1905 से संबंध रखता है। इस दिन उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद जिले का एक परिवार जिसमें एक लड़का का जन्म हुआ। जिसका नाम था ध्यान चंद। वह आगे चलकर खेल के इतिहास में सबसे महान हॉकी खिलाड़ी बना इन्होंने 1928-1932 और 1936 में हॉकी के क्षेत्र में तीन ओलंपिक स्वर्ण पदक अर्जित किए। ध्यानचंद की गेंद नियंत्रण की कला और उसमें महारत के लिए भी विजार्ड कहा जाता था। उन्होंने 1948 में अपना अंतिम अंतरराष्ट्रीय मैच खेले। ध्यानचंद 16 वर्ष की उम्र में सेना में भर्ती हुए और यहां से उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और कोच द्वारा दिए गए शिक्षण से भारतीय हॉकी टीम के कप्तान बने हॉकी में अच्छा प्रदर्शन से इनका सेना में प्रवेश प्रमोशन भी होता गया और इन्हें सेना में कमीशन ऑफिसर के तहत मेजर का पद सम्मान के रूप में दिया गया। यह एकमात्र ऐसे हॉकी खिलाड़ी हैं जिन्हें देश का तीसरा सबसे बड़ा सिविलियन पुरस्कार पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है। इसलिए इनकी नाम के साथ मेजर है इसलिए उन्हें मेजर ध्यानचंद कहा जाता है।
मेजर ध्यानचंद
इनके द्वारा लिखी गई आत्मकथा का नाम ‘गोल‘ है। जिसमें इन्होंने यह लिखा है कि आपको यह मालूम होना चाहिए कि मैं एक साधारण इंसान हूं।
भारत सरकार द्वारा 1956 में भारत के तीसरे उच्चतम सम्मान पद्म भूषण के साथ हॉकी के जादूगर ध्यानचंद को सम्मानित किया गया। ध्यानचंद ने अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर के दौरान 1000 से अधिक गोल किए इसीलिए उन्हें हॉकी का जादूगर भी कहा जाता है। सन 2012 में भारत सरकार द्वारा ध्यानचंद के जन्म दिन को भी राष्ट्रीय खेल दिवस (National Sports Day) के रूप में मनाए जाने का फैसला किया गया। दुनिया के सबसे बेहतर हॉकी खिलाड़ियों में से एक मेजर ध्यानचंद के सम्मान में भारत सरकार ने दिल्ली में बने स्टेडियम को मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम का नाम दिया और इस स्टेडियम में हॉकी का खेल करवाया जाता है। यह दिन खेल के प्रति युवाओं को प्रोत्साहित करने का अपना उद्देश्य रखता है।
भारत का सर्वोच्च खेल पुरस्कार क्या है?
???? Latest Update: – देश के सर्वोच्च खेल पुरस्कार राजीव गांधी खेल रत्न को बदलकर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार कर दिया गया है।
टोक्यो ओलंपिक में भारतीय महिला और पुरुष के टीमों के हॉकी में दमदार प्रदर्शन को देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने 6 अगस्त शुक्रवार 2021 को देश के सर्वोच्च खेल पुरस्कार राजीव गांधी खेल रत्न को बदलकर तीन बार ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता मेजर ध्यानचंद के नाम पर इस पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार कर दिया है।
इसके पहले खेल जगत के क्षेत्र में दिया जाने वाला सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार था। राजीव गांधी खेल रत्न भारत की खेल के क्षेत्र में दिया जाने वाला सर्वोत्तम पुरस्कार था।
अब से खेल के सबसे बड़े पुरस्कार को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार के नाम से जाना जाएगा।
ओलंपिक खेलों में शानदार प्रदर्शन के बीच यह बहुत ही बड़ा ऐतिहासिक फैसला किया गया। जब भारतीय टीम पुरुष हॉकी टीम 41 साल बाद ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने में सफल रहे इस उपलब्धि पर पूरा देश जोश में था और कई जगह से यह मांग थी कि देश के सर्वोच्च खेल रत्न पुरस्कार को मेजर ध्यान चंद्र पुरस्कार में बदला जाए। खेल रत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद जी को समर्पित किया जाए लोगों की भावनाओं को देखते हुए देश के सर्वोच्च खेल रत्न पुरस्कार को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार कर दिया गया है। इससे पहले विश्व के हॉकी खिलाड़ियों में से सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद के जन्म तिथि 29 अगस्त को भारत राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाता है। भारतीय ओलंपिक संघ ने ध्यानचंद को शताब्दी का खिलाड़ी भी घोषित किया था।
General FAQs
राष्ट्रीय खेल दिवस की शुरुआत कब हुई?
सन 2012 में भारत सरकार द्वारा ध्यानचंद के जन्म दिन को भी राष्ट्रीय खेल दिवस (National Sports Day) के रूप में मनाए जाने का फैसला किया गया।
राष्ट्रीय खेल दिवस किसकी याद में मनाया जाता है?
National Sports Day ( राष्ट्रीय खेल दिवस) हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की याद में मनाया जाता है।
राष्ट्रीय खेल दिवस कब से मनाया जाता है ?
राष्ट्रीय खेल दिवस सन 2012 से मनाया जाता है।
मेजर ध्यानचंद स्टेडियम कहां है?
National Stadium, India Gate Cir, National Stadium, India Gate, New Delhi, Delhi 110001
भारत में राष्ट्रीय खेल दिवस कब मनाया जाता है?
भारत में राष्ट्रीय खेल दिवस 29 अगस्त को मनाया जाता है।
भारत का राष्ट्रीय खेल क्या है?
भारत का राष्ट्रीय खेल हॉकी है।
हॉकी का जादूगर किसे कहते हैं?
हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद को कहा जाता है।
नेशनल स्पोर्ट्स डे किसकी याद में मनाया जाता है?
मेजर ध्यानचंद की याद में National Sports Day ( राष्ट्रीय खेल दिवस) मनाया जाता है।
नेशनल स्पोर्ट्स डे 2020 की थीम क्या था?
वर्ष 2020 में राष्ट्रीय खेल दिवस का थीम था-Making Play and Fitness Gender-Sensitive
अंतरराष्ट्रीय खेल दिवस कब मनाया जाता है?
अंतरराष्ट्रीय खेल दिवस 6 अप्रैल को मनाया जाता है।
खेलों के क्षेत्र में सबसे बड़ा पुरस्कार कौन सा है?
मेजर ध्यान चंद खेल रत्न पुरस्कार (पूर्व राजीव गांधी खेल रत्न) भारत में दिया जाने वाला सबसे बड़ा खेल पुरस्कार है।
भारतीय ओलंपिक संघ ने किसको शताब्दी का खिलाड़ी भी घोषित किया था?
हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद को शताब्दी का खिलाड़ी घोषित किया गया है।
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