Raksha Bandhan Festival 2022 in Hindi – यह भाई एवं बहन के भावनात्मक संबंधों का प्रतीक पर्व है. यह पर्व आत्मीय बंधन को मजबूती प्रदान करने के साथ-साथ हमारे भीतर सामाजिकता का विकास करता है. रक्षाबंधन पर्व का ऐतिहातिक, सामाजिक, आध्यात्मिक एवं राष्ट्रीय महत्व है. इस दिन बहन भाई की कलाई पर रेशम का धागा बांधती है तथा उसके दीर्घायु जीवन एवं सुरक्षा की कामना करती है.
रक्षाबंधन का आरंभः The beginning of Raksha Bandhan
श्रावण की अधिष्ठात्री देवी व्दारा ग्रह दृष्टि-निवारण के लिए महर्षि दुर्वासा ने रक्षाबंधन का विधान किया ऐसी मान्यता है कि त्रवणी पूर्णिमा या संक्राति तिथि को राखी बांधने से बुरे ग्रह कटते है.
रक्षाबंधन का महत्वः Importance of Raksha Bandhan
रक्षाबंधन का महत्व आज के परिप्रेरक्ष्य में इसलिए भी बढ़ जाता है, क्योंकि आज मूल्यों के क्षरण के कारण सामाजिकता सिमटती जा रही है और प्रेम व सम्मान की भावना में भी कमी आ रही है. यह त्योहार परिवार, समाज, देश और विश्व के प्रति अपने कर्तव्यों के प्रति हमारी जागरुकता भी बढ़ाता है.
रक्षाबंधन की पौराणिक कथाः Mythology of Raksha Bandhan
- रक्षा सूत्र सम्मान और आस्था प्रकट करने के लिए बांधा जाता है. विश्व कवि रवीन्द्रनाथ टैगोर ने इस पर्व पर बंग-भंग के विरोध में जन जागरण किया था और इस पर्व को एकता और भाई चारे का प्रतीक बनाया था.
- महाराजा राजसिंह ने इसी राखी के लिए रुप नगर की राजकुमारी का उध्दार कर औरंगजेब के छक्के छुड़ाए.
- इस राखी की वजह से सिकंदर को जीवनदान मिला. सिकंदर की पत्नी ने पति के हिंदू शत्रु पुरु को राखी बांध कर उसे अपना भाई बनाया था और युध्द के समय सिकंदर को न मारने का वचन लिया था. पुरु ने युध्द के दौरान ङाथ में बंधू राखी का और अपनी बहन को दिए वचन का सम्मान करते हुए सिकंदर को जीवन दान दिया था.
- हुमायूं ने भी राखी की लाज रखी मेवाड़ की महारानी कर्मावती ने मुगल राजा हुमायूं को राखी भेजकर रक्षा याचना की थी. हुमायूं मे भी ऱाखी की लाज रखी.
पूरे भारत में इस दिन का माहौल देखने लायक होता है. यही तो एक ऐसा विशेष दिन है जो भाई-बहनों के लिए बना है. इसे भारत के सभी धर्मो के लोग समान उत्साह और भाव से मनाते हैं. रक्षाबंधन पर बहनें भाईयों की दाहिने कलाई में राखी बांधती है. उनका तिलक करती हैं और उनसे अपनी रक्षा का संकल्प लेती हैं. आज यह त्योहार हमारी संस्कृति की पहचान है और हर भातवासी को इस त्योहार पर गर्व है.
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