UPSC Topper Success Story | Raushan Kumar IAS – कहते हैं कि सफलता जब तक ना मिले तब तक डंटकर मुकाबला करना चाहिए। धैर्य खोने वाला इंसान पहले ही हार मान जाता है। दोस्तों करोड़ों लोगों के जीवन में लंबा संघर्ष लिखा होता है लेकिन इस संघर्ष के साथ जीता है, उसे ही सफलता हासिल होती है।
इस बात को सच साबित कर दिया है यूपीएससी की तैयारी करने वाले UPSC topper success story: रौशन कुमार ने।
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Story of IAS topper Raushan Kumar
UPSC की 2018 अपनी सफलता हासिल करने वाले रौशन कुमार की कहानी हम सब के लिए बड़ी प्रेरणा आने वाली है। संघर्ष और धैर्य का दामन उन्होंने नहीं छोड़ा और सन 2013 से यूपीएससी कंपटीशन की तैयारी करने वाले रोशन फुल टाइम जॉब करते थे। ऐसे में उन्हें बहुत ही कम वक्त मिलता था कि अच्छे से तैयारी कर सकें, वे जॉब छोड़ना नहीं चाहते थे और यूपीएससी की तैयारी करके सफलता हासिल करना चाहते थे। एक ही रास्ता था कि लगातार तैयारी करते रहें। चार बार उन्हें असफलता ही हाथ लगी लेकिन अपनी जॉब को वे छोड़ना नहीं चाहते थे। जॉब करने के बाद उन्हें जो भी समय दिन में मिलता था, उन्हीं समय में वह मेहनत से लगातार पढ़ाई करते रहे। लगातार असफलता के बाद उन्होंने धैर्य नहीं छोड़ाऔर पांचवें प्रयास में सन 2018 को उनका यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल की और पूरे भारत में 114 रैंक हासिल की। असफलता से ना घबराने वाले रौशन कुमार के आईएएस बनने के अनुभवों को हम आपसे साझा कर रहे हैं, उनकी स्टोरी मोटिवेशनल है और लगातार संघर्ष करने वालों को प्रेरणा देती है। आपको भी जाना चाहिए।
टाइम मैनेजमेंट कर रखा पूरा ख्याल
एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि किस तरह से उन्होंने अपनी यूपीएससी की तैयारी के लिए एक सफल रणनीति बनाई। रौशन कुमार ने अपने जॉब के कारण कभी भी समय कम होने के कारण अपनी असफलता पर नकारात्मक सोच नहीं रखा बल्कि अपनी आईएएस के चार असफल प्रयासों में भी सकारात्मक बने रहे। आपने जॉब के बाद बचे हुए दिन के समय को छोटे-छोटे टुकड़ों में बांट कर पढ़ने के लिए निकाल लेते थे और इस तरह से हुए अपनी पढ़ाई को जारी रखें।।
असफलता में नहीं छोड़ा धैर्य
IAS topper बने Raushan Kumar ने अपनी असफलता को स्वीकार किया और कभी भी धैर्य नहीं खोया। हमें मालूम था कि निराशा के बादल अगर एक बार जीवन में छा गए तो जो सफलता असफलता के बाद मिलनी है वह भी नहीं मिल पाएगी इसलिए वे लगातार आशावादी होकर अपने जॉब के साथ आईएएस की परीक्षा की तैयारी करने लगे।
लगातार असफलता के बावजूद सफलता का स्वाद चखने वाले रोशन लाल ने अपने एक इंटरव्यू में बताया कि उनका एक सीक्रेट था कि जब यूपीएससी की तैयारी कर रहे थे तो उन्होंने बहुत कम लोगों को इसके बारे में बताया था। उनका मानना था कि इससे आपके ऊपर लोगों की अपेक्षाओं का दबाव नहीं होता है। फिर आप अपने अनुसार परीक्षा की तैयारी कर पाते हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा के साथ मेंस परीक्षा की भी तैयारी करनी चाहिए। इंटरव्यू में यह भी बताया कि अगर आप कहीं नौकरी कर रहे हैं तो बार-बार समय की कमी का रोना रोने से कोई फायदा नहीं है क्योंकि आपके पास अपने बचे हुए समय को और भी अच्छे तरीके से इस्तेमाल करके तैयारी कर सकते हैं इस और ध्यान देना चाहिए।
रौशन कुमार ने बताया आईएएस बनने के टिप्स
रौशन कुमार ने अपनी इस सफलता पर कुछ टिप्स, कंपटीशन की तैयारी करने वाले छात्रों को भी दिए-
- उन्होंने कहा कि लंबी अवधि पढ़ने के लिए नहीं मिल रही है तो छोटी छोटी अवधि यानी समय निकालकर आप UPSC की तैयारी भी कर सकते हैं।
- रौशन कुमार ने सलाह दी कि जितना हो सके सोशल लाइफ से दूर रहें और अपनी तैयारी पर ही ध्यान चयनित रखे।
- इसके अलावा उन्होंने बताया कि बेहतर रणनीति बनाकर अगर आप तैयार करते हैं तो आपको सफलता जल्दी मिलती है।
- उन्होंने यह भी बताया कि आईएएस की तैयारी करने के लिए आपको प्रश्न के उत्तर लिखने का अभ्यास अच्छे से करना चाहिए।
- असफलता से ना घबराए और सफलता के लिए पूरे मन से कोशिश करना चाहिए।
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इन बातों से आपको भी सफलता का सीक्रेट पता चल गया होगा। समय की कमी का रोना वास्तव में नहीं रोना चाहिए क्योंकि समय यह बहुत छोटे छोटे हिस्से को भी अगर हम सही उपयोग करें तो किसी भी परीक्षा में हमें कामयाबी मिल सकती है इस बात को रोशन लाल ने साबित कर दिया।
आईएस रौशन कुमार लाल की यूपीएससी तैयारी की खास बातें
- नौकरी करते हुए आईएएस की परीक्षा की तैयारी की।
- जॉब के बाद बचे समय का सही सदुपयोग करके उन्होंने सफलता की ओर कदम बढ़ाया
- लेकिन चार बार उन्हें असफलता का भी सामना करना पड़ा।
- आईएएस की परीक्षा में पांचवीं बार बैठे और इस बार सफल ही नहीं हुए बल्कि एक 114वीं रैंक लाकर का टॉपर भी बने।
तो दोस्तों असफलता के बाद सफलता की स्वाद चखने वाली आईएएस टॉपर रौशन कुमार की यह कहानी हमें प्रेरणा देती है कि हमें भी कभी भी असफलता से हार नहीं माननी चाहिए, लगातार परिश्रम करने से ही अंततः सफलता जरूर मिलती है।
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