कोरोना वायरस का नाम ‘Corona Virus’ ही क्यों रखा गया है?

कोरोना वायरस का नाम ‘CoronaVirus’ ही क्यों रखा गया है?Corona Virus चीन से शुरू हुआ भयावह बीमारी जो दिन प्रतिदिन और भयावह होती जा रही है और इस कोरोना वायरस का संक्रमण विश्व के कई देशों में फ़ैल गया है भारत भी इससे अछूता नही है. ऐसे माहौल में कोई भी देश अपने नागरिको को चीन जाने की सलाह नही देता है.

WHO ने इसे आपातकाल महामारी घोषित किया है. यह वायरस चीन के वुहान से शुरू होकर दुनिया भर के देशों में दस्तक दे दिया है. इस वायरस का कोई भी वैक्सीन अभी तक नही बना है. विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा हाल ही में इसे नया नाम दिया गया है “COVID-19“.

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इस अन्तराष्ट्रीय आपात स्थिति में WHO ने अपने एक बयान में कोरोना वायरस को विश्व के लिए बहुत बड़ा खतरा बताया है. इस वायरस को आतंकवाद से ज्यादा खतरनाक बताया है. साथ ही WHO द्वारा अपील की गयी है की इस समस्या से निपटने के लिए दुनिया के सभी देशों को साथ मिलकर समस्या का समाधान खोजना चाहिए. कोरोना वायरस से होने वाली बीमारी को COVID-19 नाम दिया गया है. WHO की सबसे बड़ी चिंता कमजोर स्वास्थ्य व्यवस्था वाले देश है.

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कोरोना वायरस का नाम 'CoronaVirus' ही क्यों रखा गया है?
कोरोना वायरस का नाम ‘CoronaVirus’ ही क्यों रखा गया है?

नॉबेल कोरोना वायरस का आधिकारिक नाम “COVID-19” रखा गया है. जिसके प्रत्येक शब्द का मतलब है जिसमें ‘CO’ का अर्थ कोरोना ‘VI’ का अर्थ वायरस तथा ‘D’ का अर्थ डिजीज है इसमें ’19’ का मतलब वर्ष 2019 से है. क्योंकि इस वायरस की जानकारी 2019 में ही हो गयी थी. आपको ये भी जानने की इच्छा होगी की आखिर इन सब बीमारियों का नाम कौन रखता है? कैसे रखता है? और कैसे इनका नाम रखा जाता है?

कोरोना वायरस या COVID-19 कई विषाणुओं का एक समूह है, जो स्तनधारियों और पक्षियों में फैलता है.

आखिर बीमारियों का नाम कौन रखता है?

रोगों को आधिकारिक तौर पर WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) द्वारा International Classification of Diseases में नामित किया जाता है. virologist और scientist का groups इस काम को करते है. वायरस का नाम International Committee on Taxonomy of Viruses (ICTV) द्वारा रखा जाता है.

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बीमारियों का नाम क्यों रखा जाता है?

हर बीमारी का एक नाम होता है. और बीमारियों को एक विशेष नाम दिया जाता है. ताकि उसके संक्रामकता को रोका जा सके, वायरस का नाम उसके अनुवांशिक संरचना के आधार पर रखा जाता है. रोगों के परिक्षण,टीकों और दवाइयों के विकास को सुविधाजनक बनाया जा सके इस लिए भी किसी भी वायरस या बीमारी का नाम होना जरुरी है. यदि बीमारियों का नाम नही रखा जायेगा तो इसकी पहचान करना मुश्किल होगा. नाम होने से इसकी पहचान, लक्षण, प्रसार, गंभीरता, रोकथाम और उपचार के लिए सफल प्रयास किया जा सकता है. रोगों का नाम होने से इसका इलाज करना और फैलने से रोकना आसन हो जाता है.

NOTE :-

  • WHO द्वारा 30 जनवरी 2020 को कोरोना वायरस का आधिकारिक नाम दिया.
  • 11 फरवरी 2020 को “COVID-19” नाम मिला.
  • कोरोना वायरस या COVID-19 कई विषाणुओं का एक समूह है, जो स्तनधारियों और पक्षियों में फैलता है.
  • नॉबेल कोरोना वायरस का आधिकारिक नाम “COVID-19” रखा गया है.
  • इस वायरस की जानकारी 2019 में ही हो गयी थी.
  • वायरस का नाम International Committee on Taxonomy of Viruses (ICTV) द्वारा रखा जाता है.
  • इस वायरस की जानकारी सबसे पहले जापान और जर्मनी को हुआ.
  • coronavirus कुछ विशेष प्रजातियों के जानवर जैसे साँप और चमगादड़ में पाया जाता है.
  • यह विषाणु मानव से मानव में फ़ैल रहा है.
  • इस वायरस का कोई भी वैक्सीन अभी तक नही बना है.
  • कोरोना वायरस चीन के वुहान से शुरू होकर दुनिया भर में फ़ैल गया है.
  • WHO ने इसे अन्तराष्ट्रीय आपातकाल महामारी घोषित किया है.

coronavirus को लेकर पूरी दुनिया भय में साँस ले रही है. कोरोना वायरस मेडिकल साइंस के लिए इस वक्त challenge बना हुआ है. इसकी जानकारी सबसे पहले जापान और जर्मनी को हुआ जिससे ये बात सामने आया की यह विषाणु मानव से मानव में फ़ैल रहा है. coronavirus कुछ विशेष प्रजातियों के जानवर जैसे साँप और चमगादड़ में पाया जाता है. जब यह इंसानों के शरीर में जीवो के मांस से पहुँचा, तो इसने अपने आप को विकसित कर लिया, और तेजी से पनपना शुरू कर दिया. इस विषाणु ने मानव से मानव तक आसानी से अपनी पहुँच बना ली.

इसके बारे में लोगो की उत्सुकता होना लाजमी है, की ये क्या है? कैसी बीमारी है? इतना खतरनाक क्यूँ है? ये कैसे फैलता है? इसको कैसे रोका जा सकता है? आखिर इसका नाम कोरोना ही क्यों पड़ा? आदि.

इस वायरस का नाम कोरोना ही क्यों?

दरअसल जब सूर्यग्रहण लगता है उस दौरान पृथ्वी सूर्य को पूरी तरह ढँक देती है तब सूर्य दिखना तो बंद हो जाता है किन्तु सूर्य की किरणें गोले के रूप में ही चारों तरफ फ़ैल रही होती है जो रौशनी दिखाई देती है, बाकी ब्रह्माण्ड में विलुप्त हो जाती है. पृथ्वी की छाया के चारो ओर जो रौशनी दिखाई देती है उसे ही कोरोना कहते है. इस वायरस की बनावट भी कुछ ऐसी ही है. यह वायरस गोल है, जो हर दिशा में फैलती हुई सी लगती है. इस कारण इस वायरस को कोरोना नाम दिया गया है.


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